राजस्थान के सियासी संग्राम में आप की एंट्री,केजरीवाल के बयान पर कांग्रेस हमलावर,गुजरात की तरह BJP को मिल सकता है फायदा
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अब राजस्थान में आम आदमी पार्टी की दमदार मौजूदगी दर्ज कराने की कोशिश में जुट गए हैं। राजस्थान में अभी तक मुख्य रूप से मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच होता रहा है
नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अब राजस्थान में आम आदमी पार्टी की दमदार मौजूदगी दर्ज कराने की कोशिश में जुट गए हैं। राजस्थान में अभी तक मुख्य रूप से मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच होता रहा है मगर इस बार माहौल बदल सकता है। केजरीवाल ने रविवार को कांग्रेस पर तीखे हमले करके राजस्थान के विधानसभा चुनाव में अपने सियासी इरादे जाहिर कर दिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वसुंधरा राजे को अपनी बहन बना लिया है और बेचारा सचिन पायलट रो-रोकर मर गया मगर गहलोत वसुंधरा के खिलाफ जांच नहीं करा रहे हैं।
कांग्रेस की ओर से भी अरविंद केजरीवाल के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया जताई गई है। कांग्रेस ने कहा कि अरविंद केजरीवाल को झूठ बोलने का तमगा मिलना चाहिए और उन्हें राजस्थान में कुछ भी हासिल होने वाला नहीं है। सियासी जानकारों का मानना है कि अरविंद केजरीवाल ने गुजरात में कांग्रेस को काफी सियासी नुकसान पहुंचाया था और अब राजस्थान में भी वे यह कारनामा कर सकते हैं। इससे भाजपा को सियासी फायदा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
गहलोत पर केजरीवाल का तीखा तंज
विपक्षी दलों के बीच एकजुटता की कवायद के बीच राजस्थान में कांग्रेस और आप के बीच बड़ा सियासी घमासान छिड़ता नजर आ रहा है। अरविंद केजरीवाल ने रविवार को श्रीगंगानगर में आप की रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस और भाजपा दोनों को भ्रष्टाचार में लिप्त बताया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पहले वसुंधरा राजे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाया करते थे मगर सीएम बनने पर उनका रवैया पूरी तरह बदल गया। उन्होंने वसुंधरा राजे को अपनी बहन बना लिया और सचिन पायलट की तमाम कोशिशों के बावजूद वसुंधरा के खिलाफ कोई जांच नहीं कराई।
उन्होंने राजस्थान के लोगों से कहा कि आप को एक बार सरकार बनाने का मौका दीजिए और आप लोग कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों को भूल जाएंगे। उन्होंने फ्री बिजली और मोहल्ला क्लीनिक का दांव राजस्थान में भी खेला। यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की ओर से काला झंडा दिखाए जाने पर केजरीवाल ने तीखी प्रतिक्रिया जताई। गहलोत को ललकारते हुए उन्होंने यहां तक कहा कि मेरी पहली रैली में इतनी भीड़ हुई है,जितनी गहलोत के पूरे सियासी जीवन की किसी रैली में नहीं हुई।
कांग्रेस ने दिया केजरीवाल को जवाब
बाद में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी और राजस्थान सरकार में वरिष्ठ मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने केजरीवाल पर तीखे हमले किए। उन्होंने कहा कि केजरीवाल को झूठ बोलने का तमगा मिलना चाहिए। वे हर जगह अपनी ईमानदारी का ढिंढोरा पीटा करते हैं मगर 50 करोड़ की लागत से बनवाए गए अपने महल रूपी आवास के संबंध में मुंह नहीं खोलते। पूरा देश इस बाबत उनसे सवाल कर रहा है मगर उन्होंने चुप्पी साध रखी है। गहलोत के मंत्री ने कहा कि राजस्थान में आप को एक वोट नहीं मिलने वाला है।
सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की आप की तैयारी
राजस्थान में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और आम आदमी पार्टी सभी विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटी हुई है। आप मुखिया अरविंद केजरीवाल ने साफ कर दिया है कि राजस्थान के विधानसभा चुनाव में आप पूरी ताकत लगाएगी। उन्होंने राज्य के सभी विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी उतारने का बड़ा ऐलान भी किया।
उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी की ओर से जोरदार तैयारियां की जा रही हैं और पार्टी नेता और कार्यकर्ता चुनावों को लेकर काफी उत्साहित दिख रहे हैं। राजस्थान में लंबे समय से भाजपा और कांग्रेस के बीच हर पांच साल पर सत्ता बदलती रही है मगर इस बार आप की एंट्री से सियासी समीकरणों के भी प्रभावित होने की संभावना जताई जा रही है।
गुजरात की तरह कांग्रेस को हो सकता है नुकसान
राजस्थान से पहले गुजरात के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी कांग्रेस को बड़ा नुकसान पहुंचा चुकी है। गुजरात में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान आप सीटों के लिहाज से तो ज्यादा उपलब्धि नहीं हासिल कर सकी मगर वोट प्रतिशत के आधार पर उसने कांग्रेस को बड़ा सियासी नुकसान पहुंचाया। गुजरात के चुनाव में आप सिर्फ पांच सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब रही थी मगर पार्टी को करीब 13 फ़ीसदी वोट मिले थे। कई इलाकों में आप प्रत्याशियों के कारण कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा।
अब गुजरात जैसी स्थिति राजस्थान में भी बनती दिख रही है। यदि राजस्थान में भी आप गुजरात की तरह वोट पाने में कामयाब रही तो इससे कांग्रेस को बड़ा सियासी नुकसान पहुंचने की आशंका जताई जा रही है। दूसरी ओर भाजपा विरोधी मतों के बंटवारे से भाजपा को बड़ा फायदा होने की उम्मीद जताई जा रही है। जानकारों का मानना है कि आने वाले दिनों में कांग्रेस और आप के बीच जुबानी जंग और तेज हो सकती है। मजे की बात यह है कि पटना में 23 जून को विपक्षी दलों की बड़ी बैठक होने वाली है मगर उससे पूर्व आप और कांग्रेस के बीच तीखी जुबानी जंग छिड़ गई है।