Wrestlers Protest:‘यह दिन किसी खिलाड़ी के जीवन में न आए’, विनेश फोगाट के पुरस्कार लौटाने पर बोले बजरंग पूनिया, राहुल गांधी ने भी बोला हमला

Wrestlers Protest: दिग्गज महिला पहलवान विनेश फोगाट ने भी अपना सम्मान वापस कर दिया है। उन्होंने कर्तव्य पथ पर अपना खेल रत्न और अर्जुन अवॉर्ड पुरस्कार छोड़ दिया।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2023-12-31 09:24 IST

Wrestlers Protest (Photo:Social Media)

Wrestlers Protest. नवनिर्वाचित कुश्ती संघ को निलंबित किए जाने के बाद भी पहलवानों की नाराजगी कम होती नजर नहीं आ रही है। 21 दिसंबर को बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह के कुश्ती संघ प्रमुख का चुनाव जीतते हुए नए बवाल खड़ा हो गया। ओलंपिक पदक विजेता महिला पहलवान साक्षी मलिक ने रोते हुए कुश्ती से सन्यास लेने की घोषणा कर दी। इसके बाद बजरंग पूनिया ने अपना पद्मश्री पुरस्कार लौटा दिया। अब विनेश फोगाट भी उसी राह पर चल पड़ी हैं।

दिग्गज महिला पहलवान विनेश फोगाट ने भी अपना सम्मान वापस कर दिया है। जब वह सम्मान वापस करने पीएमओ की ओर जा रही थीं तो कर्तव्य पथ पर ही पुलिस ने उन्हें रोक दिया और आगे बढ़ने नहीं दिया। जिसके बाद उन्होंने कर्तव्य पथ पर ही बैरिकेड्स के पास अपना खेल रत्न और अर्जुन अवॉर्ड पुरस्कार छोड़ दिया। साक्षी, विनेश और बजरंग ये तीन ऐसे पहलवान हैं, जिन्होंने इस साल जनवरी में तत्कालीन कुश्ती संघ प्रमुख बृजभूषण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोला था।

बजरंग ने वीडियो शेयर कर किया भावुक पोस्ट

22 दिसंबर को पीएमओ के सामने अपना पद्म श्री पुरस्कार छोड़कर आने वाले ओलंपिक पदक विजेता पहलवान बजरंग पूनिया ने एक वीडियो शेयर किया है। जिसमें मीडियाकर्मियों से घिरीं विनेश फोगाट पुरस्कार लौटाने जा रही होती हैं। बजरंग वीडियो शेयर कर लिखते हैं – ‘यह दिन किसी खिलाड़ी के जीवन में न आए। देश की महिला पहलवान सबसे बुरे दौर से गुज़र रही हैं।‘ इससे पहले बजरंग पूनिया ने पीएम मोदी को एक खत भी लिखा था। जिसमें उन्होंने कहा था कि मैं अपना पद्म श्री पुरस्कार प्रधानमंत्रीजी को लौटा रहा हूं। कहने के लिए यह बस मेरा यह पत्र है। यह मेरी स्टेटमेंट है।

पहलवानों की क्या है मांग

साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया ने बीजेपी के सांसद और पूर्व कुश्ती संघ प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ जो आंदोलन छेड़ा था, उसके अगले कुछ दिनों में एक साल पूरे हो जाएंगे। इस दौरान आंदोलन में कई उतार-चढ़ाव आए। बृजभूषण को अपना पद छोड़ना पड़ा और यौन उत्पीड़न मामले की जांच का सामना भी कर रहे हैं। हाल ही में जब उनके करीबी की कुश्ती संघ के प्रमुख के रूप में जीत हुई तो ऐसा लगने लगा कि अभी भी उनकी पकड़ मजबूत बनी हुई है।

लेकिन खेल मंत्रालय ने पिछले दिनों उन्हें बड़ा झटका देते हुए नए कुश्ती संघ को निलंबित करते हुए नवनिर्वाचित अध्यक्ष के फैसलों पर भी रोक लगा दी। पहलवानों की ओर से शुरू में इसका स्वागत भी किया गया। मगर वे सिर्फ इतने भर से संतुष्ट नहीं हैं। पहलवान बृजभूषण सिंह के खिलाफ कड़ी कार्रवाई चाहते हैं। उनकी एक और मांग ये है कि रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष पद पर किसी महिला को होना चाहिए।

पहलवानों के समर्थन में खुलकर कूदे राहुल गांधी

पहलवानों के समर्थन में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी खुलकर सामने आ गए हैं। उन्होंने विनेश फोगाट द्वारा अपना सम्मान वापस करने को लेकर प्रधानमंत्री पर सीधे हमला बोला है। कांग्रेस सांसद ने एक्स पर पुरस्कार लौटाने जा रही विनेश फोगाट का वीडियो शेयर करते हुए लिखा, देश की हर बेटी के लिये आत्मसम्मान पहले है, अन्य कोई भी पदक या सम्मान उसके बाद। आज क्या एक ‘घोषित बाहुबली’ से मिलने वाले ‘राजनीतिक फायदे’ की कीमत इन बहादुर बेटियों के आंसुओं से अधिक हो गई? प्रधानमंत्री राष्ट्र का अभिभावक होता है, उसकी ऐसी निष्ठुरता देख पीड़ा होती है।

दरअसल, बृजभूषण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले सभी पहलवान हरियाणा से हैं और उनमें से कुछ जाट बिरादरी के हैं। अगले साल लोकसभा और विधानसभा दोनों चुनाव राज्य में होने हैं। राज्य में सत्तारूढ़ बीजेपी और कांग्रेस के बीच मुकाबला है। लिहाजा इस मामले को लेकर राजनीति भी जमकर हो रही हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कुश्ती से सन्यास का ऐलान करने वाली साक्षी मलिक के घर जाकर उनसे मुलाकात की थी।

वहीं, राहुल गांधी 28 दिसंबर को हरियाणा के झज्जर स्थित पहलवानों के उस ट्रेनिंग कैंप में पहुंच गए जहां बजरंग पूनिया और दीपक पूनिया जैसे दिग्गज रेसलर प्रैक्टिस करते हैं। उन्होंने उनके साथ कुछ घंटे बिताए और उनकी समस्याओं को जाना। उनसे बातचाती का एक वीडियो शेयर करते हुए राहुल ने लिखा, अब होगा ‘न्याय का दंगल’! भारत की होनहार बेटियों के साथ दुर्व्यवहार, देश का गौरव बढ़ाने वाले खिलाड़ियों को धोखा - BJP क्या ये विरासत दे रही है देश को। स्वाभिमान और सम्मान - भारत के पहलवानों की बस इतनी सी मांग है।


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