जश्न-ए-नोटबंदी ! जेटली बोले- BJP 8 नवंबर को एंटी ब्लैकमनी डे मनाएगी
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस की। उन्होंने कहा कि 8 नवंबर को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नोटबंदी की कामयाबी का जश्न एंटी ब्लैकमनी डे (कालाधन विरोधी दिवस) के रूप में मनाएगी।
नई दिल्ली : इस साल 8 नवंबर को राजनीतिक घमासान देखने को मिलने वाला है। विपक्ष के 8 नवंबर को ब्लैकमनी डे (कालाधन दिवस) मनाने के ऐलान के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस की। उन्होंने कहा कि पूरे देश में 8 नवंबर को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नोटबंदी की कामयाबी का जश्न एंटी ब्लैकमनी डे (कालाधन विरोधी दिवस) के रूप में मनाएगी। देशभर के बीजेपी नेता, केंद्रीय मंत्री, राज्य सरकार के मंत्री, प्रमुख पार्टी कार्यकर्ता कार्यक्रमों का आयोजन करेंगे और नोटबंदी की सफलता का जश्न मनाते हुए लोगों को इससे हुए फायदे की जानकारी देंगे। बता दें, कि पिछले साल 8 नवंबर को ही देश में पीएम मोदी के ऐलान के बाद नोटबंदी (500-1,000 की करेंसी चलन से बाहर) लागू हुई थी।
नोटबंदी सफल रही
-जेटली ने कहा कि बीजेपी का मानना है कि पिछले साल की गई नोटबंदी सफल रही है।
-बीजेपी इस बड़े आर्थिक बदलाव की सफलता का जश्न मनाएगी।
-हमारी सरकार ने सत्ता में आते ही काले धन के खिलाफ एसआईटी बनाई।
-कुछ ऐसे राजनीतिक दल हैं, जो पहले शासन में थे।
-वे नहीं चाहते थे कि ब्लैक मनी के खिलाफ कार्रवाई हो।
-कालेधन के खिलाफ कार्रवाई किसी छोटे कदम से मुमकिन नहीं है।
-8 नवंबर की तारीख बहस देश को प्रो-एक्सेसिव कैश इकोनॉमी और एंटी ब्लैक मनी कैंपेन के बीच में वैचारिक दृष्टि से पोलेराइज करती है।
-बीजेपी इस बहस को आगे बढ़ाएगी।
यह भी पढ़ें .... कांग्रेस ने की PM के भाषण की आलोचना- कालाधन बस ढकोसला
कांग्रेस पर साधा निशाना
-जेटली ने कहा कि जब से केंद्र में बीजेपी की सरकार बनी है, तब से लेकर अब तक सरकार ने कालेधन के खिलाफ लगातार ऐक्शन लिया है।
-कालेधन के खिलाफ कार्रवाई के लिए सरकार ने कई कानून बदले
-विदेशों में जमा कालेधन को वापस लाने के लिए कई देशों के साथ समझौते भी किए गए।
-सरकार का उद्देश्य कालेधन की व्यवस्था को पूरी तरह खत्म करना है।
-कांग्रेस के पास सत्ता में रहने के पर्याप्त मौके थे
-मुझे याद नहीं आता कि उन्होंने कालेधन के खिलाफ एक भी कदम उठाया हो।
गिनाए नोटबंदी के फायदे
-जेटली ने कहा कि नोटबंदी से कालेधन पर तो अंकुश लगा ही, साथ ही आतंकवाद पर भी लगाम कसी गई।
-नोटबंदी अपने उद्देश्य में पूरी तरह सफल रही है
-अब जीएसटी के माध्यम से एक नया फेज शुरू हुआ है।
यह भी पढ़ें .... अब नहीं छुपा पाएंगे स्विस बैंक में कालाधन, अगर ऐसा किया तो होंगे बेनकाब