Maharashtra Politics: अजित पवार का फिर चौंकाने वाला बयान, 16 विधायक अयोग्य घोषित हुए तो भी शिंदे सरकार को खतरा नहीं
Maharashtra Politics: अजित पवार को लेकर महाराष्ट्र की सियासत में काफी दिनों से सियासी अटकलें लगाई जाती रही हैं। उन्होंने एनसीपी छोड़कर भाजपा के साथ हाथ मिलाने की अटकलों का खंडन किया था।
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की सियासत में एनसीपी नेता अजित पवार अबूझ पहेली बने हुए हैं। वे काफी दिनों से अपने बयानों से सियासी हलकों में सबको चौकाते रहे हैं। अब उन्होंने एक बार फिर महाराष्ट्र के शिंदे सरकार के भविष्य को लेकर चौंकाने वाला बयान दिया है। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि शिंदे गुट के 16 विधायक अयोग्य भी घोषित कर दिए गए तो भी शिंदे सरकार के भविष्य पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है।
अजित पवार को लेकर महाराष्ट्र की सियासत में काफी दिनों से सियासी अटकलें लगाई जाती रही हैं। हालांकि पिछले दिनों उन्होंने सभी अटकलों पर यह कहकर विराम लगाने की कोशिश की थी कि मैं आगे भी एनसीपी को मजबूत बनाने की कोशिश में जुटा रहूंगा। उन्होंने एनसीपी छोड़कर भाजपा के साथ हाथ मिलाने की अटकलों का खंडन किया था।
सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला
शिवसेना में हुई बगावत के बाद शिंदे गुट और उद्धव घुट की याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों बड़ा फैसला सुनाया था। इस फैसले के तहत शीर्ष अदालत ने विधानसभा के स्पीकर को 16 विधायकों की अयोग्यता के संबंध में शीघ्र फैसला लेने का निर्देश भी दिया था। अब उद्धव गुट ने विधानसभा के स्पीकर पर शिंदे गुट के 16 विधायकों की अयोग्यता के संबंध में जल्द फैसला लेने के लिए दबाव बढ़ा दिया है।
उद्धव गुट की ओर से महाराष्ट्र के डिप्टी स्पीकर को 79 पन्नों का एक पत्र सौंपा गया है। इस पत्र में बगावत के बाद पैदा हुए घटनाक्रम का पूरा उल्लेख करते हुए 16 विधायकों के संबंध में जल्द फैसला लेने का अनुरोध किया गया है।
पवार का चौंकाने वाला बयान
इस बीच एनसीपी के वरिष्ठ नेता अजित पवार ने शिंदे सरकार को राहत पहुंचाने वाला बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यदि विधानसभा के स्पीकर की ओर से 16 विधायकों को अयोग्य करार दिया जाता है तो भी राज्य की शिंदे-भाजपा सरकार को कोई खतरा पैदा होने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि 16 विधायक अपनी सदस्यता खो देते हैं तो भी राज्य की 288 सदस्यों वाली विधानसभा में शिंदे सरकार का बहुमत बना रहेगा। ऐसे में सरकार गिरने की कोई संभावना नहीं है।
कर्नाटक में कांग्रेस की जीत के बाद महाराष्ट्र के महाविकास अघाड़ी गठबंधन (एमवीए) में पहले से ज्यादा एकजुटता दिख रही है। एमवीए गठबंधन के नेताओं की हाल में हुई बैठक के दौरान पूरी मजबूती के साथ शिंदे और भाजपा के खिलाफ लड़ाई लड़ने का संकल्प लिया गया था। ऐसे में अजित पवार का यह बयान सबको हैरान करने वाला माना जा रहा है।
स्पीकर के फैसले पर सबकी निगाहें
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब सबकी निगाहें विधानसभा के स्पीकर के फैसले पर लगी हुई हैं। स्पीकर इन दिनों विदेश दौरे पर गए हुए हैं और उनके लौटने का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है। उद्धव गुट के चीफ व्हिप सुनील प्रभु ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद स्पीकर को 16 विधायकों की अयोग्यता पर जल्द से जल्द फैसला लेना चाहिए।
उन्होंने कहा कि स्पीकर के विदेश दौरे पर होने के कारण हम लोगों ने इस बाबत डिप्टी स्पीकर को एक पत्र सौंपा है। इस पत्र में सारे घटनाक्रम का उल्लेख करते हुए स्पीकर से जल्द फैसला लेने का अनुरोध किया गया है।
महाराष्ट्र विधानसभा का गणित
महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा में शिंदे गुट और भाजपा को मिलाकर 145 विधायक है। इन विधायकों के समर्थन के अलावा कई अन्य विधायकों का भी समर्थन शिंदे सरकार को बताया जा रहा है। जानकारों के मुताबिक यह आंकड़ा करीब 162 विधायकों का है।
सरकार के पास बहुमत के आंकड़े से 17 ज्यादा विधायकों का समर्थन बताया जा रहा है। माना जा रहा है कि इसी कारण अजित पवार की ओर से शिंदे सरकार को कोई खतरा न होने की बात कही गई है। वैसे विधायकों की अयोग्यता के फैसले के बाद सियासी उठापटक की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।