मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने SC से कहा, नमाज पढ़ने मस्जिद में जा सकती हैं महिलाएं

एआईएमपीएलबी ने कहा कि एक मुस्लिम महिला नमाज के लिए मस्जिद में प्रवेश करने के लिए स्वतंत्र है। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा कि किसी एक धर्म की धार्मिक प्रथाओं को पूछताछ करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

Update: 2020-01-29 16:42 GMT

नई दिल्ली: मस्जिदों में महिलाओं के प्रवेश पर ऑल इंडिया मुल्सिल पर्सनल लॉ बोर्ड(एआईएमपीएलबी) ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल किया है। एआईएमपीएलबी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि महिलाओं को मस्जिद में नमाज पढ़ने की अनुमति है और इसके संबंध में यदि कोई फतवा जारी करता है तो उसपर ध्यान न दें।

एआईएमपीएलबी ने कहा कि एक मुस्लिम महिला नमाज के लिए मस्जिद में प्रवेश करने के लिए स्वतंत्र है। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा कि किसी एक धर्म की धार्मिक प्रथाओं को पूछताछ करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

एआईएमपीएलबी ने साथ ही ये भी जोड़ा कि महिलाओं के लिए जमात के साथ नमाज यानी समूह प्रार्थना या सामूहिक प्रार्थना में शामिल होना अनिवार्य नहीं है। बोर्ड ने यह हलफनामा दो मुस्लिम महिलाओं की तरफ से दाखिल याचिका के जवाब में दिया है जो मस्जिद में प्रवेश कर सबके साथ नमाज अदा करना चाहती हैं। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को नोटिस जारी कर याचिका में उठाए गए मुद्दों पर जवाब देने को कहा था।

यह भी पढ़ें...अमित शाह बोले, आपका एक वोट संदेश देगा आप शाहीन बाग के साथ या भारत माता के

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 28 सितंबर 2018 को सबरीमाला मंदिर में हर आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश का आदेश दिया था। 10 से 50 साल तक की महिलाओं के मंदिर में प्रवेश पर लगी पाबंदी को कोर्ट ने लैंगिक भेदभाव करार दिया था। इसी आधार पर यास्मीन और जुबैर ने देश की सर्वोच्च अदालत में याचिका दायर कर महिलाओं को मस्जिदों में जाकर नमाज पढ़ने की इजाजत की मांग की थी।

यह भी पढ़ें...सरकार ने जारी की एडवाइजरी, कोरोना वायरस से बचन के लिए अपनाएं ये तरीका

याचिका में कहा गया था कि अभी भारत में जमात-ए-इस्लामी संगठन के तहत आने वाली मस्जिदों में महिलाएं प्रवेश कर सकती हैं, लेकिन सुन्नी समेत अन्य पंथों की मस्जिदों में पाबंदी है।

Tags:    

Similar News