‘एक इंसान सुपरमैन बनना चाहता है'..., मोहन भागवत के इस बयान के क्या हैं संकेत? जानें यहां
RSS Chief Mohan Bhagwat: बीते सवा महीने से ऐसे दो मौके पर आए हैं, जब मोहन भागवत ने ऐसे बयान दिये हैं, उसमें उन्होंने किसी का नाम तो उल्लेख नहीं किया।
RSS Chief Mohan Bhagwat: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को झारखंड से जो बयान दिया है, उसके कुछ सियासी मायने निकल रहे हैं। जानकारों की मानें तो आरएसएस चीफ का यह बयान सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए दिया गया है। RSS सरसंघचालक ने कहा कि प्रगति का कभी कोई अंत होता। जब हम अपने लक्ष्य तक पहुंचते हैं, तो हम देखते हैं कि अभी भी बहुत कुछ करना बाकी है। एक आदमी सुपरमैन बनना चाहता है, फिर एक देव और फिर भगवान। भागवत द्वारा एक आदमी सुपरमैन बनाने वाले वाक्य पर ही सियासी पारा चढ़ हुआ है। कांग्रेस सहित कई विरोधी दल भागवत के इस बयान पर पीएम मोदी की बिना नाम लिये हुए चुटकी ले रहे हैं। कुछ जानकार की मानें तो भागवत का यह बयान हर आदमी के लिए, लेकिन भाजपा के विरोधी दल इसको पीएम मोदी से जुड़कर देख रहे हैं।
RSS चीफ ने बयान में क्या कहा?
दरअसल, RSS प्रमुख माहोन भागवत पिछले एक सप्ताह से झारखंड में हैं। तीन दिवसीय राष्ट्रीय स्तर के प्रांत प्रचारकों (क्षेत्रीय प्रमुख) की बैठक में शामिल होने के लिए वह 12 जुलाई को झारखंड की राजधानी रांची पहुंचे थे। 18 जुलाई को वे गुमला जिले के बिशुनपुर में थे, वहां उन्होंने स्वयंसेवी संस्था विकास भारती द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में शिरकत की थी, कार्यक्रम को संबोधित भी किया था। भागवत ने कल कहा एक आदमी सुपरमैन बनना चाहता है, फिर एक देव और फिर भगवान। आंतरिक और बाह्य दोनों ही प्रकार के विकासों का कोई अंत नहीं है। यह एक सतत प्रक्रिया है। बहुत कुछ किया जा चुका है, लेकिन अभी भी बहुत कुछ बाकी है। उन्होंने कहा कि लोगों को मानव जाति के कल्याण के लिए अथक प्रयास करना चाहिए, क्योंकि विकास और मानव महत्वकांक्षा का कोई अंत नहीं है।
BJP और RSS आमने-सामने
लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद भाजपा और आरएसए के बीच कुछ खटास दिख रही है। यह खटास तब शुरू हुई, जब एक चुनावी रैली के दौरान भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा था कि भाजपा अब ऐसी पार्टी की बन गई है, उसको अब आरआरएस की उतनी जरूरत नहीं, लेकिन जब लोकसभा चुनाव के नतीजे समाने आए तो भाजपा को काफी नकुसान उठाना पड़ा। पार्टी 2019 और 2014 के चुनाव की तुलना में 2024 में सबसे खराब प्रदर्शन किया। BJP की हालत ऐसी हुई, अकेले दम पर पूर्णबहुमत तक हासिल नहीं कर पाई। लगातार तीसरी बार केंद्र की सत्ता में हुई भाजपा की वापस को सहयोगी दलों का सहारा लेना पड़ा। बीते सवा महीने से ऐसे दो मौके पर आए हैं, जब मोहन भागवत ने ऐसे बयान दिये हैं, उसमें उन्होंने किसी का नाम तो उल्लेख नहीं किया, लेकिन समय और संदर्भ से लोग यही अनुमान लगा रहे हैं कि पीएम मोदी को लक्ष्य करके ये बाते कहीं गई हैं।