सुसाइड वाला खूनी खेल, ये है ब्लू व्हेल, अंजाम सिर्फ मौत

Update:2017-08-04 15:35 IST

नई दिल्ली : ब्लू व्हेल यानी एक खूनी खेल। इस खेल का अंजाम ही मौत होता है मगर फिर भी इसकी दीवानगी कायम है। मतलब साफ है कि इस खेल को खेलने वाले को आखिरकार जान देने में भी कोई हिचक नहीं होती। मुम्बई में ब्लू व्हेल खेल खेलने वाले एक बच्चे ने एक ऊंची इमारत से कूदकर जान दे दी।

भारत में इस खेल को खेलते हुए जान देने का यह पहला मामला प्रकाश में आया है। यह घटना मुंबई के अंधेरी ईस्ट इलाके में घटी जहां नौवीं कक्षा में पढऩे वाले 14 साल के मनप्रीत ने एक ऊंची बिल्डिंग से कूदकर जान दे दी।

उसके दोस्तों से पूछताछ करने पर इस बात का खुलासा हुआ कि मनप्रीत ब्लू व्हेल चैलेंज गेम खेल रहा था। मौत से पहले उसने छत पर खड़े होकर स्मार्टफोन से कुछ फोटो लेकर दोस्तों को व्हाट्सएप किए थे। रूस में शुरू हुए ब्लू व्हेल चैलेंज गेम को खेलते हुए अब तक 130 और दुनिया में 250 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।

इस गेम में हाथ पर ब्लेड से कट लगाने से लेकर 50 अजीबोगरीब टास्क पूरे करने होते हैं। यह गेम आपको न तो प्ले स्टोर पर मिलेगा और न ही किसी साइट पर। यह एक सोशल मीडिया गेम है जिसके जरिए फेसबुक और इंस्टाग्राम का उपयोग करने वाले बच्चों को निशाना बनाया जा रहा है।

क्या है ब्लू व्हेल गेम

भारत में भले ही ज्यादा लोग ब्लू व्हेल गेम के बारे में न जानते हों मगर रूस में यह अनजाना गेम नहीं है। माना जाता है कि इस गेम की पैदाइश ही रूस में हुई है। इसमें हिस्सा लेने वाले खिलाड़ी को 50 दिन तक कुछ खास टास्क बताए जाते हैं। उसे एक-एक करके सारे टास्क पूरे करने होते हैं।

सारे टास्क पूरे करते रहने पर आखिरी में सुसाइड के लिए उकसाया जाता है। इस गेम का एक उल्लेखनीय पहलू यह है कि हर टास्क पूरा होने पर प्लेयर को अपने हाथ पर एक कट लगाने के लिए कहा जाता है। इस तरह कट लगाते जाने से आखिरी में जो इमेज उभरती है वो व्हेल मछली की तरह होती है।

एक और काम यह करना होता है कि हर टास्क पूरा करने के बाद प्लेयर को अपनी फोटो खींचकर गेम एडमिन को भेजनी होती है। एक चैलेंज को पूरा करने के बाद ही दूसरा चैलेंज दिया जाता है।

गेम में 50 अजीबोगरीब टास्क

इसमें सुबह चार बजे सोकर उठने और हॉरर मूवी देखने जैसे टास्क दिए जाते हैं। इसके चैलेंज अजीबोगरीब होते हैं। सुबह चार बजे उठकर हॉरर फिल्में देखने और उसकी फोटो भेजने को कहा जाता है। ब्लेड से हाथ पर फोटो उकेरने के बाद उसे क्यूरेटर को भेजने को कहा जाता है। गेम में एक चैलेंज हाथ की तीन नसों को काटकर उसकी फोटो भेजने वाला भी है। क्यूरेटर यूजर्स को सुबह छत से छलांग लगाने को भी कहता है।

इस गेम का टास्क व्हेल बनने के लिए तैयार होना है। इसमें फेल होने पर हाथ पर चाकू के कई वार करने होते हैं और पास होने पर पैर पर ब्लेड से यस उकेरना होता है। क्यूरेटर यूजर्स को म्यूजिक भेजता है जो सुसाइड करने और खुद को नुकसान पहुंचाने के लिए उकसाने वाले होते हैं। गेम के 50वें और अंतिम टास्क में सुसाइड करना होता है।

ऐसा नहीं करने पर बच्चों को धमकी दी जाती है कि आपके पूरे परिवार की डिटेल उनके पास है और वे आपके पूरे परिवार को जान से मार देते हैं। ऐसे में गेम खेलते-खेलते डरा हुआ बच्चा सुसाइड कर लेता है।

गेम मेकर हो चुका है गिरफ्तार

रूस में इस खतरनाक खेल की पैदाइश के बारे में बताया जाता है कि फिलिप बुडेकिन ने 2013 में यह गेम बनाया। 2015 में इस गेम को खेलते हुए सुसाइड के पहले केस का पता चला था। यह खेल अब तक करीब 130 लोगों की जान ले चुका है। गेम में सुसाइड के मामले का खुलासा होने के बाद फिलिप को गिरफ्तार कर लिया गया और उस पर केस चलाया गया। सुनवाई के दौरान

गेममेकर फिलिप का कहना था कि इस खेल का मकसद ही समाज की सफाई करना है। फिलिप की नजर में सुसाइड करने वाले सभी लोग बायो वेस्ट थे।

मनप्रीत ने सर्च किए सुसाइड के तरीके

मुंबई की घटना में मनप्रीत ने बिल्डिंग की सातवीं मंजिल से छलांग लगाई थी। उसके दोस्तों का कहना है कि वह ब्लू व्हेल गेम खेल रहा था। सुसाइड से पहले दोस्तों को मैसेज किया था कि वह सोमवार को स्कूल नहीं आएगा। मुंबई पुलिस को जांच के दौरान मोनू के फोन में सुसाइड से जुड़े कुछ फोटो मिले हैं।

जानकारी के मुताबिक छलांग लगाने से पहले उसने गूगल पर सुसाइड के तरीके सर्च किए थे। फिलहाल पुलिस इस बारे में ज्यादा बोलने से बच रही है। उसके एक पारिवारिक सदस्य ने बताया कि मौत से पहले वह दोस्तों से रूस जाने की बात कहता था। उसका एक सीक्रेट ग्रुप है जो उसके साथ गेम खेल रहा है। सामने वाले घर में रहने वाले एक शख्स ने उसे रोकने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं माना और छलांग लगा दी।

अभिभावकों को सतर्क रहने की जरूरत

इस मामले में अभिभावकों को भी सतर्क रहने की जरूरत है। उन्हें बच्चे पर पैनी निगाह भी रखनी चाहिए। जैसे ही आपको शक हो कि आपका बच्चा अचानक सुबह उठने लगा है, अकेले में समय बिताने लगा है, फोन को हमेशा अपने पास रखने लगा है, अचानक से हॉरर फिल्में देखने लगा है, दोस्तों से दूर रहने लगा है, डरा-डरा सा रहने लगा है तो आप फौरन सतर्क हो जाएं और बच्चे पर पैनी नजर रखें। संभव हो तो उसे इंटरनेट से ही दूर करें। इन सावधानियों से आप अपने बच्चों को इस खूनी खेल से बचा सकते हैं।

यह बेहद बचकानी बात ही कही जाएगी कि कोई व्यक्ति किसी गेम को खेलते समय उसमें इतना खो जाए कि उसे अपने आसपास होने वाली बातों का ही अंदाजा ही न लगे। ऐसे में इंटरनेट व मोबाइल पर दिन भर लगे रहने वाले अपने बच्चों की आदतों और व्यवहार पर नजर रखना बेहद जरूरी है।

माना जा सकता है कि स्मार्टफोन आज हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा हैं और खाली समय में इसमें गेम खेलना भी कोई बुरी बात नहीं, लेकिन कौन सा गेम खेला जा रहा है इस पर भी सतर्क निगाहें होनी चाहिए। इसलिए बच्चों के इंटरनेट इस्तेमाल पर पूरी नजर रखें। उन्हें इस प्रकार के गेम से दूर रखें।

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