खतरे में पाकिस्तान! सेना चीफ बाजवा का आर्मी के सात जनरलों ने किया विरोध

इमरान खान की सरकार के प्रस्ताव को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस आसिफ सईद खोसा ने रोक लगा दी है। चीफ जस्टिस ने कहा कि बाजवा को सिर्फ 6 महीने तक ही सेवा विस्तार दिया जा सकता है।

Update:2019-12-02 17:46 IST

इस्लामाबाद: पाकिस्तानी सेना के चीफ कमर जावेद बाजवा इन दिनों खतरे से गुजर है। हुआ कुछ यूं कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार कमर जावेद बाजवा को तीन साल का सेवा विस्तार देना चाहती थी। लेकिन बाजवा के खिलाफ सेना के सात जनरल भी आ गए हैं। वे नहीं चाहते कि बाजवा को बतौर आर्मी चीफ और सेवा विस्तार मिले।

सुप्रीम कोर्ट ने भी विस्तार पर लगाई है रोक

इमरान खान की सरकार के प्रस्ताव को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस आसिफ सईद खोसा ने रोक लगा दी है। चीफ जस्टिस ने कहा कि बाजवा को सिर्फ 6 महीने तक ही सेवा विस्तार दिया जा सकता है।

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बाजवा के बाद ये बन सकते हैं सेना चीफ

विरोध करने वाले लोगों में लेफ्टिनेंट जनरल सरफराज सत्तार, लेफ्टिनेंट जनरल नदीम राजा, लेफ्टिनेंट जनरल हुमायूं अजीज, लेफ्टिनेंट जनरल नईम असरफ, लेफ्टिनेंट जनरल शेर अफगान, लेफ्टिनेंट जनरल काजी इकराम और लेफ्टिनेंट जनरल बिलाल अकबर और एक दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग के अधिकारी भी हैं। ये सब एकसाथ एक स्वर में बाजवा के सेवा विस्तार का विरोध कर रहे हैं। वहीं, जानकारी के अनुसार बाजवा के बाद वरीयता सूची के अनुसार मुल्तान के कॉर्प्स कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल सरफराज सत्तार को सेना चीफ बनाया जा सकता है।

सत्तार की हुई थी बाजवा से बहस

कहा जा रहा है कि लेफ्टिनेंट जनरल सत्तार की कुछ दिनों पहले जनरल बाजवा से बहस हुई थी। बाजवा द्वारा नियमों के उल्लघंन करने पर उन्होंने नाराज होकर अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने बाजवा पर पाकिस्तानी सेना की छवि खराब करने का आरोप लगाया है। नियम के अनुसार बाजवा 29 नवंबर को रिटायर होने वाले थे, लेकिन अभी सुप्रीम कोर्ट में मामला चलने के कारण कोई नया आर्मी चीफ नहीं हो पाया है।

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सुप्रीम कोर्ट के फैसले के साथ हैं सभी जनरल

बता दें कि सभी सातों जनरलों ने सीधे तौर पर बाजवा का विरोध नहीं किया है। लेकिन सेवा विस्तार को लेकर नियमों में तोड़फोड़ करने का विरोध जरूर कर रहे हैं। साथ ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा इमरान खान सरकार के सेवा विस्तार संबंधी प्रस्ताव पर रोक लगाने के फैसले के साथ खड़े हैं।

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