6 वर्ष तक के बच्चों के लिए आंगनवाड़ी केंद्रों का होगा निर्माण
बच्चों के स्वस्थ विकास के मद्देनजर प्रस्तावित नई शिक्षा नीति में एनसीईआरटी के तहत प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षा के लिए एक उत्कृष्ट पाठ्यक्रम और शैक्षिक ढांचा तैयार करने की सिफारिश की गई है। साथ ही छह वर्ष तक की आयु के बच्चों की शैक्षिक जरूरतों को पूरा करने के लिए बड़े पैमाने पर आंगनवाड़ी केंद्र बनाए जाने की बात कही गई है।
नई दिल्ली: बच्चों के स्वस्थ विकास के मद्देनजर प्रस्तावित नई शिक्षा नीति में एनसीईआरटी के तहत प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षा के लिए एक उत्कृष्ट पाठ्यक्रम और शैक्षिक ढांचा तैयार करने की सिफारिश की गई है। साथ ही छह वर्ष तक की आयु के बच्चों की शैक्षिक जरूरतों को पूरा करने के लिए बड़े पैमाने पर आंगनवाड़ी केंद्र बनाए जाने की बात कही गई है।
जाने माने वैज्ञानिक के. कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता वाली समिति ने शुक्रवार को नई शिक्षा नीति का मसौदा सौंपा।
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इसमें कहा गया है कि यह नीति इस बात की अनुशंसा करती है कि एनसीईआरटी प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षा के लिए एक उत्कृष्ट पाठ्यक्रम और शैक्षिक ढांचा तैयार करे । इसका क्रियान्वयन विस्तृत एवं सशक्त आंगनवाड़ियों, मौजूदा प्राथमिक स्कूलों के साथ पूर्व प्राथमिक स्कूलों, अनुभागों और पूर्व प्राथमिक विद्यालयों के माध्यम से प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षा प्रणाली के जरिए किया जाए।
मसौदे के अनुसार इनमें ऐसे कार्यकर्ताओं और शिक्षकों को नियुक्त किया जायेगा जो प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल शिक्षा :ईसीसीई: पाठ्यक्रम और शिक्षा शस्त्र में विशेष रूप से प्रशिक्षित हों।
प्रस्तावित नीति में प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षा से संबंधित सुविधाओं का विस्तार करने और उन्हें सुदृढ़ बनाने पर खास जोर दिया गया है। इसमें कहा गया है कि ‘छह वर्ष तक की आयु के बच्चों की शैक्षिक जरूरतों को पूरा करने के लिए बड़े पैमाने पर आंगनवाड़ी केंद्रों का निर्माण किया जायेगा।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को 3-6 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के संज्ञानात्मक तकनीक एवं खेल आधारित शिक्षण में विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जायेगा और उन्हें देशभर के केंद्रों पर नियुक्त किया जायेगा प्रत्येक आंगनवाड़ी केंद्र में कम से कम एक प्रशिक्षित कार्यकर्ता सुनिश्चित किया जायेगा। प्रत्येक आंगनवाड़ी को प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षा पाठ्यक्रम और शैक्षणिक रूपरेखा के अनुसार बेहतरीन शैक्षणिक सामग्रियों से लैस किया जायेगा।
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इसमें कहा गया है कि यह सुनिश्चित किया जायेगा कि प्रत्येक मां और बच्चे की आंगनवाड़ी केंद्रों तक पहुंच सरल और नि:शुल्क हो। आवश्यकता के अनुरूप देशभर में अतिरिक्त गुणवत्तापूर्ण केंद्र स्थापित किए जायेंगे। इन आंगनवाड़ी केंद्रों का लक्ष्य होगा कि वे स्वास्थ्य और पोषण के महत्वपूर्ण घटकों से युक्त एक उत्कृष्ट शैक्षणिक केंद्र बनें।
नीति मसौदे में कहा गया है कि नए आंगनवाड़ी केंद्रों और प्राथमिक स्कूलों के निर्माण हेतु स्थान निर्धारण करते समय आंगनवाड़ियों और प्राथमिक स्कूलों को साथ-साथ एक परिसर में स्थापित करने को उच्च प्राथमिकता दी जाए।
मसौदे में कहा गया है, ‘‘ वैकल्पिक रूप से 3-6 वर्ष आयु वर्ग के लिए तीन वर्ष की गुणवत्तापूर्ण पाठशाला पूर्व शिक्षा को मौजूदा या नए प्राथमिक स्कूलों के साथ जोड़ दिया जायेगा।’’
प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षा की पाठ्यचर्या और शैक्षिक रूपरेखा के दो भाग होंगे। इसमें पहला भाग 0-3 वर्ष की आयु के बच्चों से संबंधित दिशा निर्देशों की रूपरेखा से संबंधित होगा। इसमें आंगनवाड़ियों में शिल्प अभ्यास के लिए कम लागत वाली सामग्रियों को भी रखा जायेगा।
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इसके तहत दूसरा भाग 3-8 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों से जुड़ी शैक्षणिक रूपरेखा से संबंधित होगा। यह भाग अभिभावकों के साथ ही आंगनवाड़ियों, पूर्व प्राथमिक स्कूलों और कक्षा 1 और कक्षा 2 के उपयोग के लिए होगा। इसके तहत लचीली, बहुस्तरीय खेल गतिविधि और शोध आधारित सीखने की प्रणाली विकसित करने पर जोर दिया जायेगा। इसका मकसद छोटे बच्चों को अक्षरों, संख्याओं, स्थानीय या मातृभाषा में साधारण बातचीत, रंगों, आकारों, ध्वनि, खेलकूद, चित्रकला, संगीत तथा स्थानीय कला आदि सिखाना होगा।