भूकंप ने हिलाई धरती: तेज झटकों से डरे सहमे लोग, वैज्ञानिकों की भी बढ़ी चिंता

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह क्षेत्र में सोमवार को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.1 मापी गई है। 

Update:2020-10-19 17:02 IST
इन विश्लेषणों के जरिए प्रागैतिहासिक काल (प्रीहिस्टोरिक) में आए भूकंपों की टाइमिंग और तीव्रता का अनुमान लगाते हुए भविष्य में भूकंप के खतरों का अंदाजा लगाया गया है।

नई दिल्ली: साल 2020 में भारत में लगातार भूकंप (Earthquake) के झटके महसूस किए गए हैं। जहां इन घटनाओं से वैज्ञानिक की चिंता बढ़ी हुई तो वहीं इस बीच अंडमान और निकोबार द्वीप समूह क्षेत्र में आज यानी सोमवार को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। इस दौरान भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.1 मापी गई है। यह जानकारी नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने दी है।

किसी तरह के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं

जानकारी के मुताबिक, सोमवार दोपहर अंडमान और निकोबार द्वीप समूह क्षेत्र में भूंकप के तेज झटके से धरती कांप उठी। हालांकि भूंकप के चलते किसी तरह के जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, यह भूकंप सोमवार दोपहर करीब तीन बजकर आठ मिनट पर महसूस किए गए हैं।

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जमीन से दस किमी अंदर रहा भूकंप का केंद्र

नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (National Centre For Seismology) के मुताबिक, भूकंप द्वीप समूह क्षेत्र के दक्षिण-पूर्व में 510 किलोमीटर दूर कैंपबेल की खाड़ी में आया। वहीं भूकंप का केंद्र जमीन से दस किमी अंदर रहा। बता दें कि इससे पहले लद्दाख में आज सुबह भूकंप के झटकों को महसूस किया गया। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, सुबह 4 बजकर 44 मिनट पर आए। इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3.6 मापी गई है।

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(सांकेतिक फोटो- सोशल मीडिया)

लद्दाख में भी महसूस किए गए भूकंप के झटके

बता दें कि लद्दाख में आये दिन भूकंप के झटकों को महसूस किया जा रहा है। इसी कड़ी में आज भी एक बार फिर लद्दाख की धरती डगमगा गई। बल्कि ना केवल लद्दाख इस साल देश भर के तमाम राज्यों में भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए हैं। उत्तर भारत के तमाम इलाकों में भूकंप की घटना सामने आती रही है। इनमें सबसे ज्यादा जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों में पिछले कई हफ्तों में भूकंप रिपोर्ट किए गए हैं।

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लगातार भूकंप से बढ़ी वैज्ञानिकों की चिंता

हालांकि इन सभी इलाकों में भूकंप के कारण कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ था। लेकिन इन झटकों ने वैज्ञानिक की चिंता बढ़ा दी ही। वैज्ञानिक का मानना है कि ये छोटे-छोटे भूकंप के झटके किसी बड़े खतरे के पहले की चेतावनी हो सकती है।

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