हैरान कर देगी NCRB की ये रिपोर्ट: देश के अंदर रोजाना हो रही रेप की 87 वारदातें

इस रिपोर्ट पर अगर हम ध्यान दें तो एनसीआरबी कि महिलाओं के साथ-साथ बच्चों के खिलाफ अपराधों में बढ़ोतरी पाई गई है। इनमें से 46.6 फीसदी मामले अपहरण के थे और 35.3 फीसदी मामले यौन अपराधों के थे।

Update:2020-10-01 17:40 IST
वर्ष 2019 में प्रति एक लाख की आबादी पर दर्ज महिलाओं के खिलाफ अपराधों की दर 62.4 फीसदी रही। जबकि वर्ष 2018 में यह दर 58.8 फीसदी थी।

नई दिल्ली: देश के अंदर रेप की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। पहले हाथरस और उसके बाद फिर बलरामपुर में गैंगरेप की वारदात ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है।

यूपी में घटी इन वारदातों ने एक बार फिर से लोगों को निर्भया कांड की याद दिला दी है। लोग सड़कों पर उतरकर रेपिस्टों के खिलाफ फांसी की मांग कर रहे हैं।

प्रदर्शन करने में राजनीतिक दल भी पीछे नहीं हैं। कांग्रेस और सपा के कार्यकर्ताओं ने आज हाथरस और बलरामपुर गैंगरेप कांड के खिलाफ सड़कों पर उतरकर प्रदेश सरकार पर जोरदार हमला बोलने का काम किया है। बसपा ने भी इस केस आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

गैंगरेप की प्रतीकात्मक फोटो(सोशल मीडिया)

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क्या कहती है एनसीआरबी की रिपोर्ट

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो एनसीआरबी की रिपोर्ट पर अगर हम गौर करें तो वर्ष 2019 मंस भारत में प्रतिदिन औसतन 87 दुष्कर्म के मामले सामने आए और महिलाओं के खिलाफ अपराध के चार लाख पांच हजार 861 मामले दर्ज किए गए। जबकि वर्ष 2018 की तुलना में साल 2019 में महिलाओं के खिलाफ अपराध सात फीसदी से ज्यादा पाए गये।

इसी तरह वर्ष 2019 में प्रति एक लाख की आबादी पर दर्ज महिलाओं के खिलाफ अपराधों की दर 62.4 फीसदी रही। जबकि वर्ष 2018 में यह दर 58.8 फीसदी थी।

ये तमाम बातें एनसीआरबी की ओर से 29 सितंबर को जारी 'भारत में अपराध-2019' नामक रिपोर्ट क जरिये बाहर आई है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि गत वर्ष देश में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में 7.3 फीसदी की वृद्धि हुई है।

यहां ये भी बता दें कि एनसीआरबी केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत काम करता है।

इसका काम पूरे देश में अपराधों का डाटा एकत्र करना और उसका अध्ययन करना है। एजेंसी ने 36 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों और 53 महानगरों के आंकड़ों को समेटने के बाद तीन खंड की रिपोर्ट तैयार की है।

रिपोर्ट में आगे लिखा है- वर्ष 2018 में देश में महिलाओं के खिलाफ अपराध के तीन लाख 78 हजार 236 केस रजिस्टर्ड हुए थे।

गृह मंत्रालय ने एक बार फिर से ये साफ़ कर दिया है कि पश्चिम बंगाल ने नवीनतम डाटा अभी तक शेयर नहीं किया है। इसके चलते वर्ष 2018 के डाटा का इस्तेमाल राष्ट्रीय और शहर-वार आंकड़ों पर पहुंचने के लिए किया गया है।

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बच्चों के खिलाफ भी बढ़े अपराध

इस रिपोर्ट पर अगर हम ध्यान दें तो एनसीआरबी कि महिलाओं के साथ-साथ बच्चों के खिलाफ अपराधों में बढ़ोतरी पाई गई है। इनमें से 46.6 फीसदी मामले अपहरण के थे और 35.3 फीसदी मामले यौन अपराधों के थे।

वर्ष 2018 की तुलना में 2019 में बच्चों के खिलाफ अपराध के मामले 4.5 फीसदी तक बढ़ गये हैं। जबकि साल 2019 में बच्चों के खिलाफ अपराध के 1.48 लाख मामले पाए गये थे।

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