महागठबंधन का घोषणापत्रः वादों की भरमार, सबसे ज्यादा फोकस रहा इनपर...
महागठबंधन के घोषणापत्र को बदलाव का संकल्प पत्र नाम दिया गया है। घोषणापत्र में सबसे बड़ा वादा अगली कैबिनेट में दस लाख नौजवानों को रोजगार देने का किया गया है।
अंशुमान तिवारी
पटना। बिहार में विधानसभा चुनाव की गरमाहट बढ़ने के साथ ही महागठबंधन ने अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है। नवरात्र के पहले दिन महागठबंधन के साझा घोषणापत्र में बिहार में बदलाव लाने का वादा किया गया है। घोषणापत्र में राजद, कांग्रेस और वाम दलों की ओर से सरकार गठन के बाद बिहार में तय की गई प्राथमिकताओं का जिक्र किया गया है।
घोषणा पत्र जारी करने के मौके पर महागठबंधन की ओर से सीएम का चेहरा तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि बिहार में बदलाव लाने के लिए इस बार सरकार को बदलना जरूरी हो गया है।
घोषणापत्र में वादों की भरमार
महागठबंधन के घोषणापत्र को बदलाव का संकल्प पत्र नाम दिया गया है। घोषणापत्र में सबसे बड़ा वादा अगली कैबिनेट में दस लाख नौजवानों को रोजगार देने का किया गया है। इसके साथ ही भर्ती परीक्षाओं के लिए भरे जाने वाले आवेदनों की फीस माफ करने और परीक्षा केंद्रों तक जाने का सरकार की ओर से किराया देने का वादा भी किया गया है।
महागठबंधन में शामिल दलों ने कहा है कि हमारा संकल्प है कि हम बिहार से होने वाले पलायन को खत्म करेंगे। इसके साथ ही राज्य में कर्पूरी श्रम सहायता केंद्र खोले जाएंगे जिससे लोगों की मदद करने में सरकार को आसानी होगी। शिक्षकों के लिए समान काम समान वेतन का वादा भी पूरा करने की बात कही गई है।
नवरात्र के पहले दिन बिहार बदलने का संकल्प
महागठबंधन का घोषणापत्र जारी करते समय राजद, कांग्रेस और वाम दलों के प्रमुख नेता मौजूद थे। इस मौके पर राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि आज नवरात्र का पहला दिन है और कलश की स्थापना की गई है। कलश स्थापना के दिन संकल्प लिया जाता है और इसी दिन हम बिहार बदलने का संकल्प ले रहे हैं।
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इस मौके पर उन्होंने पत्रकारों के सवालों के जवाब में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला करते हुए कहा कि 15 साल तक राज करने के बाद अब वे बिहार को बदलने के लिए पांच साल और मांग रहे हैं। उनसे पूछा जाना चाहिए कि पिछले 15 सालों के दौरान उन्होंने बिहार के लिए क्या किया।
नीतीश को मजदूरों और गरीबों की चिंता नहीं
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी ने कहा कि जिस मुख्यमंत्री के पास मजदूरों और बाढ़ पीड़ितों से मिलने का भी समय नहीं था, वह बिहार के गरीबों के लिए क्या कर सकता है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान मजदूरों को इतनी तकलीफ उठानी पड़ी मगर नीतीश कुमार ने एक बार भी मजदूरों की सुध नहीं ली।
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उनके कार्यकाल में बिहार से लोगों का बड़े पैमाने पर पलायन हुआ है और इसका कारण यह है कि यहां पर कारखाने और उद्योग नहीं लगाए गए। अब इस बाबत सवाल पूछने पर नीतीश कुमार इधर-उधर की बातें करने लगते हैं और मुख्य मुद्दों पर बहस के लिए तैयार नहीं है।
सुरजेवाला ने तेजस्वी को नया तेज बताया
साझा घोषणापत्र जारी करने के लिए हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि बिहार के लोगों को समझना होगा कि यह चुनाव नई दशा बनाम दुर्दशा का चुनाव है। यह चुनाव नया रास्ता और नया आसमान बनाम हिंदू मुसलमान का चुनाव है। मतदाताओं को यह भी समझना होगा कि उन्हें नए तेज बनाम फेल तजुर्बे में से किसी एक का चुनाव करना है।
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उन्होंने चुनाव में महागठबंधन के मजबूत होने का दावा करते हुए कहा कि एनडीए के लोग मुद्दों पर बहस करने के लिए तैयार नहीं हैं और मतदाताओं को भरमा कर चुनाव जीतने की कोशिश में जुटे हुए हैं मगर मतदाता इस बार एनडीए की हकीकत समझ चुका है। बिहार से निकला संदेश देश की सियासत को काफी प्रभावित करेगा।
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