Army Soldier Kidnapped: छुट्टी पर घर आया भारतीय सेना का जवान कुलगाम से अगवा, सर्च ऑपरेशन जारी
Army Soldier Kidnapped: भारतीय सेना के जवान जावेद अहमद वानी को अगवा कर लिया गया है। कुलगाम के रहने वाले वानी छुट्टी पर घर गए थे।
Army Soldier Kidnapped: भारतीय सेना के एक जवान के अगवा होने की खबर सामने आई है। जवान का नाम जावेद अहमद वानी है, जो छुट्टी पर अपने घर कुलगाम आए हुए थे। शनिवार को वह अपने घर से कार लेकर निकले थे, लेकिन वापस नहीं लौटे। इसकी सूचना मिलते ही सेना की ओर से सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक सेना के जवान जावेद अहमद वानी को अज्ञात लोगों ने अगवा कर लिया है। जावेद वानी ने जब घर नहीं लौटे तो, परिजनों ने उनकी खोजबीन की। इस दौरान उन्हें जवान वानी की कार मिली थी, जो लॉक नहीं थी और कार के अंदर खून के छींटे और उनकी चप्पल पड़ी हुई थी। इसके बाद जवान के परिवार ने इसकी सूचना सेना और पुलिस को दी। भारतीय सेना की ओर से वानी की खोज की जा रही है।
भारतीय सेना में शामिल 25 साल जावेद अहमद वानी लेह में तैनात थे और छुट्टी पर घर आए हुए थे। शनिवार रात करीब 8 बजे वे लापता हैं। उनकी कार शाम को पारनहाल में बरामद हुई थी। वानी कुलगाम के अचथल क्षेत्र के रहने वाले हैं। फिलहाल उनकी खोजबीन के लिए बड़े पैमाने पर तलाशी और घेराबंदी अभियान चलाए जा रहे हैं।
बीते साल एक जवान की हुई थी हत्या
बता दें कुछ वक्त से कश्मीर में खास तौर पर सेना और पुलिसकर्मियों को निशाना बनाया जा रहा है। पिछले साल भी भारतीय सेना के एक जवान समीर अहमद मल्ल का अपहरण किया गया था। इसके बाद उनकी हत्या कर दी गई थी। उनका शव बडगाम जिले में एक बगीचे में मिला था। ये अपहरण प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने किया था।
2017 में भी जवान को किडनैप कर ली जान
मई 2017 में भी आतंकियों ने छुट्टी मनाने के लिए घर आए सेना के एक अधिकारी औरंगजेब को किडनैप कर लिया था। इसके बाद उसकी गोली मारकर हत्या कर दी थी। आतंकियों ने औरंगजेब एक शादी समारोह में शामिल होने के लिए जा रहा था। इसके बाद गोलियों से छलनी उनका शव बुधवार की सुबह हरमैन इलाके में उनके घर से करीब तीन किलोमीटर दूर मिला था। इसके अलावा, शहीद लेफ्टिनेंट उमर फैयाज और शहीद जवान इरफान अहमद डार को भी आतंकियों ने उसी समय मारा था, जब वो छुट्टी पर अपने घर आए हुए थे।
एसओपी का पालन करना जरूरी
सेना ने फैयाज और डार को खोने के बाद एसओपी यानी स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर का पालन करने का फैसला किया था। इसके तहत सेना में तैनात कश्मीर घाटी के कर्मियों को सुरक्षा देने और उनके घर के पास वाली सेना यूनिट को जानकारी देने की व्यवस्था की गई है।