खतरे की घंटी: संकट के इस दौर में कोरोना क्रिमिनल्स से भी रहें सावधान
कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। दुनिया भर में लोग लॉक डाउन की स्थिति में हैं, परेशान हैं और चिंतित हैं। लेकिन इन हालातों में भी अपराधी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे।
लखनऊ: कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। दुनिया भर में लोग लॉक डाउन की स्थिति में हैं, परेशान हैं और चिंतित हैं। लेकिन इन हालातों में भी अपराधी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे।
फर्क इतना है कि आपराध ऑनलाइन हो रहे हैं। जालसाजों ने कोरोना वायरस के डर को अपना जरिया बनाया है और इसके डर के जरिए दुनिया भर के लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं।
कभी डब्लूएचओ का अधिकारी बनकर ठगी की जा रही है तो कभी कोविड-19 के नाम पर फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों को अपना शिकार बनाया जा रहा है। इन अपराधियों ने एक नया तरीका भी ढूंढ लिया है जिसमें एक धमकी भरा ई-मेल भेजकर कहा जा रहा है कि अगर यूजर ने उन्हें पैसे नहीं दिए तो वे यूजर की फैमिली के किसी सदस्य को कोरोना वायरस से संक्रमित कर देंगे।
इसके अलावा ये भी धमकी दी जा रही है कि उनको यूजर के सब राज पता हैं और अगर बिटक्वाइन के जरिये पेमेंट नहीं किया गया तो पूरी फैमिली को कोरोना वायरस से ग्रसित कर दिया जाएगा। धमकी वाली चिट्ठी में यूजर के ईमेल का पुराना पासवर्ड भी दिया जाता है।
इसके अलावा घरों को डिसइनफेक्ट करने के नाम पर ठगने का धंधा भी चल रहा है। कई देशों में कोरोना के नाम पर कम्प्यूटर में
स्पाम के जरिये वायरस भेजे जा रहे हैं जिससे पूरा डेटा उड़ जाता है। जालसाज कंप्यूटर में वायरस भेज कर फिर एन्टी वायरस डालने के लियी रकम ऐंठते का धंधा भी चला रहे हैं।
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कहां कितने मामले आये सामने
- इंग्लैंड में फरवरी से कोरोना के नाम पर जालसाजी के 105 मामले दर्ज किए गए हैं।
- नीदरलैंड में जालसाजों ने अस्पतालों को फेस मास्क बेचने के नाम पर करोड़ों यूरो ठगने की कोशिश की।
- अमेरिका में कोरोना लॉकडाउन के दरमियान नेटफ्लिक्स का मुफ्त सब्स्क्रिप्शन देने के नाम पर कंप्यूटर डेटा चुरा लिया गया।
- डब्लूएचओ का अधिकारी बन कर ठगों ने अकेले इंग्लैंड में करीब 10 लाख पौंड की रकम ठगी है।
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सावधान रहें
- अगर आपके पास धमकी भरा कोई भी ईमेल आता है तो आपको बिलकुल डरने की जरूरत नहीं है। पिछले कुछ सालों में हुए किसी डेटा लीक में हो सकता है आपका पासवर्ड लीक हो गया हो।
- कोरोना संबंधी जानकारी के लिए सिर्फ आधिकारिक साइट पर ही जाएँ। भारत
समेत लगभग हर देश ने आधिकारिक साइट बनाई है। इसके अलावा डब्लूएचओ की साइट देखें।
- वेबसर्फिंग करते वक्त कोरोना से संबन्धित किसी संदिग्ध लिंक पर क्लिक नहीं करें।
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