Balakot Airstrike: बालाकोट एयरस्ट्राक के आज हुए चार साल, भारत ने ऐसे लिया था पुलवामा का बदला

Balakot Airstrike: 2019 के फरवरी माह में जब देश में अगले लोकसभा चुनाव को लेकर जबरदस्त गहमागहमी मची हुई थी, तब एक भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था।

Update:2023-02-26 12:53 IST

Balakot Airstrike Completes 4 Years (Photo: Social Media)

Balakot Airstrike: 2019 के फरवरी माह में जब देश में अगले लोकसभा चुनाव को लेकर जबरदस्त गहमागहमी मची हुई थी, तब एक भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। 14 फरवरी 2019 को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले में एक विस्फोटकों से लदी एक कार में भयंकर विस्फोट हुआ। इस आत्मघाती हमले में देश के 78 वीर जवान शहीद हो गए थे।

देश इसके शोक से निकला भी नहीं था कि पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने हमले की जिम्मेदारी लेकर भारतीयों का खून खौला दिया। हमले के फौरन बाद भारत में उच्च स्तर पर इसका मुंहतोड़ जवाब देने का निर्णय लिया गया। राजनीतिक और सैन्य स्तर पर पाकिस्तान को सबक सिखाने की सहमति बनने के बाद इसकी रणनीति बननी शुरू हो गई। भारतीय एयरफोर्स को इसका जिम्मा सौंपा गया। पुलवामा हमले के दो सप्ताह के भीतर भारतीय लड़ाकू विमानों ने अंतरराष्ट्रीय सीमारेखा को पार करते हुए आतंकी संगठन जैश के ठिकाने को तबाह कर दिया।

बालाकोट एयरस्ट्राइक से जुड़ी अहम बातें

भारतीय वायुसेना ने ऑपरेशन बंदर के तहत 26 फरवरी 2019 यानी आज ही के दिन पाकिस्तान के पूर्वोतर राज्य खैबर पख्तूनख्वाह के बालाकोट में एक मदरसे में स्थित जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी शिविरों पर बम बरसाए थे। विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स में 150 से 200 आतंकियों के मारे जाने की बात कही गई। इनमें जैश सरगना मसूद अजहर के साले समेत दर्जनभर बड़े आतंकी हमले शामिल थे।

26 फरवरी की आधी रात को मध्य प्रदेश के ग्वालियर स्थित एयरबेस से एयरफोर्स के मिराज 2000 विमानों ने ऑपरेशन के लिए टेकऑफ किया। भारतीय विमान पाक एयरस्पेस की निगरानी करने वाले तकनीक को चकमा देते हुए पाकिस्तान में दाखिल हो गए। इस दौरान 4 विमान एस्कार्ट कर रहे थे और पांच ने बालाकोट में जैश के आतंकी कैंपों पर बमबारी की। इस पूरे ऑपरेशन में भारतीय सेना ने पीओके में प्रवेश करने से लेकर भारत में लैंड होने तक मात्र मिनट का समय लिया था।

पाकिस्तान नहीं मानता ऐसी कोई स्ट्राइक हुई ?

48 साल बाद कोई भारतीय लड़ाकू विमान पाकिस्तान के एयरस्पेस में दाखिल हुआ था और न केवल दाखिल हुआ बल्कि आपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम देकर वापस भारत भी लौट आया। इस घटना ने पाकिस्तान की प्रतिष्ठा को काफी ठेस पहुंचाई। खासकर वहां की सर्वशक्तिशाली सेना के पास इसे खारिज करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं था। पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता आसिफ गफूर ने स्ट्राइक के कुछ समय बाद ही ट्वीट कर बताया कि भारतीय एयरफोर्स ने नियंत्रण रेखा को पार किया।

मुजफ्फराबाद सेक्टर में तीन-चार किलोमीटर भीतर घुस आए।हालांकि, उन्होंन बालाकोट में हुए एयरस्ट्राइक के बारे में कुछ नहीं कहा। भारतीय सेना द्वारा इसकी जानकारी देने के बाद पाकिस्तान की सेना और वहां की राजनीतिक लीडरशिप झूठ बोलने में लग गई। उन्होंने बालाकोट एयरस्ट्राइक को मानने से इनकार कर दिया। वहीं, दूसरी तरफ जहां ये स्ट्राइक हुआ था, वहां सुबह-सुबह आर्मी को तैनात कर दिया गया और काफी समय तक वहां पर आमलोगों और मीडिया को जाने नहीं दिया गया था।

अगले दिन पाकिस्तान ने की जवाबी कार्रवाई

बालाकोट एयरस्ट्राइक से खिसियाए पाकिस्तान ने दुनिया को भारत के विरूद्ध अपनी ताकत दिखाने के लिए अमेरिका से खरीदे गए एफ-16 और चीन से खरीदे गए जेएफ-17 से जवाबी कार्रवाई की। उन्होंने जम्मू कश्मीर के पूंछ सेक्टर में मौजूद ब्रिगेड मुख्यालय पर अब्राहम मिसाइल छोड़ा। लेकिन वह अपना निशाना चूक गई। भारतीय वायुसेना भी अलर्ट मोड में आ चुकी थी और कुछ लड़ाकू विमानों को मुकाबले के लिए पाक सीमा के नजदीक मुकाबले के लिए भेज दिया गया था।

भारत ने पाकिस्तानी एफ-16 को मार गिराया

सीमा के नजदीक पाकिस्तानी एयरफोर्स के लड़ाकू विमानों की गतिविधि को देखते हुए भारत ने भी अपने मिग-21 बायसन विमानों को तैनात कर दिया था। इन्हीं में से एक विमान अभिनंदन वर्धमान भी उड़ा रहे थे। हवा में उनकी पाकिस्तानी एफ-16 से डॉगफाइल भी हुई, जिसमें उन्होंने उसे मार गिराया था। यहां बता दें कि मिग-21 बायसन 50 साल पुरानी सोवियत तकनीक पर आधारित विमान है, जिसे भारत ने अपग्रेड कर कामचलाऊ बनाया है। वहीं, एफ-16 चौथी पीढ़ी का यूएस निर्मित लड़ाकू विमान है, जो हवा में करतब दिखाने में माहिर है।

यही वजह है कि इसे बड़ी घटना माना गया और भारतीय एयरफोर्स की जमकर तारीफ हुई थी। लेकिन डॉगफाइट के दौरान अभिनंदन वर्धमान का विमान भी पाकिस्तानी विमान से छोड़े गए मिसाइल का शिकार बन गया, जिसके कारण उन्हें इजेक्ट करना पड़ा। वर्धमान तब पाकिस्तानी सीमा में थे। नीचे गिरने पर उन्हें बंदी बना लिया गया। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय दवाब में पाकिस्तान को उन्हें कुछ ही दिनों में रिहा करना पड़ा था।

बताया जाता है कि मिग-21 में लगी पुरानी कम्यूनिकेशन डिवाइस के कारण अभिनंदन उस रेडियो संदेश को नहीं सुन पाए थे, जिसमें उन्हें वापस लौटने के लिए 'गो कोल्ड...गो कोल्ड...' यानी 'लौट आओ...लौट आओ' के कई संदेश भेजे गए थे। ये संदेश अंबाला स्थित इंटीग्रेटेड कमांड सेंटर से भेजे गए थे। इस घटना के बाद भारतीय वायुसेना ने सभी मिग विमानों में लगे पुराने रेडियो सेट्स को नए इजरायली रेडियो सेट्स से रिप्लेस करने का निर्णय लिया था। 

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