वैक्सीन का इस्तेमाल: भारतीयों के लिए जानना जरूरी, टीकाकरण में इतना समय
भारत में प्रत्येक व्यक्ति को टीकाकरण (Vaccination) करने के लिए 30 मिनट का समय लगेगा। वहीं एक बार में सौ लोगों को ही वैक्सीन लगाई जाएगी।
नई दिल्ली: देश समेत दुनियाभर में तेजी से कोरोना वायरस (Corona Virus) का संक्रमण फैल रहा है। अब तक दुनियाभर में महामारी की वजह से छह करोड़ 79 लाख 38 हजार 995 लोग संक्रमित हो चुके हैं। जबकि 15 लाख से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। ऐसे में लोग बेसब्री से कोविड-19 वैक्सीन (Covid-19 Vaccine) इंतजार कर रहे हैं। वहीं कोरोना वायरस वैक्सीन को लेकर दुनियाभर के तमाम देशों ने खुशखबरी दी है। माना जा रहा है कि वैक्सीन के इस्तेमाल को अब कुछ ही समय बचा है।
फाइजर और सीरम ने वैक्सीन के इस्तेमाल की मांगी इजाजत
अगर भारत की बात की जाए तो यहां पर फाइजर और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute Of India) ने DCGI यानी ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से कोरोना वैक्सीन ‘कोविशील्ड’ के इमरजेंसी इस्तेमाल (Emergency Use) की अनुमति मांगी है। इस बीच वैक्सीन (Corona Virus Vaccine) को किस तरह इस्तेमाल करना है, इसे लेकर भी सरकार की योजनाएं सामने आ रही हैं।
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Vaccination में लगेगा 30 मिनट का समय
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, शीर्ष सरकारी सूत्रों से जानकारी मिली है कि प्रत्येक व्यक्ति को टीकाकरण (Vaccination) करने के लिए 30 मिनट का समय लगेगा। वहीं एक बार में केवल सौ लोगों को ही वैक्सीन लगाई जाएगी। सूत्रों के मुताबिक, कोविन ऐप के जरिए ही Vaccination के सत्रों और टीकाकरण के केंद्र की जानकारी मिलेगी।
Vaccination Center में होंगे तीन अलग-अलग कमरे
सूत्रों की मानें तो वैक्सीन के वैक्सीनेशन की योजना बनाने के फेज में इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि प्रत्येक Vaccination Center में वैक्सीन लगाने के लिए तीन अलग-अलग कमरे हों। इनमें से एक कमरे में उन्हें बैठाया जाएगा, जिन्हें कोरोना वैक्सीन की खुराक देनी है। इसके बाद उन्हें दूसरे कमरे में भेजा जाएगा। वहां उनको कोरोना वायरस वैक्सीन लगाई जाएगी। वहीं तीसरे कमरे में उन्हें 30 मिनट तक बैठाया जाएगा। जानकारी के मुताबिक, ऐसा इसलिए किया जाएगा क्योंकि 30 मिनट के दौरान मरीजों के शरीर में वैक्सीन के प्रभाव की निगरानी की जाएगी।
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‘कोविशील्ड’ का ट्रायल और उत्पादन कर रही है सीरम
जानकारी के लिए आपको बता दें कि हाल ही में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute Of India) ने DCGI से ‘कोविशील्ड’ के इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति मांगी है। ऐसा करने वाली सीरम देश की पहली स्वदेशी कंपनी है। गौरतलब है कि सीरम ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित की गई कोविड-19 वैक्सीन ‘कोविशील्ड’ का इंडिया में ट्रायल और उत्पादन कर रही है। इसी वैक्सीन के इस्तेमाल के लिए इजाजत मांगी गई है। इसके लिए सीरम ने महामारी के दौरान तत्कालिक मेडिकल जरूरतों और व्यापक स्तर पर जनता के हित का हवाला दिया है।
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