नई दिल्ली : 2 दिसंबर को जब तमिलनाडु की सीएम जयललिता हॉस्पिटल के वार्ड में टीवी देख रही थीं। उस समय उन्होंने सूबे के चीफ सेक्रेटरी पी राममोहन राव के नाम एक लाइन का नोट लिखा था। यह नोट पीएम नरेंद्र मोदी के लिए था।
इस नोट में अम्मा ने मोदी को सलाह दी थी कि देश की जनता के पास जो सोना है, उस पर सरकार दखल न दें क्योंकि ये उनकी भावनाओं से जुड़ा हुआ है।
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इससे यह तो साबित होता है कि अम्मा जब अपनी जानलेवा बीमारीयों से लड़ रहीं थीं, तब भी उनके आसपास क्या हो रहा है और उस पर कैसे अपनी प्रतिक्रिया देनी है ये उनको पता था। साथ ही ये भी साबित होता है कि अम्मा धीरे-धीरे ही सही ठीक तो हो रही थीं। लेकिन उसके बाद ऐसा क्या हुआ जो वो अपने चाहने वालों को छोड़ बहुत दूर चली गयी।
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सूत्र बताते हैं कि इस नोट को गवर्नर विद्यासागर राव को भी दिखाया गया है।
वो सवाल जो मांग रहे हैं जवाब !
-जब अम्मा को बुखार था तो उन्हें हार्ट एंड कार्डिएक डिसऑर्डर यूनिट में क्यों रखा गया।
-अपोलो के डॉक्टर कहते आ रहे थे कि जया की तबियत में सुधार हो रहा है। तो फिर उनकी तबियत कैसे इतनी बिगड़ गई की उनकी मौत हो गयी।
-75 दिन तक एडमिट रहने के बाद भी इलाज के दौरान उनकी कोई तस्वीर सामने क्यों नहीं आई।
-मंत्री, विधायकों को भी उनसे इस दौरान क्यों नहीं मिलने दिया गया।
-वो कौन लोग थे जिनके कहने पर अम्मा से मिलने पर रोक लगाई गयी।
-जया की मौत के समय को लेकर इतना विरोधाभास क्यों है।
-पन्नीरसेल्वम की ताजपोशी में इतनी जल्दबाजी क्यों की गयी।
-किसके कहने पर शपथ समारोह की पहले से ही तैयारी की गयी।
आगे की स्लाइड में पढ़ें अम्मा की मौत के बाद अन्नाद्रमुक के एक सूत्र ने किया था खुलासा...
तमिलनाडु की पूर्व सीएम जयललिता की मौत पर जहां रहस्य के बादल अभी भी कायम हैं। वहीँ अन्नाद्रमुक के एक सूत्र ने सनसनीखेज खुलासा किया है। सूत्र के मुताबिक अम्मा की मौत के पहले शशिकला ने पार्टी के विधायकों को अपोलो हॉस्पिटल बुलाकर उनसे सादे कागज पर हस्ताक्षर करा लिए थे। इस सूत्र के मुताबिक शशिकला स्वयं सीएम की कुर्सी पर काबिज होना चाहती थीं, लेकिन कुछ विधायकों को इस बात की भनक लग गई और उन्होंने मुखर होकर इसका विरोध किया। इसके बाद मज़बूरी में ओ पन्नीरसेल्वम को सीएम बनाना पड़ा। जबकि राजभवन में जो तैयारी हुई थी वो शशिकला की शपथ के लिए हुई थी।
सूत्र कहते हैं कि अम्मा की मौत से पहले ही शशिकला और उनके समर्थक उन्हें सीएम पद की शपथ दिलाने के मिशन में लग गए थे। जो सादे पेपर पर हस्ताक्षर कराए गए थे उन्हें समर्थन पत्र के तौर पर गवर्नर विद्यासागर राव के सामने रखने की तैयारी थी।
पार्टी में कुछ नेता दबी जुबान में यह भी कहते हैं कि अम्मा की बिमारी के समय से ही शशिकला अपने पति एन नटराजन के साथ मिल तख्तापलट की साजिश रचने में लग गयी थी। इसीलिए जब जयललिता एडमिट हुई तो उनसे किसी को मिलने नहीं दिया गया।