21 साल पहले अटल हो चुके थे हाईटेक, डिजिटल दुनिया में दर्ज कराई थी मौजूदगी
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को अगर देश का पहला साइबर प्राइम मिनिस्टर कहा जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। उन्होंने 21 साल पहले ही डिजिटल दुनिया की ताल से ताल मिलाकर चलने की कवायद शुरू कर दी थी। वह इंटरनेट पर अपना चुनाव प्रचार करने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं।
रिपोर्ट- अखिलेश तिवारी
लखनऊ: देश के सर्वाधिक लोकप्रिय प्रधानमंत्रियों व राजनेताओं में शुमार भाजपा नेता अटल बिहारी वाजपेयी वक्त के साथ ताल मिलाकर कदम बढ़ाने वालों में अग्रणी हैं। 21 साल पहले ही उन्होंने डिजिटल वल्र्ड में अपनी मौजूदगी दर्ज करा दी थी। वह युवा पीढ़ी को भी आधुनिक ज्ञान अपनाने के लिए प्रेरित करते रहे हैं।
इंटरनेट पर चुनाव प्रचार करने वाले बनें भारत के पहले पीएम
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को अगर देश का पहला साइबर प्राइम मिनिस्टर कहा जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। उन्होंने 21 साल पहले ही डिजिटल दुनिया की ताल से ताल मिलाकर चलने की कवायद शुरू कर दी थी। वह इंटरनेट पर अपना चुनाव प्रचार करने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं। उनकी डिजिटल मौजूदगी को इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड में उपलब्धि के तौर पर दर्ज कराने की कवायद की जा रही है। दो दशक पहले लखनऊ में उनकी वेबसाइट को शुरू कराने वाले भाजपा कार्यकर्ता मनीष खेमका बताते हैं कि आज से 21 साल पहले जब इंटरनेट अपने शुरूआती दौर में था तब देश के लोकप्रिय राजनेता अटल बिहारी वाजपेयी भारत के ऐसे पहले प्रधानमंत्री थे जिन्होंने लखनऊ में अपने चुनाव प्रचार के लिए पहली बार इंटरनेट का इस्तेमाल किया था। मोदी जी के मार्गदर्शन में मैं इसका माध्यम बना यह मेरे लिए गौरव का विषय है।
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लखनऊ में चुनाव प्रचार के लिए पहली बार किया इस्तेमाल
चुनाव प्रचार में आज फ़ेसबुक-ट्विटर जैसे सोशल मीडिया का इस्तेमाल आम बात है। देश के दिग्गज राजनेताओं से लेकर आम कार्यकर्ता तक इंटरनेट पर इसका उपयोग करते हैं। लेकिन यह तथ्य कम लोगों को मालूम होगा कि आज से 21 साल पहले जब इंटरनेट अपने शुरूआती दौर में था तब देश के लोकप्रिय राजनेता अटल बिहारी वाजपेयी भारत के ऐसे पहले प्रधानमंत्री थे जिन्होंने लखनऊ में अपने चुनाव प्रचार के लिए पहली बार इंटरनेट का इस्तेमाल किया था।
वोट फ़ॉर अटल डॉट कॉम के जरिए किया था चुनाव प्रचार
तत्कालीन प्रधानमंत्री वाजपेयी तब के संसदीय चुनाव में अकेले ऐसे उम्मीदवार थे जिनका प्रचार न केवल रीयल बल्कि इंटरनेट के वर्चुअल माध्यम से भी किया गया था। 27 जुलाई 1999 को उनके चुनाव प्रचार पर केंद्रित एक वेबसाईट वोट फ़ॉर अटल डॉट कॉम (VoteForAtal.Com) का उद्घाटन उप्र के भाजपा मुख्यालय पर भाजपा नेता फ़िल्म स्टार विनोद खन्ना ने किया था। संयोग से चुनाव प्रचार के लिए लखनऊ आए नरेन्द्र मोदी भी तब उप्र भाजपा कार्यालय पर मौजूद थे।
मनीष खेमका ने 21 साल पहले वेबसाईट का किया था निर्माण
समाजसेवी व उद्यमी मनीष खेमका ने 21 साल पहले इस वेबसाईट की कल्पना और निर्माण किया था जिसे तब जबरदस्त मीडिया कवरेज और सराहना मिली थी। खेमका बताते हैं जिस दिन इस वेबसाईट का उद्घाटन उप्र के भाजपा मुख्यालय पर प्रस्तावित था, संयोग से नरेंद्र मोदी भी उस वक़्त वहाँ मौजूद थे। उनके प्रशंसक के नाते मैने अटल जी के चुनाव प्रभारी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पत्रिका राष्ट्रधर्म के तत्कालीन संपादक वीरेश्वर द्विवेदी से कहा कि वह नरेंद्र मोदी से इस वेबसाइट का उद्घाटन करवाने का प्रयास करें।
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अटल की इस वेबसाइट को लोगों ने काफी पसंद किया
कार्यक्रमों के सफल मैनेजमेंट में माहिर मोदी ने अपने अनुभव के अनुरूप तब अच्छे मीडिया कवरेज के लिए किसी चर्चित चेहरे या प्रदेश के किसी बड़े नेता से इसे क्लिक करवाने की सलाह दी। फिर फ़िल्म स्टार विनोद खन्ना का नाम तय हुआ जो तुरंत ही वहाँ पहुँचे । आज डिजिटल इंडिया की बात हो रही है लेकिन तब इंटरनेट का इस्तेमाल कम लोग करते थे। अटल की इस वेबसाइट को उम्मीद से भी ज़्यादा लोगों ने देखा और पसंद किया।
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