अमरनाथ यात्राः बालटाल से बर्फ हटाने का काम शुरू, इस माह होगी शुरुआत.
इस बार अमरनाथ के यात्रियों को सिर्फ बालटाल मार्ग से अमरनाथ की पवित्र गुफा तक जाने की अनुमति दी जा सकती है। पहलगाम मार्ग पर बर्फ हटाने का काम शुरू न होने से भी इस बात के संकेत मिले हैं।
नई दिल्ली। अमरनाथ की तीर्थ यात्रा को लेकर अभी तक असमंजस दूर नहीं हो सका है। इस बीच बालटाल से अमरनाथ की पवित्र गुफा तक जाने वाले मार्ग से बर्फ हटाने का काम शुरू कर दिया गया है। अमरनाथ की गुफा की ओर जाने वाले दूसरे पहलगाम मार्ग पर अभी तक यह काम नहीं शुरू किया गया है। बालटाल मार्ग पर बर्फ हटाने का काम शुरू होने के बाद इस यात्रा के मध्य जुलाई के आसपास शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है।
सिर्फ बालटाल मार्ग से यात्रा की अनुमति
जानकारों का कहना है कि इस बार अमरनाथ के यात्रियों को सिर्फ बालटाल मार्ग से अमरनाथ की पवित्र गुफा तक जाने की अनुमति दी जा सकती है। पहलगाम मार्ग पर बर्फ हटाने का काम शुरू न होने से भी इस बात के संकेत मिले हैं। हाल में पुलिस और गांदरबल प्रशासन के अधिकारियों ने बालटाल मार्ग का जायजा लिया है। इस मार्ग का जायजा लेकर लौटे दल का कहना है कि पूरे मार्ग पर अभी भी बर्फ की चादर जमी हुई है जिसे साफ करने का काम शुरू कर दिया गया है। इससे यात्रा शुरू होने की उम्मीद जगी है।
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प्रशासन ने तेज कीं तैयारियां
गांदरबल के जिला उपायुक्त शफकत अहमद का भी कहना है कि उपराज्यपाल और श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड की तरफ से बालटाल मार्ग पर जमी बर्फ को साफ करने का निर्देश दिया गया है। यह निर्देश मिलने के बाद ही प्रशासन की ओर से इस मार्ग को साफ करने और उसे आवागमन के योग्य बनाने की कोशिशें तेज कर दी गई हैं।
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कई अन्य तैयारियों की जरूरत
दूसरी ओर अमरनाथ श्राइन बोर्ड के अफसरों का कहना है कि बालटाल मार्ग की सफाई करना ही काफी नहीं है। यात्रा के दौरान कई अन्य सुविधाओं का भी ख्याल रखा जाता है। इस मार्ग पर श्रद्धालुओं के रहने, खाने-पीने और स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने का भी प्रबंध किया जाना है। यात्रा मार्ग पर टेलीफोन सेवा भी बहाल करने की जरूरत है। अफसरों के मुताबिक ये सब काम करने में कम से कम एक महीने का समय चाहिए।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा भी बड़ा मुद्दा
इसके साथ ही साथ यात्रा मार्ग पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा की व्यवस्था भी कम चुनौतीपूर्ण नहीं है। अमरनाथ यात्रियों पर पूर्व में भी आतंकी हमले हो चुके हैं और इस कारण सुरक्षा बलों की तैनाती भी एक बड़ा मुद्दा है। पूरे यात्रा मार्ग पर सुरक्षाबलों की तैनाती के लिए भी कम से कम 20 दिनों की जरूरत है। इन सब कामों को पूरा करने के बाद ही अमरनाथ की यात्रा शुरू हो सकती है। इस कारण उम्मीद जताई जा रही है कि मध्य जुलाई के आसपास यात्रा शुरू हो सकती है।
पंजीकरण पर अभी कोई फैसला नहीं
श्राइन बोर्ड की ओर से यात्रा की तिथि और पंजीकरण के बारे में कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है। पहले बोर्ड की ओर से यात्रा के लिए 23 जून की तिथि प्रस्तावित की गई थी मगर अब 23 जून से यात्रा शुरू करना संभव नहीं दिख रहा है। बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विपुल पाठक का कहना है कि कोरोना संकट के कारण भी यात्रा शुरू करने में तमाम दिक्कतें आ रही हैं। उनका कहना है कि हम इन दिक्कतों को दूर करने में लगे हुए हैं और जल्द ही यात्रा के बारे में सरकार की ओर से कोई आधिकारिक घोषणा की जा सकती है।
रिपोर्टर - अंशुमन तिवारी
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