पगडंडियों पर नंगे पैर दौड़ने वाली बेटी आज वियतनाम में देश का नाम करेगी रोशन
‘उड़नपरी’ का नाम सुनते ही आपके मन में सबसे पहले पीटी ऊषा का नाम आता होगा क्योंकि वह इस नाम से काफी मशहूर हैं लेकिन क्या आपको पता है कि छत्तीसगढ़ के एक गांव के मजदूर की बेटी कौशल्या को भी लोग अब इसी नाम से जान रहे हैं।
रायपुर: ‘उड़नपरी’ का नाम सुनते ही आपके मन में सबसे पहले पीटी ऊषा का नाम आता होगा क्योंकि वह इस नाम से काफी मशहूर हैं लेकिन क्या आपको पता है कि छत्तीसगढ़ के एक गांव के मजदूर की बेटी कौशल्या को भी लोग अब इसी नाम से जान रहे हैं। कौशल्या भले ही एक बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखती हो लेकिन उसका लक्ष्य देश के लिए मैराथन में स्वर्ण जीतना है।
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इसके लिए वह रोज सख्त पगडंडियों पर नंगे पैर 25 किलोमीटर दौड़ती है, जोकि बिल्कुल भी आसान काम नहीं है। मगर 20 वर्षीय कौशल्या ध्रुव ने इसे ही अपने अभ्यास का जरिया बना लिया है क्योंकि उसके पास और कोई साधन नहीं है। छत्तीसगढ़ का नाम वह राष्ट्रीय स्तर की विभिन्न मैराथन प्रतियोगिताओं में रोशन कर चुकी है।
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अब वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम रोशन करना चाहती है। उसके इस इंतजार की घड़ियां भी अब समाप्त होने वाली हैं क्योंकि आज वियतनाम में आयोजित होने जा रही दक्षिण-पूर्व एशिया मैराथन में कौशल्या भारतीय दल का प्रतिनिधित्व कर रही है। बता दें, कौशल्या के पिता एक मजदूर हैं। उनका खर्चा मजदूरी से बस किसी तरह निकल आता है। घर की माली हालत बेहद खराब है। मगर इसके बावजूद कौशल्या देश के लिए कुछ बड़ा करना चाहती है।
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