Bihar: ‘नीतीश कुमार और उनके विधायकों को बम से उड़ा देंगे’, डीजीपी को धमकी भरा मैसेज भेजने वाला गिरफ्तार

Bihar: राज्य के पुलिस महानिदेशक को आए एक धमकी भरी मैसेज ने पुलिस महकमे में हड़कंप मचा दिया है। डीजीपी आरएस भट्टी को फोन पर धमकी मिली है।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update: 2024-02-15 04:40 GMT

Nitish Kumar (photo: social media )

Bihar: बिहार में जब से सत्ता परिवर्तन हुआ है, तब से वहां हलचल है। नई एनडीए सरकार की अगुवाई कर रही जदयू के अंदर घमासान मचा हुआ है। एक विधायक दूसरे विधायक के ऊपर केस दर्ज करा रहा है, तो कोई नेतृत्व की है खुलकर आलोचना कर रहा है। इन सबके बीच राज्य के पुलिस महानिदेशक को आए एक धमकी भरी मैसेज ने पुलिस महकमे में हड़कंप मचा दिया है। डीजीपी आरएस भट्टी को फोन पर धमकी मिली है।

डीजीपी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके विधायकों को बम से उड़ाने की धमकी दी गई है। जानकारी के मुताबिक, धमकी देने वाले ने कहा कि सीएम नीतीश से कहिए कि बीजेपी से हट जाएं, नहीं तो बम से उड़ा देंगे और उनके विधायकों को भी मारेंगे। डीजीपी भट्टी को ये धमकी व्हाट्सएप मैसेज और ऑडियो क्लिप भेज कर दी गई है।

कर्नाटक से आरोपी गिरफ्तार

राज्य के मुख्यमंत्री और उनकी पार्टी के विधायकों को जान से मारने की धमकी मिलने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। डीजीपी के निर्देश पर आननफानन में आला अधिकारी मामले की जांच में जुट गए। मामले की जांच आर्थिक अपराध ईकाई (EOU) को सौंपी गई। EOU ने नंबर ट्रेस कर आरोपी को कर्नाटक से गिरफ्तार किया। उसे कल यानी बुधवार रात को पटना लाया गया है। फिलहाल आरोपी से पूछताछ जारी है>

30 जनवरी को डीजीपी को मिली थी धमकी

बिहार के पुलिस महानिदेशक आरएस भट्टी को 30 जनवरी को ये धमकी भरा मैसेज प्राप्त हुआ था। धमकी मोबाइल नंबर 8431233508 से आया था। ट्रैक करने पर इसका लोकेशन कर्नाटक के दावणगेरे में मिला। जिसके बाद एक टीम वहां के लिए रवाना हुई और कर्नाटक पुलिस की मदद से दावणगेरे से सोनू नामक शख्स को पकड़ा। आरोपी यहां बीएनएम हाईटेक एग्रो इंडस्ट्रीज राइस मिल में बोरा सिलाई का काम करता है। सोनू समस्तीपुर जिले के हसनपुर क्षेत्र के दयानगर का रहने वाला है और बिहार में बढ़ती बेरोजगारी और महंगाई के लिए वहां की सरकार को जिम्मेदार मानता है। इसलिए उसने ये हरकत की। 

पांच साल में तीसरी बार नीतीश ने ली सीएम पद की शपथ

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 28 जनवरी को राजद को बड़ा झटका देते हुए महागठबंधन छोड़ने का ऐलान किया और एनडीए में शामिल हो गए। इसी दिन उन्होंने शाम में बीजेपी के दो उपमुख्यमंत्रियों के साथ इस साल तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। 12 फरवरी को उन्होंने विधानसभा में बहुमत साबित किया। इस दौरान जदयू-भाजपा दोनों में असंतोष के स्वर देखे गए।

जदयू के पांच और बीजेपी के तीन विधायकों के पाला बदलने की चर्चा जोरों पर थी। बताया जाता है कि इन आठ विधायकों की मदद से राजद ने नीतीश सरकार को गिराने की पूरी तैयारी कर ली थी लेकिन सत्तारूढ़ खेमे को ऐन वक्त पर इसकी भनक लग गई। जिसके बाद उन्होंने राजद के ही तीन विधायकों को तोड़ लिया।

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