Abdul Kalam Death Anniversary: वो शख्स जिसे कहा गया पीपुल्स प्रेसीडेंट, जानिए एपीजे अब्दुल कलाम से जुड़ीं 10 दिलचस्प बातें

Abdul Kalam Death Anniversary: डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की आज 7 वीं पुण्यतिथि है। सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लगा हुआ है।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2022-07-27 13:19 IST

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम (photo: social media ) 

Abdul Kalam Death Anniversary:  दो दिन पहले देश को पहला आदिवासी राष्ट्रपति मिला है। द्रौपदी मुर्मू देश की 15वीं राष्ट्रपति के तौर पर पदभार ग्रहण कर चुकी हैं। उनका देश के सर्वोच्च पद के लिए चुना भारतीय लोकतंत्र की एक और बड़ी सफलता के तौर पर देखा जा रहा है। इस पद पर आज से तकरीबन 20 साल पहले एक ऐसे शख्स की ताजपोशी हुई थी, जिसे पीपुल्स प्रेसीडेंट कहा गया। हम बात कर रहे पूर्व राष्ट्रपति और मिसाइल मैन के नाम से मशहूर डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की है।

कलाम की आज 7 वीं पुण्यतिथि है। सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लगा हुआ है। सुबह से ही उनका नाम तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर ट्रेंड कर रहा है। पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का व्यक्तिव ही ऐसा था, जो देश के अन्य राष्ट्रपतियों के मुकाबले उन्हें अलग खड़ा करता है। वह एक महान शिक्षक, वैज्ञानिक और पीपुल्स प्रेसीडेंट थे। उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी राष्ट्र के उत्थान में समर्पित कर दिया। तो आइए इस महान शख्सियत से जुड़ी 10 दिलचस्प बातों के बारे में जानते हैं –

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम से जुडी 10 दिलचस्प बातें 

1. बीबीसी के एक रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्व राष्ट्रपति जानिए एपीजे अब्दुल कलाम ने पद पर रहने के दौरान राष्ट्रपति भवन में होने वाली इफ्तार दावतों को बंद करवाया और इन दावतों में खर्च होने वाली राशि को अनाथालयों के बीच वितरित करने को कहा। इतना ही नहीं एक लाख रूपये उन्होंने अपनी तरफ से भी दिए।

2. साल 2006 में उनके राष्ट्रपति रहते हुए एकबार उनका परिवार दिल्ली आया था। परिवार के 52 सदस्य 8 दिन तक राष्ट्रपति भवन में रूके थे। उनके जाने के बाद कलाम ने परिजनों के रूकने से लेकर उनके खाने तक का खर्च अपनी जेब से दिया।

3. कलाम राष्ट्रपति भवन के कर्मचारियों के बीच भी काफी लोकप्रिय थे। बताया जाता है कि एकबार सर्दियों के दौरान वह राष्ट्रपति भवन में टहल रहे थे। इस दौरान उनकी नजर सुरक्षा गार्डों के लिए बनी केबिन पर पड़ी, उन्होंने देखा कि एक गार्ड भीषण ठंड से कंपकपा रहा है। पूर्व राष्ट्रपति ने फौरन अधिकारियों को केबिन में हीटर लगाने का आदेश दिया। इसी तरह गर्मियों में उन्होंने पंखे लगाने के निर्देश दिए।

4. 15 अक्टूबर 1931 को एक तमिल मुस्लिम परिवार में जन्मे अब्दुल कलाम का बचपन तंगहाली में गुजरा। अपने परिवार की आर्थिक सहायता के लिए स्कूली शिक्षा के दौरान उन्होंने अखबार भी बांटे। उनका पूरा नाम अवुल पकिर जैनुलाबदीन अब्दुल कलाम है।

5. पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम जुलाई 1992 से लेकर दिसंबर 1999 तक प्रधानमंत्री के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार और डीआरडीओ के सचिव थे। पोरखण – 2 परमाणु परीक्षण इसी दौरान हुआ था, जिसमें उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी।

6. साल 2002 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के एक फोन कॉल ने कलाम को देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर जाने का मार्ग प्रशस्त किया था। उन्होंने उस साल राष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी उम्मीदवार लक्ष्मी सहगल को पराजित किया था। उनका कार्यकाल 25 जुलाई 2002 से 25 जुलाई 2007 तक रहा था।

7. अब्दुल कलाम देश के ऐसे तीसरे राष्ट्रपति थे, जिन्हें पद मिलने से पहले ही भारत रत्न से सम्मानित किया जा चुका था। उन्हें 1997 में भारत रत्न से नवाजा गया था। इससे पहले ये सौभाग्य डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन और डॉ. जाकिर हुसैन को भी मिला था।

8. उनकी आत्मकथा विंग्स ऑफ वायर: एन ऑटोबायोग्राफी अंग्रेजी, फेंच और मंदारिन समेत 13 भाषाओं में अनुवाद किया गया है। उनके जीवन और कार्यों पर इसके अलावा छह और किताबें लिखीं गई हैं। कलाम को देश – विदेश के 48 संस्थानों से डॉक्टरेट की मानद उपाधि मिली थी।

9. 27 जुलाई 2015 को मेघालय की राजधानी शिलांग स्थित शिलांघ आईआईएम में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे कलाम को अचानक कार्डिएक अरेस्ट आया था, जिससे उनकी मौत हो गई थी। उनके आखिरी शब्द थे – फनी गाइज, आर यू डूइंग वैल ?

10. ओडिशा सरकार ने उनके सम्मान में व्हीलप द्वीप का नाम अब्दुल कलाम आइलैंड कर दिया।

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