खतरे में असम-बिहार: बाढ़ से हुई लाखों जिंदगियां तबाह, राहत कार्य जारी

असम और बिहार में बाढ़ की स्थिति भयावह बनी हुई है। दोनों ही राज्यों में करीब 36 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। असम में बाढ़ और भूस्खलन से मरनेवालों की संख्या 123 तक पहुंच गई है। वहीं बिहार में अब तक बाढ़ से 10 लोगों की मौत हो चुकी है।

Update:2020-07-26 10:20 IST

असम और बिहार में बाढ़ की स्थिति भयावह बनी हुई है। दोनों ही राज्यों में करीब 36 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। असम में बाढ़ और भूस्खलन से मरनेवालों की संख्या 123 तक पहुंच गई है। वहीं बिहार में अब तक बाढ़ से 10 लोगों की मौत हो चुकी है। सरकारी रिपोर्ट के अनुसार असम में 27 जिलों में करीब 26.38 लाख प्रभावित हैं और बाढ़ की वजह से 97 और भूस्खलन की वजह से 26 लोगों की मौत हुई है।

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12 जिले भीषण बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित

इधर बिहार के 12 जिलों की आबादी भीषण बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित है। राज्य में सैकड़ों गांव बाढ़ में डूबे हैं। गोपालगंज में डुमरिया पुल के पास तटबंध टूटने से बड़े इलाके में बाढ़ का पानी भर गया है। जिससे दिल्ली को जोड़ने वाले नेशनल हाईवे 28 को भी खतरा पैदा हो गया है। पूर्वी चंपारण को गोपालगंज से जोड़ने वाले डुमरिया पुल को प्रशासन ने बंद कर दिया है।

एनडीआरएफ (NDRF) और (SDRF )की टीमें लोगों के बचाव अभियान में जुटी हुई हैं। बिहार के बाढ़ प्रभावित जिलों में पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज और खगड़िया शामिल हैं। बागमती, बूढ़ी गंडक, कमलाबलान, लालबकैया, अधवारा, खिरोई, महानंदा और घाघरा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।

राहत कार्य जारी

बिहार के पूर्वी चंपारण में एनडीआरएफ के जवान लोगों के लिए भगवान बनकर सामने आए। पूर्वी चंपारण जिले में पानी की लहरों में फंसे लोग एक नाव से नदी पार कर रहे समस्तीपुर के डीएम शशांक शुभंकर ने कल्याणपुर प्रखंड के नामापुर पंचायत के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में शनिवार को प्रशासनिक व्यवस्थाओं का जायजा लिया। डीएम ने 50 लोगों पर एक कम्युनिटी किचन जल्द शुरू करने का निर्देश दिया। लोगों की दिक्कतों को देखते हुए इलाके में ज्यादा से ज्यादा निःशुल्क नाव चलवाने के निर्देश दिए गए हैं।

गंडक नदी पर बने पुल के नीचे पानी के दबाव की वजह से तेजी से कटाव हो रहा है, जिसके बाद प्रशासन ने एहतियातन इस पुल का परिचालन बंद कर दिया है। पूर्वी चंपारण जिला प्रशासन युद्ध स्तर पर इस कटाव को रोकने के लिए मरम्मत का काम कर रहा है।

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बता दें, गंडक नदी पर कई तटबंध टूट गए उसकी वजह से स्थिति और ज्यादा गंभीर हो गई है। नेशनल हाईवे 57 के पेट्रोलिंग इंचार्ज नीचे तकरीबन 50 फीट तक कटाव हुआ है, जिसके बाद जिला प्रशासन युद्ध स्तर पर मरम्मत का काम कर रहा है।

राहत पैकेट

इधर ब्रह्मपुत्र नदी का क्रोध पूरा असम झेल रहा है। अब तक बाढ़ से विभिन्न प्रजातियों के 127 जानवरों की जान जा चुकी है और काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में 157 जानवरों को बचाया गया है। बिहार में बाढ़ प्रभावित उत्तरी जिलों में राहत सामग्री हेलीकॉप्टर की मदद से लोगों के बीच गिराया गया है। करीब 10 लाख लोग यहां बाढ़ की वजह से प्रभावित हैं। शनिवार को किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। राहत पैकेट में ढाई किलोग्राम चावल, एक किलोग्राम चना, 500 ग्राम गुड़, माचिस और एक मोमबत्ती का पैकेट है। बाढ़ प्रभावित परिवारों की पहचान के बाद राज्य सरकार उन्हें छह-छह हजार रुपये की सहायता राशि भी मुहैया कराएगी।

 

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