Al-Qaeda roots in India: भारत में जड़ें जमाने की फिराक में अल कायदा
Al-Qaeda roots in India: आतंकी की गिरफ्तारी के बाद असम में एक्यूआईएस और अंसारुल्लाह बांग्ला टीम से जुड़े दो संदिग्ध आतंकवादियों की गिरफ्तारी हुई है।
Al-Qaeda roots in India: अल कायदा के नेता अयमान अल जवाहिरी ने पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बंग्लादेश में ऑपरेट कर रहे विभिन्न जिहादी गुटों को एक साथ लाकर अल कायदा इन इंडियन सब कॉन्टिनेंट (एक्यूआईएस) नामक नया गुट बनाया था। इसका एक मकसद उपमहाद्वीप के देशों में अपने आप को सबसे बड़ा जिहादी गुट बनाना और खास कर भारत में जड़ें जमाना और अपना विस्तार करना था। शायद इसीलिए जवाहिरी ने एक्यूआईएस का नेता या "अमीर" सना उल हक उर्फ आसिम उमर को बनाया था जो मूलतः उत्तर प्रदेश में संभल का रहने वाला था।
तमाम दुष्प्रचार और कोशिशों के बावजूद एक्यूआईएस, भारत में अपनी पैठ बनाने में फेल रहा है। पाकिस्तान और बांग्लादेश में उसका काफी आधार है लेकिन वहां भी दूसरे स्थानीय ग्रुप प्रतिद्वंद्विता में सक्रिय हैं।
अब रूस में एक आतंकी की गिरफ्तारी से ये भी संकेत मिलता है कि एक्यूआईएस भारत में जड़ें जमाने की नई कोशिश कर रहा है। बताया गया है कि गिरफ्तार आतंकी तुर्की में ट्रेनिंग पाया हुआ था और उसका टास्क भारत में आत्मघाती बम विस्फोट से भाजपा के किसी बड़े नेता की हत्या करना था।
इस आतंकी की गिरफ्तारी के बाद असम में एक्यूआईएस और अंसारुल्लाह बांग्ला टीम से जुड़े दो संदिग्ध आतंकवादियों की गिरफ्तारी हुई है। इसका मतलब ये है कि एक्यूआईएस की सक्रियता अचानक बढ़ी है।
भारत में इस जिहादी समूह की उपस्थिति तब स्पष्ट हुई जब 2015 में दिल्ली में इसके तीन गुर्गों को गिरफ्तार किया गया। दिल्ली पुलिस ने बाद में के एक सदस्य मौलाना अब्दुल रहमान कासमी को गिरफ्तार किया, और दावा किया कि इस समूह ने झारखंड के जंगलों में कहीं एक प्रशिक्षण शिविर स्थापित किया था।
स्थापना
3 सितंबर 2014 को अल-कायदा के नेता अयमान अल-जवाहिरी ने ऑनलाइन पोस्ट किए गए 55 मिनट के वीडियो में भारतीय उपमहाद्वीप में एक नई शाखा की स्थापना की घोषणा की थी। इसमें विभिन्न जिहादी गुटों को एक साथ लाया गया था। जवाहिरी ने तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के पूर्व कमांडर आसिम उमर को इसके "अमीर" यानी नेता के रूप में पेश किया। आसिम उमर मूल रूप से भारत का था और यूपी के संभल का रहने वाला था। समझा जाता है कि 90 के दशक के अंत में वह भारत से भाग गया था।
23 सितंबर 2019 को अफगान अधिकारियों ने घोषणा की कि आसिम उमर, हेलमंद प्रांत में यूएस-अफगान सैन्य छापे में मारा गया। वर्तमान में इस गुट का नेता उस्मान महमूद नामक आतंकी बताया जाता है।
एक्यूआईएस समूह ने कई आतंकवादी हमलों की जिम्मेदारी ली है। कराची, पाकिस्तान में एक नौसैनिक गोदी में नौसेना के युद्धपोत पर कब्जा करने का प्रयास किया, बांग्लादेश में धर्मनिरपेक्ष कार्यकर्ताओं, लेखकों, प्रोफेसरों और डॉक्टरों की हत्याओं की जिम्मेदारी भी ली है। एक्यूआईएस कथित तौर पर अफगानिस्तान, पाकिस्तान, म्यांमार और बांग्लादेश में काम करता है और भारत में भी इसके समर्थक हैं।
एक्यूआईएस भारतीय उपमहाद्वीप में जिहाद छेड़ने वाली क्षेत्रीय ताकत के रूप में विकसित नहीं हो सका है। अमेरिकी हवाई हमलों के कारण एक्यूआईएस को जबर्दस्त झटकों का सामना करना पड़ा है। इसके कई प्रभावशाली नेताओं का सफाया भी हो चुका है। अब ये गुट अपने आप को एक ताकत के रूप में दिखाने की कोशिश में है।