Amravati Murder Case: अमरावती मर्डर केस में तबलीगी जमात का हाथ, NIA ने चार्जशीट में किया बड़ा खुलासा
Amravati Murder Case: चार्जशीट में खुलासा किया गया है कि उमेश की हत्या में तबलीगी जमात से जुड़े कट्टर इस्लामवादियों का हाथ था।
Amravati Murder Case: महाराष्ट्र के अमरावती में फार्मासिस्ट उमेश कोल्हे की हत्या के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने बड़ा खुलासा किया है। एनआईए ने देशभर में चर्चित हुए इस मर्डर केस को लेकर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है। इस चार्जशीट में खुलासा किया गया है कि उमेश की हत्या में तबलीगी जमात से जुड़े कट्टर इस्लामवादियों का हाथ था।
उमेश ने भाजपा नेता नूपुर शर्मा की ओर से पैगंबर को लेकर दिए गए बयान के समर्थन में सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर किया था। इस पोस्ट के बाद वे कट्टरपंथियों के निशाने पर आ गए थे। गत 21 जून को उनकी हत्या कर दी गई थी। इस मामले की जांच पहले महाराष्ट्र पुलिस कर रही थी मगर बाद में इस मामले की जांच पड़ताल का काम एनआईए को सौंप दिया गया था।
11 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल
एनआईए की ओर से दाखिल की गई चार्जशीट में कहा गया है कि पैगंबर मोहम्मद के कथित अपमान का बदला लेने के लिए उमेश की हत्या की गई थी। चार्जशीट के मुताबिक उमेश की हत्या में शामिल लोग तबलीगी जमात से जुड़े हुए थे। एनआईए की ओर से मुंबई की एक अदालत में इस बाबत आरोप पत्र दाखिल किया गया है। आरोप पत्र में कहा गया है कि तबलीगी जमात के सदस्यों ने कथित रूप से धार्मिक भावनाएं आहत करने को लेकर उमेश की हत्या कर डाली।
एनआईए की ओर से विशेष अदालत में 11 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया गया है। इन आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। इन सभी के खिलाफ भारतीय दण्ड संहिता की धारा 120बी, 302, 341, 153ए, 201 और 506 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
रास्ते में घेरकर की गई थी हत्या
अमरावती के फार्मासिस्ट उमेश की हत्या 21 जून को तीन लोगों ने मिलकर की थी। घटना के समय उमेश घर लौट रहे थे मगर रास्ते में आरोपियों ने उन्हें घेर कर मार डाला। इस हत्याकांड की गूंज पूरे देश में सुनाई दी थी क्योंकि इसके आतंकी और कट्टरपंथी कनेक्शन की आशंका जताई जा रही थी। हत्याकांड वाली रात उमेश का बेटा और बहू दूसरी बाइक पर थे और उन्होंने उमेश को बचाने की कोशिश भी की मगर वे कामयाब नहीं हो सके।
एनआईए के आरोप पत्र में कहा गया है कि आरोपियों की ओर से पहले से ही उमेश का पीछा किया जा रहा था। वे मौके की तलाश में थे और मौका मिलते ही उन्होंने उमेश को घेर कर मार डाला। अब एनआईए की ओर से बड़ा खुलासा किया गया है कि हत्याकांड में शामिल इन आरोपियों का संबंध तबलीगी जमात से रहि है।
हत्या के बाद आरोपियों ने मनाया था जश्न
एनआईए के आरोप पत्र में कहा गया है कि उमेश की हत्या करने वाला आतंकी समूह 'गुस्ताख-ए-नबी की एक ही सजा सर तन से जुदा' जैसी बातों से काफी प्रभावित था। अमरावती में उमेश कोल्हे की हत्या के एक सप्ताह बाद ही राजस्थान के उदयपुर में टेलर कन्हैया लाल की हत्या की गई थी जिसे लेकर काफी बवाल हुआ था। चार्जशीट में कहा गया है कि उमेश की हत्या की साजिश की शुरुआत वेटनरी डॉक्टर युसूफ खान ने रची थी।
युसूफ खान ने व्हाट्सएप ग्रुप पर उमेश के खिलाफ लिखना शुरू किया। युसूफ खान ने उमेश की पोस्ट का स्क्रीनशॉट लेकर उसे अन्य ग्रुपों में भी शेयर किया। इस मैसेज के पूरी तरह फैलने के बाद उमेश की हत्या की साजिश रची गई। चार्जशीट में यह खुलासा भी किया गया है कि उमेश की हत्या करने के बाद आरोपियों ने जश्न मनाने के साथ पार्टी भी की थी।