अखिलेश यादव का बड़ा बयान, बोले- जरूरत पड़ी तो मायावती से हाथ मिलाने को तैयार
नई दिल्ली: यूपी के सीएम अखिलेश यादव ने गुरुवार (9 मार्च) को बीबीसी हिंदी से बात करते हुए बड़ा बयान दिया। कहा, कि 11 मार्च का चुनावी नतीजा उनके पक्ष में ही आएगा। हालांकि उन्होंने ये भी संकेत दिए कि चुनाव परिणामों में यदि उन्हें या किसी भी दल को बहुमत नहीं मिलता है तो राष्ट्रपति शासन की जगह वो मायावती से हाथ मिलाना पसंद करेंगें।
अखिलेश यादव से जब ये पूछ गया कि उत्तर प्रदेश में किसी भी दल को पूर्ण बहुमत न मिलने की स्थिति में समाजवादी पार्टी की रणनीति क्या होगी? तो इस सवाल पर अखिलेश ने कहा, 'हां अगर सरकार के लिए ज़रूरत पड़ेगी तो राष्ट्रपति शासन कोई नहीं चाहेगा। हम नहीं चाहते कि यूपी को बीजेपी रिमोट कंट्रोल से चलाए।'
माना जा रहा है कि यदि ऐसा होता है तो कुछ वैसा ही समीकरण यूपी में बन सकता है जैसा बिहार विधानसभा चुनाव में बना था। वहां भी राजनैतिक तौर पर धुर विरोधी रहे लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार ने भी बीजेपी के विजयी रथ को रोकने के लिए हाथ मिलाया था। आज लालू यादव की राष्ट्रीय जनता दल और जेडीयू की गठबंधन वाली सरकार बिहार में सत्तासीन है।
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नेताजी जहां मन किया, वहां प्रचार करने गए
गौरतलब है कि चुनाव से पहले पारिवारिक कलह के चलते पिता मुलायम सिंह यादव के नाराज होने के सवाल पर यूपी के सीएम अखिलेश यादव ने कहा, 'नेताजी का जहां मन किया वहां प्रचार करने गए। हमने उनसे कुछ नहीं कहा।'
प्रतीक राजनीति में आए, कौन रोकेगा
बीते दिनों साधना गुप्ता यादव ने एक समाचार एजेंसी को दिए इंटरव्यू में कहा था कि वो चाहती हैं कि उनका बेटा प्रतीक यादव भी अब राजनीति में आए। इस सवाल के जवाब में अखिलेश का कहना था कि जो राजनीति में आना चाहेगा, तो उसे कौन रोकेगा। राजनीति में सभी को आना चाहिए।
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राहुल से गठबंधन पर ये बोले अखिलेश
अखिलेश ने कांग्रेस के साथ गठबंधन पर कहा कि राहुल गांधी और वो एक जैसी सोच वाले नेता हैं। अखिलेश बोले, 'राहुल भी चाहते हैं कि प्रदेश का विकास हो। मैं राहुल गांधी को पहले से जानता हूं। हमने एक संदेश दिया कि जो धर्मनिरपेक्ष सरकार चाहते हैं, जो विकास के लिए सरकार चाहते हैं, इसलिए कांग्रेस का साथ दिया। मैं कंजूस के साथ दोस्ती नहीं करता।
प्रियंका की भूमिका पर ये कहा
यूपी के सीएम अखिलेश यादव ने स्वीकार किया कि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी को साथ लाने में राहुल और प्रियंका दोनों की भूमिका रही है। जबकि प्रशांत किशोर (पीके) के बारे में उनका कहना था कि उनका काम करने का तरीका अलग है और बदलती राजनीति में ऐसे लोग आए तो अच्छा ही है।
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गायत्री प्रजापति पर भी बोले अखिलेश
बातचीत में एक समय वो भी आया जब समाजवादी पार्टी के लिए मुश्किल बने उन्हीं की सरकार के एक मंत्री गायत्री प्रजापति को लेकर सवाल किए गए। इस पर अखिलेश यादव ने कहा, 'इस मामले की सुप्रीम कोर्ट निगरानी कर रहा है। मैंने पुलिस को निष्पक्ष कार्रवाई करने की बात कही है।
इसका ग़लत संदेश जाता
अखिलेश ने कहा, 'मैं चुनाव के दौरान कोई क़दम उठाना नहीं चाहता था। इसका ग़लत संदेश जाता। मैं गठबंधन की बात अभी नहीं कह सकता। क्योंकि समाजवादी पार्टी और कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है।'