उपहार अग्निकांड पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, अंसल ब्रदर को मिली राहत
बता दें कि सर्वोच्च न्यायालय ने इस बाबत 13 फरवरी को ही आदेश दिया है, लेकिन उसे अब जारी किया गया है। ध्यान रहे कि जून 1997 में हुए उपहार सिनेमा अग्निकांड में 59 लोगों की मौत हो गई थी।
नई दिल्ली: उपहार अग्निकांड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने रियल एस्टेट टायकून अंसल बंधुओं (सुशील अंसल और गोपाल अंसल) को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने मामले में पीड़ितों की ओर से दाखिल क्यूरेटिव याचिका को खारिज कर दिया है। इसके अलावा कोर्ट ने खुली अदालत में मामले की सुनवाई करने की मांग को भी ठुकरा दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि क्यूरेटिव पीटिशन में कोई मेरिट नहीं है।
बता दें कि सर्वोच्च न्यायालय ने इस बाबत 13 फरवरी को ही आदेश दिया है, लेकिन उसे अब जारी किया गया है। ध्यान रहे कि जून 1997 में हुए उपहार सिनेमा अग्निकांड में 59 लोगों की मौत हो गई थी।
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पीड़ितों ने जेल भेजने की मांग की थी
उपहार सिनेमा अग्निकांड के पीड़ितों ने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पीटिशन दाखिल कर अंसल बंधुओं को जेल भेजने की मांग की थी। शीर्ष अदालत ने पीड़ितों की याचिका में कोई दम नहीं पाया और उसे खारिज कर दिया। इससे पहले वर्ष 2015 में अंसल बंधुओं पर 30-30 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया था। क्यूरेटिव पीटिशन खारिज होने के साथ ही अंसल बंधुओं को जेल भेजने की मांग भी ठुकरा दी गई है।
13 जून 1997 का वो काला दिन
पीठ ने हालांकि उसके छोटे भाई गोपाल अंसल से मामले में शेष बची एक साल की सजा पूरी करने को कहा था। एवीयूटी ने सुधारात्मक याचिका दायर करके इस फैसले पर पुनर्विचार किए जाने का अनुरोध किया था। दिल्ली के उपहार सिनेमा में 13 जून 1997 को ‘बॉर्डर’ फिल्म के प्रदर्शन के दौरान लगी आग में 59 लोग मारे गए थे।
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