राजनीति से दूर हैं अहमद पटेल के बेटे और बेटी, जानिए उनके बारे में

कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता अहमद पटेल अब इस दुनिया में नही रहे। पिछले एक महीने से वह कोरोना से संक्रमित होने की वजह से बुधवार तड़के उन्होंने आखिरी सांसें लीं। जिसके बाद से पटेल परिवार इस वक़्त सदमे में है।

Update: 2020-11-25 04:05 GMT
राजनीति से दूर हैं अहमद पटेल के बेटे और बेटी, जानिए उनके बारे में

कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता अहमद पटेल अब इस दुनिया में नही रहे। पिछले एक महीने से वह कोरोना से संक्रमित होने की वजह से बुधवार तड़के उन्होंने आखिरी सांसें लीं। जिसके बाद से पटेल परिवार इस वक़्त सदमे में है।

अहमद पटेल के बेटे फैजल पटेल

अहमद पटेल ने 1976 में मेमूना पटेल से शादी की थी। पटेल परिवार राजनीति से फिलहार दूर है। अहमद पटेल के बेटे फैजल पटेल 39 साल के हैं। वह एक बिजनेस एंटरप्रेन्योर हैं। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा देहरादून के दून पब्लिक स्कूल से हाईस्कूल की पढ़ाई पूरी की। जिसके बाद वह अमेरिका के हवाई पैसिफिक यूनिवर्सिटी से बीबीए की डिग्री ली है। वही फैज़ल ने ज़िऑन डिस्ट्रिब्यूशन के नाम से अपना वेंचर शुरू किया है।

बेटी मुमताज पटेल

दूसरी तरह अहमद पटेल की बेटी मुमताज पटेल की शादी बिजनेसमैन इरफान सिद्दिकी से हुई है। हाल ही में अहमद पटेल के दामाद इरफान सिद्दिकी के घर और ऑफिस में प्रवर्तन निदेशालय ने छापा मारा था। गुजरात के फार्मास्युटिकल फर्म और स्टर्लिंग बायोटेक के एक फ्रॉड केस को लेकर इरफान के खिलाफ ईडी ने ये एक्शन लिया था। जिसके बाद मनी लॉन्ड्रिंग केस में उन्होंने नई दिल्ली में ईडी दफ्तर में अपना बयान दर्ज कराया था।

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गांधी परिवार के बाद पटेल ‘नंबर 2’ माने जाते थे

गांधी परिवार के बाद पटेल ‘नंबर 2’ माने जाते थे।अहमद पटेल गांधी परिवार के सबसे करीबी थे। भले उनकी पहुंच बड़े बड़े लोगों से थी लेकिन असल ज़िन्दगी में वह लो-प्रोफाइल रखते थे, साइलेंट और हर किसी के लिए सीक्रेटिव थे। उन्हें अपना जीवन सादगी से बिताना पसंद था अहमद पटेल का जन्म गुजरात के भरूच जिले के अंकलेश्वर में हुआ था। वह लोकसभा सांसद में तीन बार (1977, 1980,1984) और पांच बार (1993,1999, 2005, 2011, 2017 से वर्तमान तक ) राज्यसभा सांसद रह चुके थे।

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पहले चुनाव में मिली थी जीत

बता दें, कि उन्होंने अपना पहला चुनाव 1977 में भरूच से लड़ा था। जिसमें उन्होंने जेट हासिल की थी। 1980 में फिर यहीं से चुनाव लड़ा इस बार 82,844 वोटों से जीते थे। 1984 के अपने तीसरे लोकसभा चुनाव में उन्होंने 1,23,069 वोटों से जीत दर्ज की थी।

यह बात सभी को पता है कि अहमद पटेल इंदिरा गांधी के वक़्त से कांग्रेस में थे। 1977 में जब इंदिरा को भी अपनी जीत पर भरोसा नहीं था, तब ये अहमद पटेल ही थे, जो उन्हें अपनी विधानसभा सीट पर मीटिंग आयोजित करने के लिए राजी कर लाए थे। राजीव गांधी के रहते हुए अहमद पटेल ने यूथ कांग्रेस का नेशनल नेटवर्क तैयार किया। इसका सबसे बड़ा ज्यादा सोनिया गांधी को मिला।आलोचकों का कहना था कि गांधी परिवार के प्रति उनकी न डिगने वाली निष्ठा ही हैं, जिस पर कोई सवाल नहीं उठा सकता।

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