भारत भवन का स्थापना दिवसः मुख्य अतिथि ये महिला, इसी इमारत में की मजदूरी

चित्रकार भूरीबाई ने बताया कि 40 साल पहले इस भारत भवन निर्माण से मेरा परिचय हुआ था लेकिन मुझे नहीं पता था कि यह मेरे जीवन को पूरी तरह से बदल कर रख देगा। इसके साथ उन्होंने बताया कि मैं इस इमारत में दिहाड़ी मजदूरी पर काम करती थी।

Update: 2021-02-12 12:56 GMT
भारत भवन का स्थापना दिवसः मुख्य अतिथि ये महिला, इसी इमारत में की मजदूरी photos (social media)

भोपाल : एक दिहाड़ी मजदूरी पर काम करने वाली महिला ने कभी अपने सपने में भी नहीं सोचा था कि उसे पद्मश्री पुरस्कार से भी सम्मानित किया जाएगा। इस महिला का नाम भूरीबाई है। आज भूरीबाई प्रख्यात चित्रकार के रूप में जानी जाती हैं। कल यानी 13 फरवरी को भारत भवन का 39 वां स्थापना दिवस मनाया जा रहा है इस खास मौके पर इसमें मुख्य अतिथि के रूप में भूरीबाई नजर आएंगी।

चित्रकार भूरीबाई का सफर

भारत भवन निर्माण के दौरान भूरीबाई दिहाड़ी मजदूरी पर ईटा पत्थर ढोया करती थी। जिसमें उन्हें 6 रुपए प्रतिदिन की मजदूरी मिलती थी। आपको बता दें कि उन्हें चित्रकारी करने का बेहद शौक था उनकी इस कला को भारत भवन के पहले प्रमुख जे स्वामीनाथन ने पहचाना और इन्हें इस चित्रकला के क्षेत्र में आगे बढ़ने का मौका दिया। इस क्षेत्र में आगे बढ़ना भूरीबाई के लिए आसान नहीं था। लेकिन इन्होंने हार कभी नहीं मानी। आज यह सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि अंतर्राष्ट्रीय भी अपनी पहचान बनाई है।

भारत भवन निर्माण में ईटा पत्थर ढोया करती थी

चित्रकार भूरीबाई ने बताया कि 40 साल पहले इस भारत भवन निर्माण से मेरा परिचय हुआ था लेकिन मुझे नहीं पता था कि यह मेरे जीवन को पूरी तरह से बदल कर रख देगा। इसके साथ उन्होंने बताया कि मैं इस इमारत में दिहाड़ी मजदूरी पर काम करती थी। मेरा कला से परिचय जे स्वामीनाथन ने कराया था अगर वो मेरे जीवन में नहीं आते तो मेरे लिए यहां तक पहुंचना नमुमकिन था। भारत भवन का 39 वां स्थापना दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में आएंगी।

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चित्रकार भूरीबाई को पद्मश्री से सम्मानित करने हुई की घोषणा

जे स्वामीनाथन ने एक दिन मुझसे पूछा कि क्या तुम संस्कृति शादी पर चित्र बना सकती हो मैंने कहा कि बना तो दूंगी लेकिन मेरी दिहाड़ी मजदूरी का क्या होगा। तब उन्होंने कहा मैं इस चित्र बनाने के 150 रुपए दूंगा मैंने 10 दिन तक काम किया। इस काम का मुझे 1500 रुपए मिले मैं इन रुपयों को जब घर लेकर पहुंची तो मेरे पति ने कहा कि कोई गलत काम करके तो नहीं आई हो। आपको बता दें कि हाल ही में इन्हें पद्मश्री से सम्मानित करने की घोषणा की गई है।

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