सरकार का एलान: बकरीद पर बड़ा फैसला, मस्जिदों में रहेगी ये पाबंदी

कर्नाटक राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि कोविड-19 महामारी को देखते हुए ईदगाह और अन्य स्थानों पर सामूहिक नमाज को प्रतिबंधित किया गया है।

Update:2020-07-26 21:42 IST

बेंगलुरु: मुस्लिमों का बड़ा त्योहार ईद-उल-अजहा बकरीद आने के करीब है। इस त्योहार को लेकर अब हर राज्य में व्यवस्था शुरू हो गई है। लेकिन कोविड-19 की वजह से इस बार इस त्योहार की रौनक फीकी रहेगी। जिसको लेकर राज्य सरकारों द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए एक साथ ज्यादा लोगों के एक साथ इकट्ठा न होने और नमाज पढ़ने को लेकर नई गाइडलाइन और नियम जारी किए जा रहे हैं। इसी क्रम में कर्नाटक सरकार ने एक समय में अधिकतम 50 लोगों के साथ केवल मस्जिदों में ही ईद-उल-अजहा बकरीद की नमाज अदा करने की अनुमति दी है।

राज्य में दो दिन मनाई जाएगी बकरीद

कर्नाटक राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि कोविड-19 महामारी को देखते हुए ईदगाह और अन्य स्थानों पर सामूहिक नमाज को प्रतिबंधित किया गया है। अल्पसंख्यक कल्याण और वक्फ विभाग के सचिव ए बी इब्राहिम ने शुक्रवार को जारी एक आदेश में कहा कि नमाज के लिए मस्जिदों में जाने वाले लोगों को फेस मास्क पहनना होगा और सामाजिक दूरी बनाए रखनी होगी।

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अल्पसंख्यक कल्याण और वक्फ विभाग के सचिव ने कहा कि हिलाल समिति ने फैसला किया है कि ईद-उल-अजहा, जिसे बकरीद भी कहा जाता है। 31 जुलाई को उडुपी, दक्षिण कन्नड़ और कोडागु जिलों में मनाई जाएगी। जबकि राज्य के बाकी हिस्सों में यह एक अगस्त को मनाई जाएगी।

50 से ज्यादा लोगों को एकसाथ नमाज की अनुमति नहीं

आदेश में कहा गया कि बकरीद के दौरान मुसलमान सामूहिक नमाज में भाग लेते हैं। लेकिन कोविड-19 महामारी देखते हुए ईदगाह और अन्य स्थानों पर ऐसे आयोजनों को निषिद्ध कर दिया गया है। विभाग ने आदेश में कहा कि हालांकि, मस्जिदों में प्रतिबंध के साथ नमाज की अनुमति दी जाएगी। जिसमें 50 से अधिक लोगों को एकसाथ भाग नहीं लेना होगा।

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अधिक लोग होने पर नमाजियों के अलग-अलग समूह बनाए जा सकते हैं। आदेश में कहा गया है कि किसी भी अन्य जगहों जैसे हॉल, सामुदायिक भवन और 'शादी महल' में सामूहिक नमाज आयोजित नहीं की जानी चाहिए। कर्नाटक ने मंदिरों, मस्जिदों और अन्य पूजा स्थलों को 8 जून से भक्तों के लिए खोले जाने की अनुमति दे दी थी।

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