राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर विवादित ट्वीट कर घिरे अधीर रंजन चौधरी, बाद में डिलीट कर देने लगे सफाई
Adhir Ranjan Chowdhury Tweet: कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए एक ट्वीट किया। लेकिन उनके इस ट्वीट पर बवाल खड़ा हो गया है।
Adhir Ranjan Chowdhury Tweet: देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की आज यानि 21 मई को 31वीं पुण्यतिथि है। सत्ता पक्ष और विपक्ष के तमाम बड़े नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। इसी क्रम में लोकसभा में कांग्रेस के नेता (Congress leader) अधीर रंजन चौधरी ने भी उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए एक ट्वीट किया। लेकिन उनके इस ट्वीट (Adhir Ranjan Chowdhury Tweet) पर बवाल खड़ा हो गया है। दरअसल उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा था – 'जब बड़ा पेड़ हिलता है तो धरती कांपती है '। हालांकि ट्वीट पर बवाल बढ़ता देख आनन – फानन में उन्होंने इसे डिलीट भी कर दिया है।
इंदिरा गांधी की हत्या के बाद राजीव गांधी ने दिया था बयान
आपको बता दें कि भूतपूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने यह टिप्पणी अपना मां और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद देशभर में हुए सिख विरोधी दंगे को लेकर की थी। जिसकी काफी तीखी आलोचना हुई थी। इस टिप्पणी ने आज भी कांग्रेस का पीछा नहीं छोड़ा है। बीजेपी समेत अन्य कांग्रेस विरोधी दल समय - समय पर इस टिप्पणी को याद कर कांग्रेस के हाथ सिख दंगों के खून से रंगे होने के आरोप लगाते रहते हैं।
अधीर रंजन चौधरी की सफाई
अपने ट्वीट को लेकर घिरता देख कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी अब अपनी सफाई पेश करने लगे हैं। उन्होंने इससे पल्ला झाड़ते हुए कहा कि इससे मेरा कोई लेना – देना नहीं है। विरोधी ताकतों द्वारा मेरे खिलाफ दुर्भावनापूर्ण प्रचार अभियान चलाया जा रहा है। बता दें कि अधीर रंजन कई बार अपनी विवादित टिप्पणियों को लेकर कांग्रेस की किरकिरी करा चुके हैं। ऐसे में उनके ताजा हरकत पर कांग्रेस क्या रूख अपनाती देखने वाली बात होगी।
आत्मघाती बम धमाके में हुई थी राजीव गांधी की मौत
भारत के सबसे युवा प्रधानमंत्री रहे राजीव गांधी की हत्या आज ही के दिन 21 मई 19991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में एक आत्मघाती बम धमाके में कर दी गई थी। राजीव लोकसभा चुनाव के प्रचार के लिए वहां गए हुए थे। तमिल विद्रोही संगठन लिट्टे (लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम) उनके कार्य़काल में भारत द्वारा श्रीलंका में शांति सैनिक भेजने के फैसले को लेकर नाराज था।
लिट्टे ने इसी का बदला लेने के लिए पूर्व पीएम पर हमला करवाया। इस दर्दनाक हमले में राजीव गांधी और हमलावर धनु समेत 16 लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी। जबकि 45 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। बता दें कि राजीव गांधी को देश में आधुनिकीकरण लाने वाले नेता के रूप में जाना जाता है।