बाबा रामदेव के भाई राम भरत बने रुचि सोया के MD, सैलरी जान दंग रह जाएंगे
रुचि सोया कम्पनी की तरफ से कहा गया है कि 'कंपनी के निदेशक मंडल ने 19 अगस्त 2020 को आयोजित बैठक में श्रीराम भरत को 19 अगस्त, 2020 से 17 दिसंबर 2020 तक के लिए मैनेजिंग डायरेक्टर नियुक्त किया है।
नई दिल्ली: पतंजलि ग्रुप के संरक्षक और योग गुरु बाबा रामदेव के छोटे भाई राम भरत को रुचि सोया कंपनी का मैनेजिंग डायरेक्टर बनाया गया है। वहीं आचार्य बालकृष्ण को इस कम्पनी का चेयरमैन बनाया गया है। दोनों लोगों को रुचि सोया के बोर्ड में जगह दी गयी है।
इसके अलावा, गिरीश कुमार आहूजा, ग्याज सुधा मिश्र और तेजेंद्र मोहन भसीन को कंपनी के बोर्ड में स्वतंत्र निदेशक बनाया गया है।
हालांकि, अभी इस पर शेयरधारकों से मंजूरी लिया जाना बाकी है। लोगों की जानकारी के लिए बता दें कि पतंजलि ग्रुप ने पिछले साल ही 4,350 करोड़ रुपये में न्यूट्रीला फूड ब्रैंड बेचने वाली सोया फूड कंपनी रुचि सोया को खरीदा है। साल 2017 में रुचि सोया के दिवालिया होने की प्रक्रिया शुरू की गयी थी और इसी के तहत पिछले साल इसे बेचा गया था।
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शेयरधारकों से मांगी गई अनुमति
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बाबा रामदेव को भी इस कंपनी में डायरेक्टर बनाया गया है। जिसके बाद से रुचि सोया इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने अपने शेयरधारकों को नोटिस जारी कर उनसे 41 साल के राम भरत को मैनेजिंग डायरेक्टर पद पर नियुक्ति के लिए मंजूरी मांगी है। हालांकि अभी तक शेयर धारकों की तरफ से जवाब आना बाकी है।
मालूम हो कि रुचि सोया को पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड, दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट, पतंजलि परिवहन प्राइवेट लिमिटेड और पतंजलि ग्रामोद्योग के कंसोर्टियम ने मिलकर खरीदा था। अब नए मैनेजमेंट को अपना बोर्ड चुनने का अधिकार है।
कम्पनी की तरफ से क्या कहा गया है ?
इस बारें में रुचि सोया कम्पनी की तरफ से कहा गया है कि 'कंपनी के निदेशक मंडल ने 19 अगस्त 2020 को आयोजित बैठक में श्रीराम भरत को 19 अगस्त, 2020 से 17 दिसंबर 2020 तक के लिए मैनेजिंग डायरेक्टर नियुक्त किया है। अब से कम्पनी के अंदर उनकी भूमिका पूर्णकालिक निदेशक की जगह मैनेजिंग डायरेक्टर की होगी।
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कितनी होगी तनख्वाह
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार शेयर धारकों को नोटिस भेजकर जो जानकारी दी गई है। उसके मुताबिक राम भरत को हर साल सिर्फ 1 रुपये की सैलरी दी जाएगी।
कहने का मतलब ये है कि वह सिर्फ प्रतीकात्मक रूप से ही वेतन लेंगे और एक तरह से कंपनी की सेवा करते रहेंगे। ठीक उनकी तरह ही आचार्य बालकृष्ण भी सालाना 1 रुपये की प्रतीकात्मक सैलरी लेंगे।
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