शाह को खाना खिलाने वाले बाउल गायक बासुदेव दास, अब ममता की रैली में दिखे

बाउल गायक बासुदेव दास बीरभूम जिले के बोलपुर में मंगलवार को हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की रैली में शामिल हुए। इस रैली में बाउल गायक बासुदेव दास गाना गाते हुए नजर आए। जिन्होनें अपने घर केंद्रीय गृहमंत्री मंत्री अमित शाह को खाना खिलाया था।

Update: 2020-12-30 07:29 GMT
शाह को खाना खिलाने वाले बाउल गायक बासुदेव दास, अब ममता की रैली में दिखे

कोलकाताः केंद्रीय गृहमंत्री मंत्री अमित शाह ने 20 दिसंबर को अपने बंगाल दौरे के दौरान बाउल गायक बासुदेव दास के घर खाना खाया था। बाउल गायक बासुदेव दास बीरभूम जिले के बोलपुर में मंगलवार को हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की रैली में शामिल हुए। इस रैली में बाउल गायक बासुदेव दास गाना गाते हुए नजर आए। जो ममता की रैली में शरीक हुए। बता दें कि बासुदेव ने अपने हाथों से खाना बनाकर अमित शाह को खिलाया था। इसके साथ ही उन्होंने गृहमंत्री को गाना भी सुनाया था।

दीदी और अमित शाह जी दोनों ने मुझे सम्मान दिया- बासुदेव दास

कार्यक्रम में शामिल होने के बाद बासुदेव दास ने कहा है कि 'ममता 'दीदी' और अमित शाह दोनों ही मेरे दिल के बहुत करीब हैं।' दास ने कहा कि 'मैं यहां परफॉर्म करने के लिए आया था। आज दीदी (ममता बनर्जी) ने मुझे फोन किया तो मैं यहां हूं अगर भाजपा का कोई मुझे आमंत्रित करता है तो मैं उनकी रैली में भी परफॉर्म करूंगा। बाउल समुदाय सभी का है। दीदी और अमित शाह जी दोनों ने मुझे सम्मान दिया।'

गाने के बोल 'तोमय हृद मझहरे राखिबो छेरे देबो ना'

ममता बनर्जी के कार्यक्रम में भी बासुदेव दास ने वही गाना सुनाया जो उन्होंने अमित शाह को सुनाया था। गाने के बोल 'तोमय हृद मझहरे राखिबो छेरे देबो ना' जिसका मतलब होता है 'आपको दिल के अंदर जगह देंगे और कहीं जाने नही देंगे।'

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आप कुछ विधायक खरीद सकते हैं, लेकिन टीएमसी को नहीं-ममता बनर्जी

रैली के दौरान भाजपा पर निशाना साधते हुए सीएम ममता ने कहा कि 'आप कुछ विधायक खरीद सकते हैं, लेकिन टीएमसी को नहीं खरीद सकते। कुछ विधायकों के पार्टी छोड़ने से कोई फर्क नहीं पड़ता, जनता हमारे साथ है।'

जो लोग महात्मा गांधी का सम्मान नहीं करते, वे 'सोनार बांग्ला' बनाने की बात करते हैं-ममता बनर्जी

मुख्यमंत्री ने कहा कि 'विश्व भारती के कुलपति भाजपा के आदमी हैं, वह सांप्रदायिक राजनीति को बढ़ावा दे रहे हैं, विश्वविद्यालय की धरोहर को नुकसान पहुंचा रहे हैं। जब मैं विश्व-भारती में सांप्रदायिक राजनीति के लिए कोशिशें होते देखती हूं तो मुझे बुरा लगता है। जो लोग महात्मा गांधी और देश के अन्य महापुरूषों का सम्मान नहीं करते, वे ‘सोनार बांग्ला’ बनाने की बात करते हैं।'

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