बजट में किसानों के लिए बड़ा एलान संभव, कृषि सेक्टर पर फोकस बढ़ने की उम्मीद

सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य तय कर रखा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर समय-समय पर इस बात पर जोर देते रहे हैं कि सरकार का लक्ष्य अगले साल तक किसानों की आय में दोगुना बढ़ोतरी करने का है।

Update: 2021-01-24 07:59 GMT
बजट में किसानों के लिए बड़ा एलान संभव, कृषि सेक्टर पर फोकस बढ़ने की उम्मीद

अंशुमान तिवारी

नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से एक फरवरी को पेश किए जाने वाले केंद्रीय बजट का हर वर्ग को बेसब्री से इंतजार है। यह बजट ऐसे समय में पेश किया जाने वाला है जब केंद्र सरकार की ओर से पारित नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाल रखा है और वे इन कानूनों की वापसी की मांग पर अड़े हुए हैं।

ऐसे में हर किसी की नजर इस बात पर टिकी है कि किसानों को लेकर बजट में क्या घोषणा की जाती हैं। नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के बड़े आंदोलन को देखते हुए माना जा रहा है कि सरकार किसानों के हित में कुछ बड़े उपायों की घोषणा कर सकती है।

किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य

सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य तय कर रखा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर समय-समय पर इस बात पर जोर देते रहे हैं कि सरकार का लक्ष्य अगले साल तक किसानों की आय में दोगुना बढ़ोतरी करने का है। ऐसे में माना जा रहा है कि कृषि सेक्टर और किसानों को राहत पहुंचाने वाली बड़ी योजनाओं का एलान किया जा सकता है।

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इंफ्रास्ट्रक्चर पर होगा सरकार का जोर

जानकारों का कहना है कि वित्त वर्ष 2021-22 में सरकार का फोकस कृषि और उससे जुड़े सेक्टर पर बने रहने की उम्मीद है। केंद्र सरकार किसानों की आय बढ़ाना चाहती है। किसान हितों के लिए समय-समय पर सरकार की ओर से घोषणाएं की जाती रही हैं। ऐसे में आने वाले बजट में भी कृषि क्षेत्र से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर पर विशेष जोर दिया जा सकता है।

अतिरिक्त फंड का आवंटन संभव

इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्र के बुनियादी ढांचे से जुड़ी विभिन्न योजनाओं के लिए भी अतिरिक्त फंड का आवंटन किया जा सकता है। सरकार का मकसद इस आवंटन के जरिए कृषि क्षेत्र की तस्वीर बदलना होगा। भंडारण की सुविधा न होने के कारण किसानों को अभी तक काफी नुकसान उठाना पड़ता है। किसानों की ओर से भंडारण की सुविधाएं बढ़ाने की मांग कई बार की जा चुकी है ताकि सरप्लस उत्पादन होने पर उन्हें कृषि उत्पादों को औने-पौने दामों में बेचकर घाटा न उठाना पड़े। सरकार की ओर से किसानों की इस महत्वपूर्ण मांग को पूरा करने की दिशा में भी कदम उठाए जा सकते हैं।

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दो लाख करोड़ का आवंटन

सरकार ने वित्त वर्ष 2020-21 के बजट में कृषि क्षेत्र के लिए दो लाख करोड़ रुपए के प्रावधान किया था। इतनी बड़ी राशि का अधिकांश उपयोग नगद प्रोत्साहन और सब्सिडी के मद में ही किया गया है। कृषि सेक्टर के बुनियादी ढांचे से जुड़े विकास के लिए काफी कम फंड का आवंटन किया गया।

किसान सम्मान निधि के जरिए मदद

मौजूदा समय में सरकार की ओर से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के जरिए किसानों की मदद की जा रही है। इस योजना के तहत किसानों को हर वित्त वर्ष में तीन किस्तों में 6000 रुपए की मदद दी जा रही है। सरकार का कहना है कि मदद की राशि छोटी जरूर है मगर इस राशि से किसान अपनी छोटी मोटी जरूरतें पूरी कर सकते हैं। छोटे किसानों को सरकार की मदद से फायदा पहुंचने के बात भी कहीं जा रही है।

किसान हितैषी छवि बनाएगी सरकार

आने वाले दिनों में पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु सहित कोई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में सरकार की ओर से किसान हितैषी होने की छवि बनाने की कोशिश जरूर की जाएगी। यही कारण है कि माना जा रहा है कि बजट में कृषि सेक्टर और किसानों के लिए लोकलुभावन घोषणाएं की जा सकती हैं।

किसानों को देश की तरक्की और विकास की रीढ़ माना जाता रहा है और किसान राजनीतिक दलों का भविष्य तय करने में भी बड़ी भूमिका निभाते रहे हैं। ऐसे में सरकार किसानों के लिए बड़ी घोषणाएं करके उनका दिल जीतने की कोशिश कर सकती है।

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किसान आंदोलन का दिखेगा असर

मौजूदा समय का माहौल भी सरकार को किसानों के लिए बड़ी घोषणाएं करने के लिए मजबूर करेगा। सरकार की ओर से पारित नए कृषि कानूनों के खिलाफ तमाम किसान संगठन एकजुट हो गए हैं और उन्होंने सरकार के रवैये को किसान विरोधी बताते हुए बड़ा हमला बोला है।

सरकार और किसान संगठनों के बीच कई दौर की बातचीत के बावजूद किसानों का आंदोलन अभी तक समाप्त नहीं हुआ है और उनका कहना है कि उन्हें नए कानूनों की वापसी से कम कुछ भी मंजूर नहीं है। जानकारों का कहना है कि ऐसे माहौल में सरकार किसानों के लिए बड़ी घोषणाएं करके उनका दिल जीतने की कोशिश जरूर करेगी।

इसके साथ ही खेती को देश की अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार माना जाता रहा है। ऐसे में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण किसानों के लिए बड़ी घोषणाएं करके उनका समर्थन पाने की कोशिश कर सकती हैं।

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