SOPs For Journalists: अतीक अशरफ की हत्या के बाद मीडियाकर्मियों के लिए गृहमंत्रालय तैयार करेगी SOPs, जल्द होंगी जारी

Atiq Ashraf Murder : केंद्रीय गृह मंत्रालय पत्रकारों की सुरक्षा के लिए एक एसओपी तैयार करेगा। अतीक और अशरफ की हत्या के बाद यह तय हुआ है।

Update:2023-04-16 20:24 IST
Image: Social Media

SOPs For Journalists: कुख्यात माफिया और बाहुबली अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की सरेआम हत्या ने देश में भूचाल ला दिया है। तीन शूटरों ने जिस तरह पुलिस और मीडिया के कैमरे के सामने दोनों भाईयों को मौत के घाट उतारा, उस ने सबको हैरान कर दिया है। हमलावर मीडियकर्मी का रूप धारण कर पत्रकारों की भीड़ में शामिल थे। ऐसे में अब पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं। केंद्र सरकार ने दिशा में एक बड़ा कदम उठाने जा रही है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय पत्रकारों की सुरक्षा के लिए एक एसओपी तैयार करेगा। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, गृह मंत्रालय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में मीडियाकर्मियों की सुरक्षा के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करेगा। दरअसल, शनिवार रात को जब अतीक और उसके भाई अशरफ को पुलिसकर्मी मेडिकल चेकअप करवाने के लिए ले जा रहे थे, तभी पहले से मीडिया के भेष में घात लगाए बैठे हमलावरों ने नजदीक से दोनों को गोली मार दी।

अतीक और उसका भाई पत्रकारों की ओर से पूछे जा रहे सवालों का जवाब देने की कोशिश कर ही रहा था, तभी ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू हो गई। अतीक अहमद और अशरफ अहमद गोली लगने के बाद फौरन मौके पर ही ढ़ेर हो गए। कुछ देर के लिए मौके पर अफरातफरी मच गई। अचानक हुई इस घटना ने पुलिसकर्मियों को भी संभलने का मौका नहीं दिया और वे हमलावरों को रोक नहीं पाए। अतीक और अशरफ की हत्या करने के बाद तीनों हमलावरों ने खुद को पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया।

इस वारदात को बांदा के रहने वाले लवलेश तिवारी, हमीरपुर का रहने वाला सनी सिंह और कासगंज के अरूण मौर्य ने अंजाम दिया था। तीनों का आपराधिक बैकग्राउंड रहा है। पुलिस ने अपने एफआईआर में लिखा है कि तीनों शूटर्स अतीक और उसके भाई को मारकर यूपी में फेमस होना चाहते थे। उधर, सीएम योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में घटना को लेकर उच्च स्तरीय बैठक की। 3 घंटे तक चली बैठक में अधिकारियों ने सीएम को स्थिति से अवगत कराया। बैठक में 5 आईपीएस अधिकारियों को प्रयागराज भेजने का निर्णय़ लिया गया है। ये अफसर शहर में लॉ एंड ऑर्डर बनाए रखने के लिए भेजे जा रहे हैं।

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