Karnataka: कर्नाटक में कांग्रेस से निपटने के लिए बीजेपी का प्लान तैयार, जेडीएस के साथ गठबंधन पर येदियुरप्पा का बड़ा बयान
Karnataka News: बीजेपी की इस नई सियासी रणनीति के संकेत कर्नाटक भाजपा के भीष्म पितामह कहे जाने वाले पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा के बयान से मिला है।
Karnataka News: देश की सभी प्रमुख सियासी पार्टियां मिशन 2024 की तैयारियों में जुट गई हैं। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी जहां एनडीए का कुनबा बढ़ा रही है तो वहीं नवगठित इंडिया अलायंस भी विपक्षी एकजुटता की गंभीर कवायद में जुटी हुई है। दोनों पक्षों की ओर से हो रही पूरी कोशिश ने अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को काफी दिलचस्प बना दिया है। बीजेपी राज्य दर राज्य अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर रही है। इसी के तहत दक्षिण को लेकर पार्टी की एक बड़ी सियासी रणनीति सामने आई है।
कर्नाटक जो साउथ इंडिया में एकमात्र राज्य है, जहां बीजेपी का व्यापक जनाधार है, वहां इसी साल मई में हुई विधानसभा चुनाव में पार्टी को कांग्रेस के हाथों बड़ी शिकस्त सामना करना पड़ा। पार्टी दक्षिण से पूरी तरह साफ हो गई। अब भगवा दल के सामने लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करने की चुनौती है। बीजेपी ने गत आम चुनाव में शानदार प्रदर्शन किया था, जिसे बरकरार रखने के लिए जनता दल (सेक्यूलर) यानी जेडीएस से गठबंधन करने का निर्णय लिया है।
पूर्व सीएम येदियुरप्पा का गठबंधन पर बड़ा बयान
बीजेपी की इस नई सियासी रणनीति के संकेत कर्नाटक भाजपा के भीष्म पितामह कहे जाने वाले पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा के बयान से मिला है। कद्दावर लिंगायत नेता ने गठबंधन की अटकलों पर कहा, मुझे प्रसन्नता है कि देवगौड़ाजी हमारे प्रधानमंत्री से मिले और वे पहले ही करीब चार सीटों को फाइनलाइज कर चुके हैं। मैं उनका स्वागत करता हूं। भाजपा नेता ने कहा कि इसने हमें काफी ताकत दी है और इससे हमें 25-26 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल करने में मदद मिलेगी।
पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा का यह बयान अहम इसलिए माना जा रहा है क्योंकि वे भाजपा संसदीय बोर्ड के सदस्य भी हैं। इसके अलावा मीडिया रिपोर्ट्स में जेडीएस प्रमुख और पूर्व पीएम एचडी देवगौड़ा के अमित शाह और जेपी नड्डा से मुलाकात की खबरें हैं। बताया जाता है कि बीजेपी ने जेडीएस के साथ गठबंधन की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। इंडिया अलायंस में जेडीएस के शामिल न होने के बाद गठबंधन को लेकर कयास लगने लगे थे। हालांकि, अभी तक देवगौड़ा या उनकी पार्टी की ओर से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
मुश्किल में देवगौड़ा परिवार की सियासत
देश के पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा की पार्टी जेडीएस कभी कर्नाटक में पहले नंबर की पार्टी हुआ करती थी। मौजूदा सीएम एस सिद्धारमैया उन्हीं के चेले रहे हैं। लेकिन पारिवारिक मोह में फंसने के बाद पार्टी का जनाधार खिसकता गया और पार्टी पहले से तीसरे स्थान पर खिसक गई और महज ओल्ड मैसूर रीजन की पार्टी बनकर रह गई।
2019 में जेडीएस को लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन होने के बावजूद महज एक सीट पर जीत मिली थी। वहीं, 2023 के विधानसभा चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन निराशाजनक रहा और विधायकों की संख्या घटकर 19 रह गई। ऐसे में जेडीएस खासकर देवगौड़ परिवार संसद में अपनी पहुंच बनाए रखने के लिए बीजेपी से गठबंधन को तैयार है। जेडीएस पूर्व में भी बीजेपी के साथ गठबंधन कर चुकी है।
डिमांड 5 सीट की लेकिन बीजेपी 4 पर सहमत
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, बीजेपी आलाकमान से बातचीत के दौरान जेडीएस ने लोकसभा की पांच सीटों का प्रस्ताव सामने रखा है। ये वो सीटें जहां से देवगौड़ा परिवार के सदस्य चुनाव लड़ते आए हैं। इनमें हासन, तुमाकुरू, मांड्या, चिकबल्लापुर और बेंगलुरू ग्रामीण की सीटें शामिल हैं, ये सभी सीटें वोक्कालिगा मतदाता बहुल सीटें हैं। बताया जाता है कि ओल्ड मैसूर रीजन की इन सभी सीटों में से एक (चिकबल्लापुर) को छोड़कर बाकी चारों सीट बीजेपी छोड़ने को तैयार है। हासन सीट से पूर्व पीएम के पोते प्रज्वल रेवन्ना सांसद हैं, जो एकमात्र लोकसभा एमपी हैं अपने पार्टी के।
2019 में क्या रहा था परिणाम ?
कर्नाटक में लोकसभा की कुल 28 सीटें हैं। 2019 के आम चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के बीच सीधा मुकाबला हुआ था। राज्य में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार होने के बावजूद बीजेपी ने 25 सीटों पर जीत हासिल की थी और एक पार्टी समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार ने भी जीत हासिल की थी। वहीं, जेडीएस-कांग्रेस महज एक-एक सीट पर सिमट गए थे। 2023 के विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद कांग्रेस राज्य में मजबूत ताकत बनकर उभरी है। ऐसे में बीजेपी के सामने 2019 का प्रदर्शन बरकरार रखने की चुनौती है।