बुरे फंसे गहलोतः ताबड़तोड़ छापेमारी में करोड़ों नकदी मिली, लगेगा राष्ट्रपति शासन
हालात से निपटने के लिए सचिन पायलट को मनाने की सभी कोशिशें जारी हैं। लेकिन सचिन पायलट सीएम बनाए जाने की मांग पर अड़े हैं। यही वजह है कि जब तक उन्हें इस बाबत आश्वासन नहीं मिल जाता है वह समझौता नहीं करेंगे। हालांकि कहा जा रहा है कि प्रियंका गांधी जल्द ही ऐसा फार्मूला दे सकती हैं जो पायलट मान जाएंगे।
जयपुरः राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मुसीबतें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। पहले सचिन पायलट समर्थक विधायकों की उठापटक, फिर विधायकों की खरीद फरोख्त, फोन टैपिंग और अब आयकर विभाग का तीन कारोबारी समूहों के यहां से 12 करोड़ रुपये की नकदी व डेढ़ करोड़ के जेवरात जब्त करने का खुलासा। ये सब बातें गहलोत के खिलाफ ही जाती दिख रही हैं।
इस बीच बहुजन समाज पार्टी की नेता मायावती ने भी भाजपा के सुर में सुर मिलाते हुए राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की मांग की है। बसपा नेता का कहना है कि राजस्थान के सीएम ने दल-बदल कानून का खुला उल्लंघन करके लगातार दूसरी बार बसपा के साथ दगाबाजी की है।
मायावती का आरोप है कि पहले पार्टी के विधायकों को कांग्रेस में शामिल कराया और अब फोन टैपिंग कराकर एक और गैर कानूनी और असंवैधानिक काम किया है।
अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली, मुंबई, जयपुर और कोटा में करीब 43 स्थानों की तलाशी पूरी करने के बाद भारी मात्रा में नकदी व जेवरात जब्त किये गए हैं। आयकर विभाग ने यह छापेमारी सीएम अशोक गहलोत के करीबियों के यहां कुछ दिन पहले की थी। इस छापेमारी में करीब 12 करोड़ कैश मिला है और 1 करोड़ 70 लाख के गहने मिले हैं। ये छापेमारी राजीव अरोड़ा ,सुनील कोठरी और रतनकांत शर्मा के यहां हुई थी। इनसे अगले हफ्ते पूछताछ की जाएगी।
भाजपा आक्रामक
गौरतलब है कि भाजपा नेता संबित पात्रा पहले ही कह चुके हैं कि राजस्थान सरकार को इस बात का जवाब देना चाहिए कि क्या उसके सीएम और अन्य नेता फोन टैपिंग करा रहे हैं। भाजपा नेता ने इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की है।
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भाजपा ने ऑडियो टेप मामले में कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला और गोविंद सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी है, क्योंकि उन्होंने केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत को इस मामले में घसीटा था। भाजपा का सवाल है कि क्या राजस्थान में आपातकाल की स्थिति है? क्या सभी राजनैतिक पार्टियां इस तरह टारगेट की जा रही हैं?
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हालात से निपटने के लिए सचिन पायलट को मनाने की सभी कोशिशें जारी हैं। लेकिन सचिन पायलट सीएम बनाए जाने की मांग पर अड़े हैं। यही वजह है कि जब तक उन्हें इस बाबत आश्वासन नहीं मिल जाता है वह समझौता नहीं करेंगे। हालांकि कहा जा रहा है कि प्रियंका गांधी जल्द ही ऐसा फार्मूला दे सकती हैं जो पायलट मान जाएंगे।