Politics : 'आज सदन में नियमों से ज्यादा राजनीति हो रही', राज्यसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर बोले कांग्रेस अध्यक्ष

Politics : राज्यसभा के सभापति के खिलाफ INDIA गठबंधन द्वारा अविश्वास प्रस्ताव दिए जाने पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि भारत का उपराष्ट्रपति पद देश का दूसरा सबसे बड़ा संवैधानिक पद है।

Newstrack :  Network
Update:2024-12-11 15:45 IST

Politics : देश के उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ 'इंडिया' गठबंधन ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया। इसे लेकर इंडिया गठबंधन के नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। कांग्रेस अध्यक्ष एवं राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने जगदीप धनखड़ पर पक्षपतापूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि आज सदन में नियमों से ज्यादा राजनीति हो रही है। इसके साथ उन्होंने यह भी बताया कि उपराष्ट्रपति के खिलाफ क्यों अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ने देश के पहले उपराष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन को याद किया और उन्होंने 1952 में कहा था कि वह किसी भी पार्टी से नहीं हैं। इसका स्पष्ट मतलब था कि वह निष्पक्ष बात करते थे। उन्होंने कहा कि भारत का उपराष्ट्रपति पद देश का दूसरा सबसे बड़ा संवैधानिक पद है। 1952 से आज तक किसी उपराष्ट्रपति के खिलाफ संविधान के आर्टिकल 67 के अंतर्गत उपराष्ट्रपति को हटाने के लिए कोई प्रस्ताव नहीं लाया गया है, क्योंकि वे हमेशा निष्पक्ष और पूरी तरह राजनीति से परे रहे हैं। उन्होंने हमेशा सदन को नियमों के अनुसार चलाया, लेकिन आज सदन में नियमों से ज्यादा राजनीति हो रही है। 

विपक्ष को बोलने नहीं देते हैं सभापति

उन्होंने कहा कि हमें दुख हो रहा है कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि कभी वह हेडमास्टर की तरह विपक्षी दल के नेताओं की क्लास लगाने लगते हैं तो कभी सरकार की शान में कसीदे पढ़ने लगते हैं। उन्होंने उपराष्ट्रपति पर सीनियर और जूनियर का ख्याल नहीं रखने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि वह कभी विपक्ष के नेताओं के लिए राजनीति बयानबाजी करते हैं तो कभी उन्हें बोलने नहीं देते हैं और वह खुद प्रवचन करने लगते हैं।

बीजेपी प्रवक्ता की तरह व्यवहार करने का लगाया आरोप

मल्लिकार्जुन खड़गे ने आगे कहा कि उपराष्ट्रपति का व्यवहार बीजेपी के प्रवक्ता की तरह हो गया है। उन्होंने सभापति पर ही राज्यसभा की कार्यवाही में व्यवधान डालने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल अपने संरक्षण के सभापति के पास जाता है, लेकिन हम ऐसा नहीं कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि सभापति खुद नहीं चाहते हैं कि सदन सही से चले, वह स्वयं ठप करने की कोशिश करते हैं। उन्होंने सभापति पर सत्ताधारी पार्टी के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि यदि विपक्ष के लोग कोई भी सवाल पूछे तो वह स्वयं सरकार का पक्ष लेने लगते हैं।

सभापति पर लगाया परंपराओं की अवहेलना का आरोप

वहीं, शिवसेना (UBT) के नेता एवं राज्यसभा सांसद संजय राउत ने सभापति जगदीप धनखड़ पर संसदीय लोकतंत्र की परंपराओं की अवहेलना का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सदन शुरू होते ही सभापति खुद ही 40 मिनट तक भाषण देते हैं और बाद में कहते हैं दंगा करो। उन्होंने कहा कि हमे ऐसा लगता है कि वह सदन नहीं, सर्कस चलाते हैं। उन्होंने आगे कहा कि यह व्यक्तिगत नहीं, व्यवस्था की लड़ाई है। 

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