Bajrang Dal Controversy: कर्नाटक के बाद कई अन्य राज्यों में भी गरमाया बजरंग दल का मुद्दा, विधानसभा चुनावों में बनेगा बड़ा फैक्टर
Bajrang Dal Controversy:
Bajrang Dal Controversy: कर्नाटक के विधानसभा चुनाव में बजरंग दल पर बैन लगाने का मुद्दा काफी गरमा गया है। कांग्रेस के घोषणा पत्र में बजरंग दल पर बैनर लगाने के बाद एक बार भाजपा काफी हमलावर है और लगातार इस मुद्दे को हिंदुत्व से जोड़ने की कोशिश में जुटी हुई है। भाजपा इस मुद्दे को सियासी रूप से भुनाने की कोशिश में जुट गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी चुनावी सभाओं में बजरंगबली के जयकारे लगवा रहे हैं तो पार्टी के अन्य नेता भी इस मुद्दे पर हमलावर हो गए हैं।
वैसे यह मुद्दा इतना गरमा गया है कि इसकी आंच कांग्रेस शासित अन्य राज्यों में भी पहुंचने लगी है। कांग्रेस शासित दो अन्य प्रमुख राज्यों राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी इसकी तपन महसूस की जाने लगी है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तो यहां तक कह दिया है कि जरूरत पड़ने पर छत्तीसगढ़ में भी बजरंग दल पर बैन लगाया जाएगा। गहलोत सरकार के वरिष्ठ मंत्री बजरंग दल से जुड़े कार्यकर्ताओं पर सख्त कार्रवाई करने की बात कही है। मध्यप्रदेश में भी इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस और भाजपा नेताओं के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में यह मुद्दा अन्य चुनावी राज्यों तक भी पहुंच जाएगा और यह मुद्दा विधानसभा चुनावों में बड़ा फैक्टर बनकर उभरेगा।
पीएम मोदी के तीखे जवाब से गरमाया मुद्दा
यदि बात कर्नाटक की की जाए तो माना जा रहा है कि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र के जरिए भाजपा को हमलावर होने का बड़ा सियासी हथियार थमा दिया है। यही कारण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता और पदाधिकारी लगातार इस मुद्दे को उठाकर कांग्रेस को घेरने की कोशिश में जुट गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का तो यहां तक कहना है कि कांग्रेस ने पहले भगवान श्रीराम को ताले में बंद रखा और अब जय बजरंगबली बोलने वालों को भी बंद करना चाहती है। उन्होंने इसे भगवान हनुमान की पूजा करने वालों को ताले में बंद करने का प्रयास तक बता दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मुद्दे को उठाकर हिंदुत्व का बड़ा सियासी कार्ड चल दिया है। बुधवार को अपनी चुनावी सभा के दौरान अपने संबोधन से पहले और संबोधन के अंत में उन्होंने तीन-तीन बार बजरंगबली का जयकारा लगवाया। इससे समझा जा सकता है कि भाजपा किस तरह इस मुद्दे के जरिए हिंदू मतों को गोलबंद करने की कोशिश में जुट गई है।
बघेल बोले: छत्तीसगढ़ में भी लग सकता है बैन
इस बीच छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने का बयान देकर बजरंग दल से जुड़े इस मुद्दे पर और गरमा दिया है। छत्तीसगढ़ में भी इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं और इससे पहले बघेल ने कहा है कि जरूरत पड़ी तो छत्तीसगढ़ में भी बजरंग दल पर बैन लगाया जाएगा। उन्होंने बजरंग दल के कार्यकर्ताओं पर गुंडागर्दी करने का बड़ा आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा के बजरंग दल का नाम लेकर गुंडागर्दी करने वाले लोगों को सचेत हो जाना चाहिए क्योंकि उन्हें कानून अपने हाथ में लेने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने ऐसे तत्वों पर शिकंजा कसने का काम किया है और जरूरत पड़ने पर इस संगठन पर बैन भी लगाया जाएगा।
उन्होंने पीएम मोदी को जवाब देते हुए कहा कि बजरंग दल पर बैन लगाने की बात हुई है,बजरंगबली पर नहीं। बजरंगबली हमारे भी आराध्य हैं मगर उनके नाम पर गुंडागर्दी करना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि यह किसी को नहीं भूलना चाहिए कि भगवान श्रीराम का ताला कांग्रेस ने ही खुलवाया था। राजीव गांधी की सरकार ने इस दिशा में पहल की थी।
राजस्थान तक पहुंच गई आंच
बजरंग दल से जुड़े मुद्दे की आंच राजस्थान की सियासत तक भी पहुंच गई है। राज्य के वरिष्ठ मंत्री गोविंद राम मेघवाल ने बजरंग दल को लेकर एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने कहा कि बजरंग दल के कार्यकर्ता आपराधिक कामों में लगे हुए हैं। उन्होंने इस मामले में सख्त एक्शन लेने की बात भी कही। उन्होंने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व से चर्चा करने के बाद बजरंग दल के संबंध में की जाने वाली कार्रवाई पर आखिरी फैसला किया जाएगा।
सियासी जानकारों का कहना है कि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में बजरंग दल को लेकर किए गए अपने वादे से भाजपा को एक बार फिर हिंदुत्व के मुद्दे पर सबको एकजुट करने का मौका दे दिया है। अब यह देखने वाली बात होगी कि भाजपा इस मुद्दे को कितना भुना पाती है और कांग्रेस को कितना बड़ा झटका लगता है। वैसे राजस्थान और छत्तीसगढ़ के अलावा कई अन्य राज्यों में होने वाले चुनाव के दौरान यह मुद्दा छाए रहने की उम्मीद जताई जा रही है।
मध्य प्रदेश में भी भाजपा-कांग्रेस के बीच जुबानी जंग
मध्य प्रदेश में भी बजरंग दल के मुद्दे पर भाजपा और कांग्रेस नेताओं के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ की हनुमान भक्ति पर सवाल उठाए हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने बजरंग दल को कट्टर राष्ट्रवादी संगठन बताया है। उन्होंने कहा कि इस राष्ट्रवादी संगठन की तुलना पीएफआई जैसे आतंकवादी संगठन से की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने हिंदुत्व के मुद्दे का हर मौके पर विरोध किया है और अब उसका असली चेहरा उजागर हो गया है।
गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस की तुष्टिकरण की राजनीति से राष्ट्रभक्तों और राम व हनुमान भक्तों की भावनाएं आहत हुई हैं। उन्होंने कमलनाथ को एक पत्र लिखकर अपना रुख स्पष्ट करने की मांग भी की है।
दूसरी ओर कमलनाथ का कहना है कि मध्य प्रदेश में पार्टी का घोषणा पत्र एक कमेटी की ओर से तैयार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के साथ ही पूरा राज्य यह चाहता है कि नफरत फैलाने वालों पर कार्रवाई की जानी चाहिए। सामाजिक एकता के लिए यह कदम उठाया जाना जरूरी है। मध्यप्रदेश में भी इस साल विधानसभा चुनाव होने वाला है और इस कारण आने वाले दिनों में यह मुद्दा और गरमा सकता है।