Year Ender 2022: अग्निपथ योजना ने सुलगाया पूरा देश, नहीं झुकी फिर भी सरकार
Year Ender 2022: केंद्र सरकार द्वारा अग्निपथ योजना लागू करने के बाद में देश भर में भयंकर बवाल हुआ था, लेकिन भारी आंदोलन के बीच पीछे नहीं हटी और अपनी बात पर अडिग रही।
Year Ender 2022: केंद्र सरकार सेना मे युवाओं को भर्ती करने के लिए 14 जून 2022 को अग्निपथ योजना लेकर आई थी। केंद्र सरकार ने अग्निपथ की घोषणा करते समय कहा था कि इससे लाखों युवाओं का नौकरी करने का सपना साकार होगा। इसके तहत थल सेना, जल सेना और वायुसेना के लिए युवाओं की भर्ती की जाएगी। केंद्र सरकार ने अग्निपथ योजना के पीछे तर्क दिया था कि इससे सेना का विकास होगा और नौजवानों की बेरोजगारी कम होगी। अग्निपथ योजना के तहत जो भर्ती की जाएगी वो चार साल के लिए होगी। इसमें 17.5 से 21 वर्ष आयु के लड़कों एवं लड़कियों की भर्ती की जाएगी। हलांकि 2022 के लिए अग्निपथ योजना के तहत वायुसेना में भर्ती किए जाने वाले उम्मीदवारों की उम्र सीमा को बढ़ाकर 23 साल कर दिया गया है।
अग्निवीरों को मिलेंगी ये सुविधाएं
केंद्र सरकार के मुताबिक 4 साल के लिए भर्ती होने वाले उम्मीदवारों को 6 माह की ट्रेनिंग दी जाएगी और 3.5 साल की नौकरी रहेगी। सेना में भर्ती युवाओं को यूनिफार्म अलाउंस, कैंटीन और मेडिकल की सुविधा चार साल तक दी जाएंगी। चार साल की सर्विस के दौरान यदि अगर किसी अग्निवीर की मौत हो जाती है , तो बीमा कवर के रुप में उसके परिवार को 1 करोड़ की राशि दी जाएगी। ड्यूटी के दौरान विकलांग हो जाने पर 48 लाख रुपए मिलेंगे। साथ ही जितनी नौकरी बची है, उसकी पूरी सैलरी सहित सेवा निधि का पूरा पैकेज दिया जाएगा।
सेना में चार साल के लिए शामिल होने वाले युवाओं को अग्निवीर का नाम दिया जाएगा। चार साल की सेवा पूरी होने के बाद में 25 फीसदी उम्मीदवारों को बरकरार नौकरी पर रखा जाएगा। सरकार द्वारा ऐसा कहा जा रहा है कि 25 फीसदी उम्मीदवारों को उनकी योग्यता और फिटनेस के आधार पर सेना में नियमित सेना के लिए चयन कर लिया जाएगा। नियमित हो जाने बाद में 15 साल तक अपनी सेवाएं देते रहेंगे। बांकी के 75 फीसदी उम्मीदवारों को अग्निवीर नाम देकर के रिटायर कर दिया जाएगा।
सरकार की अग्निपथ योजना के तहत प्रथम वर्ष में वेतन 30 हजार रुपए महीना मिलेगा, जिसमें से 9 हजार रुपए की कटौती की जाएगी। दूसरे साल 33 हजार रुपए महीना वेतन मिलेगा, जिसमें से 10 हजार रुपए महीना कटौती की जाएगी, 23 हजार रुपए महीना वेतन मिलता रहेगा। तीसरे साल में 36 हजार रुपए वेतन होगा जिसमें से 11 हजार रुपए की कटौती होकर 25 हजार रुपए मिलेंगे। चौथे वर्ष में 40 हजार रुपए वेतन होगा, जिसमें से 12 हजार रुपए की कटौती होने के बाद में 28 हजार रुपए मिलेंगे। 4 साल की सेवा के बाद में रिटायरमेंट होने पर सेवा निधि के पैकेज के रुप में 10 से 11 लाख रुपए मिलेंगे। सरकार चार साल की सेवा लेने के बाद में अग्निपथ के तहत भर्ती युवाओं को रिटायर कर देगी।
अग्निपथ योजना लागू होने के बाद देश भर में हुआ था आंदोलन
केंद्र सरकार द्वारा अग्निपथ योजना लागू करने के बाद में देश भर में भयंकर बवाल हुआ था। दिल्ली से लेकर उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड सहित पूरे देश में आंदोलन हुए। कई जगहों पर ये आंदोलन हिंसक भी हो गए थे। आंदोलन इतना ज्यादा बढ़ गया था कि कहीं पर ट्रेने जला दी गईं तो कहीं बस स्टाप जला दिए गए। कहीं पुलिस स्टेशन को ही आग हवाले कर दिया गया। जिसमे काफी लोगों की पहचान होने के बाद बाद में गिरफ्तार भी किया गया था।
आंदोलनकारी युवाओं का कहना था कि सरकार को उनसे बात करनी चाहिए। आंदोलन कर रहे छात्रों का कहना है कि उनको सरकार की अग्निपथ योजना बिल्कुल भी पसंद नहीं आई है, सरकार जले पर नमक छिड़कने का काम कर रही है। छात्रों का कहना था कि दो साल पहले जिन लोगों ने मेडिकल और फिजिकल पास कर लिया था उनकी अब तक लिखित परीक्षा नहीं हुई है। ऐसे में सरकार 4 साल वाली स्कीम निकालकर जले पर नमक छिड़कने का काम कर रही है। युवाओं का कहना रहा कि नौकरी के लिए उनकी उम्र गुजर रही है। सेना में भर्तियां रोक दी गई हैं। नाराज छात्रों का कहना रहा कि केंद्र सरकार की इस योजना में ही झोल है। सिर्फ चार साल बाद रिटायरमेंट दे दी जाएगी। आगे फिर हम क्या करेंगे? सोचिए 18 से 22 साल के 75प्रतिशत बच्चे 22-26 साल की उम्र में बेरोज़गार हो जाएंगे।
डिफेंस एक्सपर्ट ने उठाए थे सवाल
डिफेंस एक्सपर्ट्स ने कहा था कि अग्निवीर बनने वाले 75 फीसदी युवाओं का क्या? उन्हें दूसरी नौकरी दिलवाने के लिए सरकार के पास क्या कोई स्कीम है? डिफेंस एक्सपर्ट्स का मानना है कि आर्मी में एक बेहतर जवान को तैयार होने में 7-8 साल लग जाते हैं, ऐसे में अग्निवीर महज 6 महीने में ट्रेंड कैसे हो पाएंगे। इसके साथ ही अग्निवीर जवानों को हमेशा अपने परिवार की चिंता लगी रहेगी। वह किसी तरह अपना 3-4 साल पूरा कर निकलने की फिराक में रहेगा। पूर्व सैनिक भी सरकार की इस स्कीम का विरोध कर रहे हैं उनका मानना है सेना का मामला देश की सुरक्षा से जुड़ा हुआ मुद्दा है। ऐसे में फ़ौजियों के साथ 4-4 साल वाला प्रयोग ठीक नहीं है।
पूर्व सैनिकों का अग्निपथ योजना की तारीफ करने वाले नेताओं से कहा था कि यदि अगर यह योजना इतनी ही अच्छी है तो उन्हें सबसे पहले अपने बच्चों और रिश्तेदारों को सेना में भेजने की घोषणा करनी चाहिए। उन्होंने कहा, 'सुरक्षा की दृष्टि से यह एक बड़ी त्रासदी है। इस समय हिंदुस्तान की फौज दुनिया में सबसे पेशेवर और बेहतरीन फौज है। जो आज बेहतरीन है, वह इस योजना के माध्यम से सेकेंड ग्रेड हो जाएगी।