आर्टिकल 370,राम मंदिर और अब समान नागरिक संहिता की बारी,2024 से पहले सभी संकल्प पूरा करने की PM मोदी की तैयारी
Uniform Civil Code: अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण,जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 की समाप्ति और समान नागरिक संहिता भाजपा के तीन प्रमुख संकल्प रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने इनमें से दो संकल्पों को पूरा कर लिया है।
Uniform Civil Code: देश में इन दिनों समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर सियासी माहौल गरमाया हुआ है। कांग्रेस समेत कुछ विपक्षी दलों की ओर से इस बाबत सरकार की ओर से की जा रही तैयारी का तीखा विरोध किया जा रहा है, तो कुछ विपक्षी दल सरकार के समर्थन में भी खड़े दिखाई देने लगे हैं। संसद के मानसून सत्र की शुरुआत 20 जुलाई से होने की उम्मीद जताई जा रही है। जानकारों का मानना है कि संसद के मानसून सत्र के दौरान ही समान नागरिक संहिता के संबंध में बिल लाया जा सकता है।
अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण,जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 की समाप्ति और समान नागरिक संहिता भाजपा के तीन प्रमुख संकल्प रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने इनमें से दो संकल्पों को पूरा कर लिया है। माना जा रहा है कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार अपना तीसरा संकल्प पूरा करने में भी कामयाब हो सकती है। सरकार लोकसभा में तो इस बिल को आसानी से पास करा लेगी ।मगर राज्यसभा में मोदी सरकार को कुछ विपक्षी सदस्यों के समर्थन की भी दरकार है।
ऐतिहासिक होगा संसद का मानसून सत्र
संसद का मानसून सत्र इस बार ऐतिहासिक होगा और इसके कई कारण माने जा रहे हैं। पहली बार संसद के नए भवन में संसद का सत्र आयोजित किया जाएगा। दूसरा महत्वपूर्ण कारण यह माना जा रहा है कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले यह संसद का आखिरी मानसून सत्र होगा। एक और बहुत महत्वपूर्ण बात संसद के मानसून सत्र के साथ यह जुड़ सकती है कि इसी सत्र के दौरान मोदी सरकार की ओर से समान नागरिक संहिता पर विधेयक पेश करने की तैयारी है।
इन मुद्दों को लेकर हो सकता है हंगामा
जानकार सूत्रों के मुताबिक संसद का मानसून सत्र 20 जुलाई से शुरू होकर 15 अगस्त तक चल सकता है। इसी दौरान मोदी सरकार यह महत्वपूर्ण विधेयक लाकर 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले बड़ा सियासी दांव चलने की दिशा में तेजी से तैयारी में जुटी है। संसद का मानसून सत्र काफी हंगामेदार होने की आशंका है।
समान नागरिक संहिता के विधेयक और दिल्ली से जुड़े अध्यादेश पर विपक्ष की ओर से जोरदार हंगामा किया जा सकता है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली संबंधी अध्यादेश पर मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है और कई विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर आप के रुख का समर्थन किया है। हालांकि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस अलग रुख अपनाती हुई दिख रही है।
अब समान नागरिक संहिता की बारी
संसद के मानसून सत्र के दौरान भाजपा अपने तीसरे प्रमुख संकल्प को पूरा करने की तैयारी में जुटी हुई है। अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण,आर्टिकल 370 की समाप्ति और समान नागरिक संहिता, ये तीन प्रमुख मुद्दे भाजपा शुरुआत से ही उठाती रही है। जब पार्टी सत्ता में नहीं थी, तब भी पार्टी की ओर से इन तीन प्रमुख संकल्पों को पूरा करने की बात कही जाती थी।
इनमें से दो प्रमुख संकल्प अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण और आर्टिकल 370 की समाप्ति की दिशा में कदम पहले ही उठाया जा चुका है। ऐसे में माना जा रहा है कि अब समान नागरिक संहिता से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दे की बारी है।
पीएम मोदी ने की थी दमदार वकालत
2024 के लोकसभा चुनाव से पूर्व प्रधानमंत्री मोदी पार्टी के तीसरे प्रमुख संकल्प को पूरा करने की कोशिश में जुट गए हैं। पिछले दिनों भोपाल में भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने समान नागरिक संहिता की दमदार तरीके से वकालत की थी। उनका कहना था कि जब दो कानून से घर नहीं चलाया जा सकता तो फिर दो कानून से देश को कैसे चलाया जाएगा।
उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षी दल इस मुद्दे पर जनता को बरगलाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। उनका कहना था कि संवेदनशील मुद्दे पर मुसलमानों को भड़काने की कोशिश की जा रही है।
राज्यसभा में इस तरह मिल सकती है कामयाबी
मोदी सरकार के लिए समान नागरिक संहिता से जुड़े बिल को लोकसभा में पास कराना ज्यादा मुश्किल नहीं होगा । क्योंकि लोकसभा में सरकार के पास स्पष्ट बहुमत है। राज्यसभा में इस बिल को पास कराने में सरकार फंसती हुई नजर आ रही है। वैसे सियासी जानकारों का मानना है कि सरकार राज्यसभा में भी इस बिल को पास कराने में कामयाब हो सकती है। राज्यसभा में एनडीए के पास कुल 109 सांसदों की ताकत है । जबकि इस बिल को पास कराने के लिए मोदी सरकार को कम से कम 119 सांसदों के समर्थन की जरूरत होगी।
आम आदमी पार्टी ने इस बिल को सैद्धांतिक समर्थन देने का ऐलान कर दिया है। राज्यसभा में आप के पास 10 सांसदों की ताकत है । अब शिवसेना का उद्धव ठाकरे गुट भी इस मुद्दे पर सरकार के समर्थन में आ गया है। बीजू जनता दल की ओर से भी इस मुद्दे पर सरकार का समर्थन किया जा सकता है। इस कारण माना जा रहा है कि राज्यसभा में भी बिल को पास कराकर मोदी सरकार भाजपा का तीसरा संकल्प पूरा करने में कामयाब हो सकती है।