Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में भुजबल कर सकते हैं सियासी खेल, फडणवीस से मुलाकात के बाद BJP में जानें की अटकलें
Maharashtra Politics: मंत्री पद न मिलने से नाराज छगन भुजबल ने आज मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की।
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में अजित पवार से नाराज चल रहे एनसीपी के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल के अगले सियासी काम को लेकर अटकलों का बाजार गरम हो गया है। महाराष्ट्र सरकार में मंत्री पद न मिलने से नाराज छगन भुजबल ने आज मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की। इस दौरान छगन भुजबल के साथ उनके भतीजे समीर भुजबल भी थे। इस मुलाकात के बाद महाराष्ट्र के सियासी गलियारों में यह चर्चा तेज हो गई है कि भुजबल भाजपा का दामन थाम सकते हैं।
महाराष्ट्र में महायुति की बड़ी जीत के बाद छगन भुजबल को उम्मीद थी कि उन्हें कैबिनेट मंत्री का पद मिलेगा मगर ऐसा नहीं हुआ। इसके बाद भुजबल ने आरोप लगाया था कि फडणवीस उन्हें अपनी सरकार में शामिल करना चाहते थे मगर अजित पवार की वजह से ऐसा नहीं हो सका। भुजबल समर्थकों की ओर से भी यह बात कही जा रही है कि ऐसे सियासी हालात में उन्हें भाजपा में शामिल हो जाना चाहिए।
फडणवीस ने किया ख्याल रखने का वादा
मुख्यमंत्री फडणवीस से मुलाकात के बाद छगन भुजबल ने कहा कि मुख्यमंत्री का कहना है कि महाराष्ट्र में महायुति की जीत में ओबीसी मतदाताओं की बड़ी भूमिका है और हम ओबीसी समुदाय और उसके नेताओं का पूरा ख्याल रखेंगे। भुजबल ने कहा की फडणवीस ने मुझसे कहा कि मुझे 8-10 दोनों का वक्त दीजिए। हम फिर मुलाकात करेंगे और फिर यह तय करेंगे कि ओबीसी और इस बिरादरी के नेताओं के कल्याण के लिए हम क्या कर सकते हैं।
महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में खुद को शामिल न किए जाने के मुद्दे पर भुजबल ने कहा कि इस स्थिति से लोग परेशान हैं और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को इस बारे में पूरी जानकारी है। भुजबल के इस बयान को बड़ा संकेत माना जा रहा है और जानकारों का कहना है कि वे आने वाले दिनों में बड़ा सियासी कदम उठा सकते हैं।
मंत्री न बनाए जाने से नाराज हैं भुजबल
महाराष्ट्र में ओबीसी बिरादरी का बड़ा चेहरा माने जाने वाले छगन भुजबल अपनी पार्टी एनसीपी के नेता अजित पवार से इन दिनों खासे नाराज चल रहे हैं। खुद को मंत्री ने बनाए जाने के बाद नाराजगी में उन्होंने कहा था कि मैं किसी के हाथ का खिलौना नहीं हूं कि जब चाहा खेला और जब चाहा रख दिया। इसके साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की खुलकर तारीफ भी की थी। उनका कहना था कि फडणवीस उन्हें अपने मंत्रिमंडल में शामिल करना चाहते थे मगर एनसीपी नेता की वजह से यह संभव नहीं हो सका।
मंत्री पद न मिलने के बाद छगन भुजबल ने लगातार अपनी सक्रियता बढ़ा रखी है। हाल के दिनों में उन्होंने ओबीसी समुदाय के कई प्रतिनिधियों से मुलाकात की है और कई बड़े कार्यक्रमों में हिस्सा लिया है। छगन भुजबल के करीबियों का कहना है कि उनकी वजह से अजित पवार की एनसीपी को ओबीसी बिरादरी का भरपूर समर्थन मिला मगर चुनाव नतीजे आने के बाद अजित पवार का रुख पूरी तरह बदल गया।
अगले सियासी कदम पर लगी हैं निगाहें
अब मुख्यमंत्री फडणवीस से मुलाकात के बाद भुजबल के अगले सियासी कदम को लेकर महाराष्ट्र के सियासी गलियारों में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं। भुजबल अपने क्षेत्र के लोगों से भी चर्चा करने में जुटे हुए हैं। जानकारों का कहना है कि भुजबल के समर्थकों और करीबियों का कहना है कि ऐसे माहौल में उन्हें अब आगे एनसीपी में नहीं रहना चाहिए।
भुजबल समर्थकों की ओर से उन पर भाजपा में शामिल होने का दबाव बनाया जा रहा है। ऐसे माहौल में भुजबल की फडणवीस से मुलाकात का अलग सियासी मतलब निकाला जा रहा है। जानकारों का कहना है कि अगले कुछ दिनों के दौरान महाराष्ट्र में बड़ा सियासी खेल होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।