अलर्ट हो जाएं पेंशन धारकों: सरकार ने लिया ये बड़ा फैसला...
1 फरवरी को आम बजट 2020 पेश हुआ, जिसमें इनकम टैक्स सिस्टम का ऐलान किया गया। जिसके बाद से ही आम लोग इसे लेकर काफी कन्फ्यूज हैं। खासतौर से सेविंग्स स्कीम्स को लेकर लोगों में काफी ज्यादा कन्फ्यूजन है।
नई दिल्ली: 1 फरवरी को आम बजट 2020 पेश हुआ, जिसमें इनकम टैक्स सिस्टम का ऐलान किया गया। जिसके बाद से ही आम लोग इसे लेकर काफी कन्फ्यूज हैं। खासतौर से सेविंग्स स्कीम्स को लेकर लोगों में काफी ज्यादा कन्फ्यूजन है। इसी तरह के एक स्कीम एनपीएस यानी नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) को लेकर भी काफी ज्यादा उलझनें बनी हुई हैं। तो चलिए आज हम आपको बताने जा रहे हैं नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के बारे में-
यह भी पढ़ें: राज ठाकरे की हिंदू पॉलिटिक्स: पाकिस्तानी-बांग्लादेशी घुसपैठियों पर बोलेंगे आज हल्ला
1 मई, 2009 से नेशनल पेंशन सिस्टम की हुई शुरुआत
नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) आज देश भर में बचत का एक लोकप्रिय ऑप्शन बना हुआ है। यह योजना 11 साल पहले 1 मई, 2009 में शुरु की गई थी। NPS को निजी क्षेत्र (Private Sector) या अन-ऑर्गनाइज्ड सेक्टर (Un-Organized Sector) में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए भी शुरू किया गया था। इसके फायदे को देखते हुए कुल 1.25 करोड़ सब्सक्राइबर्स एनपीएस से जुड़े हुए हैं, जिनमें से 44 लाख प्राइवेट सेक्टर से हैं। दरअसल, यह एक पेंशन सेविंग स्कीम है जो भविष्य में वित्तीय सुरक्षा (Financial Security) देती है।
4 हजार रुपये लगा बना सकते हैं 60 लाख का फंड
एक्सपर्ट के अनुसार, कर्मचारी NPS में हर माह 4 हजार रुपये लगाकर 30 साल में 60 लाख रुपये का फंड बना सकते हैं। आपको बता दें कि नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) 1 जनवरी, 2004 के बाद नौकरी से जुड़ने वाले केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए शुरु किया गया था। इसके बाद राज्य सरकारों ने भी अपने कर्मचारियों के लिए NPS को अनिवार्य कर दिया। उसके बाद स्वैच्छिक आधार पर सभी भारतीय नागरिकों के लिए मई, 2009 से एनपीएस का विस्तार किया गया। फिर दिसंबर, 2011 से यह कॉरपोरेट्स और अक्टूबर, 2015 से एनआरआई के लिए लाया गया था।
यह भी पढ़ें: बैंक खाताधारकों के लिए बड़ी खबर: मर्ज होने जा रहे ये बैंक, जल्द निपटा लें अपने काम
इनकम टैक्स ऑप्शन के बाद क्या हुए बदलाव
बहुत से लोगों में अभी भी इस बात को लेकर उलझन बरकार है कि बजट के नए इनकम टैक्स ऑप्शन के बाद नेशनल पेंशन सिस्टम यानि एनपीएस में क्या-क्या बदलाव होंगे। एक्सपर्ट का कहना है कि अगर आप इनकम टैक्स (Income Tax) की नए सिस्टम को अपनाते हैं तो आपने जो एनपीएस में डेढ़ लाख (1.5 लाख) रुपये का निवेश (Investment) किया है उस पर 80C के तहत टैक्स छूट नहीं मिलेगी। लेकिन 80CCCD (2) के तहत आपको 50 हजार रुपये तक की छूट दी जाएगी। अगर आसान तरीके से समझा जाए तो आपकी कंपनी की तरफ से NPS में किए गए निवेश (Investment) पर टैक्स छूट बरकरार रहेगी। प्रस्ताव के अनुसार, EPF और NPS की कुल रकम 7.5 लाख रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
समय से पहले NPS से रकम निकालनी हो तो क्या करें?
अगर आपको समय से पहले NPS से रकम निकालनी हो तो इसके लिए भी प्रोसेस सेम है। इसके लिए जब से आपका NPS शुरु हुआ है, उसके तीन साल के बाद आपका जितना भी फंड इकट्ठा हुआ है। इसमें से कंपनी के फंड को अलग कर आप उसका 25 प्रतिशत निकाल सकते हैं। लेकिन इसके लिए आपको वजहें बतानी होगी।
यह भी पढ़ें: दिल्ली से मुंबई व हावड़ा रूट पर 160 Km की रफ्तार से दौड़ेंगी ट्रेन, जानिए क्यों?