अमृतसर: पंजाब के अमृतसर में रविवार को बड़ा हादसा हुआ। यह हादसा एक धार्मिक स्थल पर हुआ, जिसमें 3 लोगों की मौत हो गई जबकि 20 से अधिक गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों का इलाज हॉस्पिटल में चल रहा है। वहीं, इस मामले को लेकर पुलिस का कहना है कि इसमें ISI का हाथ है।
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वैसे यह हमला निरंकारी भवन में हुआ है। इस हमले निरंकारी सिख घायल हुए हैं। इसलिए हम आपको बताएंगे कि आखिर निरंकारी सिख कौन होते हैं। निरंकारी सिख जीवित गुरुओं पर यकीन रखते हैं। मतलब ये कौम गुरु ग्रंथ साहिब के बजाय जीवित गुरुओं पर यकीन रखती है। ये पहला मौका नहीं है जब निरंकारी सिखों पर हमला हुआ हो।
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इससे पहले साल 1978 में भी इनपर हमला हुआ था। बात 13 अप्रैल 1978 की है, जब जरनैल सिंह भिंडरावाले के नेतृत्व में हुई एक हिंसा में 13 लोग मारे गए। इसके बाद सभी सिखों ने निरंकारियों से अपने संबंध तोड़ लिए क्योंकि तबके अकाल तख्त जाठेदार साधु सिंह ने निरंकारियों से संबंध तोड़ने का फरमान सुनाया था।
इसके बाद से निरंकारी संप्रदाय का नेतृत्व बाबा हरदेव सिंह ने किया। मगर साल 2016 में उनकी कनाडा में रक सड़क हादसे में मौत हो गई, जिसके बाद उनकी पत्नी सविंदर कौर निरंकारी मिशन की मुखिया बन गईं। सविंदर निरंकारी मिशन की पहली महिला मुखिया हैं। अब उनकी बेटी सुदीक्षा को संप्रदाय का आध्यात्मिक मुखिया चुना गया है।