Bharat Jodo Yatra: विपक्षी एकता को नीतीश ने दिया जोर का झटका, कांग्रेस के न्योते पर भी नहीं जाएंगे यात्रा में
Bharat Jodo Yatra: 30 जनवरी को गांधीजी के पुण्यतिथि पर भारत जोड़ो यात्रा का समापन कार्यक्रम रखा गया है। इसमें बिहार की दोनों सत्तारूढ़ पार्टियों जदयू एवं राजद के अलावा 24 सियासी दलों को आमंत्रित किया गया है।
Bharat Jodo Yatra: जम्मू कश्मीर में भारत जोड़ो यात्रा के समापन के मौके पर विपक्षी एकता की कवायद में जुटी कांग्रेस को सीएम नीतीश कुमार ने जोर का झटका दिया है। बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन का नेतृत्व कर रही जदयू ने कांग्रेस के न्योत को ठुकरा दिया है। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की ओर से आए आमंत्रण पत्र के जवाब में बिहार सीएम के शामिल होने पर असमर्थता जाहिर की है।
गौरतलब है कि 30 जनवरी को गांधीजी के पुण्यतिथि पर भारत जोड़ो यात्रा का समापन कार्यक्रम रखा गया है। इसमें बिहार की दोनों सत्तारूढ़ पार्टियों जदयू एवं राजद के अलावा 24 सियासी दलों को आमंत्रित किया गया है। नीतीश ने जहां खुलकर शामिल न होने की बात कह दी है। वहीं, राजद की ओर से भी अभी तक कोई जवाब नहीं आया है। ऐसे में इसे विपक्षी एकता की कवायद को झटका माना जा रहा है।
जदयू ने पत्र में बनाया यह बहाना
बिहार में महागठबंधन में कांग्रेस की साथ सरकार चला रही जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने नागालैंड विधानसभा चुनाव का बहाना बनाया है। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह मुंगेर से लोकसभा सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे को लिखे जवाबी खत में कहा, 30 जनवरी को ही उनकी पार्टी नागालैंड में चुनाव प्रचार की शुरूआत करने वाली है। उनका वहां मौजूद रहना जरूरी है। इसलिए वह राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के समापन कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाएंगे।
नीतीश पहले भी जता चुके हैं अनिच्छा
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने की अटकलों को पहले भी खारिज कर चुके हैं। पिछले दिनों कांग्रेस अध्यक्ष की ओर से भेजे गए खत के बारे में जब उनसे सवाल किया गया था, तब उन्होंने इसे महज कांग्रेस पार्टी की यात्रा बताई थी।
24 सियासी दलों को भेजा गया था न्योता
कांग्रेस ने भारत जोड़ो यात्रा के समापन के मौके पर देश की 24 छोटी-बड़ी पार्टियों को बुलावा भेजा है। इनमें पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन, बिहार सीएम नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे, शरद पवार और अखिलेश यादव जैसे बड़े नाम शामिल हैं।
हालांकि, कांग्रेस पार्टी ने दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल और तेलंगाना सीएम केसीआर जैसे बड़े चेहरों को बुलावा नहीं भेजा है। ऐसे में नीतीश और तेजस्वी के कन्नी काटने से 2024 से पहले विपक्षी एकता की मुहिम को तगड़ा लगा है।