Bengal Violence: TMC नेता ने बताई साजिश, राष्ट्रपति शासन की मांग, 3 की मौत, मुर्शिदाबाद हिंसा की जानें पूरी अपडेट्स

Bengal Violence: बंगाल में वक्फ कानून के विरोध में हुई हिंसा से अभी भी तनाव बना हुआ है। कोई इसे साजिश बता रहा तो कुछ ने बंगाल में राष्ट्रपति शासन और AFSPA की मांग की है।;

Update:2025-04-14 15:51 IST

Bengal Violence: पश्चिम बंगाल में वक्फ कानून के खिलाफ 10 अप्रैल से हिंसा जारी है, जिससे तनाव का माहौल है। अब तृणमूल कांग्रेस (TMC) नेता और पूर्व सांसद कुणाल घोष ने कुछ ऐसा कह दिया, जिससे सियासत गरमा गई है। दरअसल, कुणाल घोष ने मुर्शिदाबाद हिंसा के पीछे बीजेपी और दूसरी राजनीतिक पार्टियों के होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि बंगाल में हिंसा की घटनाओं के पीछे एक बड़ी साजिश रची गई थी। आइये बंगाल में हुई हिंसा की पूरी कहानी जानते हैं।

'मुर्शिदाबाद हिंसा को लेकर BSF-BJP ने रची साजिश'

TMC नेता और पूर्व सांसद कुणाल घोष ने दावा किया कि मुर्शिदाबाद में हिंसा केंद्रीय एजेंसियों, BSF के एक सेक्शन और कुछ राजनीतिक दलों की एक बड़ी साजिश हो सकती है। उन्होंने आगे कहा, हमें कुछ इनपुट मिले हैं कि मुर्शिदाबाद हिंसा के पीछे एक बड़ी साजिश थी। कुछ उपद्रवियों ने एंट्री की, अराजकता पैदा की और फिर BSF ने उन्हें वापस जाने में मदद की। यह इनपुट सच है या नहीं, इसकी जांच होनी चाहिए।

कुणाल घोष ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में दूसरों राज्यों की फोटो का इस्तेमाल करके उसे मुर्शिदाबाद का बताया। झूठे प्रचार और नकली पोस्ट दिखाकर उनका मकसद बंगाल के लोगों को भड़काने का है, लेकिन ममता बनर्जी के नेतृत्व में सरकार और पार्टी इस साजिश का मुकाबला करने की कोशिश कर रही है।

बंगाल में राष्ट्रपति शासन और AFSPA की मांग

बंगाल हिंसा के बाद बीजेपी विधायक सुवेंदु अधिकारी ने राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि राज्य में चुनाव से पहले राष्ट्रपित शासन लगाया जाना चाहिए और उसी के तहत चुनाव कराना चाहिए।

मामले में केंद्रीय जल शक्ति राज्यमंत्री राजभूषण चौधरी ने भी राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है । उन्होंने कहा कि बंगाल में हिंदुस्तान की नहीं बल्कि रोहिंग्या की सरकार है, वहां कानून व्यवस्था के लिए राष्ट्रपति शासन लगाना चाहिए।

बता दें कि सुवेंदु अधिकारी ने इससे पहले कलकत्ता हाईकोर्ट में याचिका दायर करते हुए बंगाल हिंसा की जांच NIA से कराने की मांग की थी। हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए 12 अप्रैल को हिंसाग्रस्त इलाकों में सुरक्षा बलों की तैनाती के आदेश दिए। साथ ही हाईकोर्ट ने कहा कि वह इस मामले में आंख बंद नहीं कर सकते हैं। मुर्शिदाबाद में जहां-जहां हिंसा हुई है, वहां केंद्रीय सुरक्षा बल की तैनाती की जाए।

बंगाल के हालात को देखते हुए बीजेपी सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो ने AFSPA की मांग भी की थी। उन्होंने कहा था कि कश्मीरी पंडितों की तरह बंगाली हिंदुओं का भी शिकार हो रहा है इसलिए वह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जी से अनुरोध करता हूं कि 1958 अधिनियम की धारा 3 के तहत बंगाल में आफ्सा लगाई जाए।

500 लोगों ने किया पलायन, 3 लोगों की मौत

मुर्शिदाबाद के धुलियान में लगभग 500 लोग पलायन कर चुके हैं। इन सभी लोगों ने मालदा के वैष्णवनगर में एक स्कूल में शरण ली। इनका आरोप है कि उनके घरों में आगजनी की गई और पीने वाले पानी में जहर मिला दिया गया।

शनिवार को मुर्शिदाबाद, नॉर्थ 24 परगना, हुगली और मालदा जिलों में भी हिंसक विरोध प्रदर्शन हुआ। इसमें 3 लोगों की मौत हो गई और 15 पुलिसकर्मी भी घायल बताए गए। पुलिस ने अभी तक मामले में 150 लोगों को गिरफ्तार किया है। केंद्र सरकार ने हिंसाग्रस्त इलाकों में 1600 जवान तैनात किए हैं, जिनमें 300 BSF जवान हैं। इसके अलावा हिंसाग्रस्त इलाकों में इंटरनेट सेवा भी बंद है।

हिंसा के बीच यूसुफ पठान की फोटो वायरल

बंगाल की स्थिति के बीच TMC सांसद और पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान की एक फोटो वायरल हुई, जिसमें वह चाय पीते दिख रहे। इस फोटो पर काफी विवाद हुआ। बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि बंगाल जल रहा है और इन सबके बीच यूसुफ पठान चाय का मजा लेते हुए हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों का आनंद ले रहे हैं।


CM ममता बनर्जी ने क्या कहा?

बंगाल हिंसा मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 12 अप्रैल को कहा था कि वक्फ कानून राज्य में नहीं लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा, कानून केंद्र ने बनाया है इसलिए आपको जो जवाब चाहिए वह केंद्र से मांगिए। मेरी आप सबसे यही अपील है कि आप शांति बनाए रखें क्योंकि सबकी जान कीमती है। राजनीति के लिए दंगे न भड़काएं।

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