Rajya Sabha: ओडिशा में बीजू जनता दल ने किया अश्विनी वैष्णव को समर्थन देने का ऐलान, चुनाव में BJP ने बदल डाले समीकरण

Rajya Sabha Election: भाजपा को अपने उम्मीदवार को जिताने के लिए 16 अतिरिक्त मतों की जरूरत थी मगर अब बीजू जनता दल ने भाजपा की मुश्किलें खत्म कर दी हैं।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2024-02-14 14:01 IST

Rajya Sabha Election: भाजपा ने ओडिशा से राज्यसभा चुनाव में केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पार्टी का उम्मीदवार बनाया है। अश्विनी वैष्णव को चुनाव जीतने के लिए भाजपा को 16 विधायकों के अतिरिक्त मतों की जरूरत थी मगर राज्य में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल ने अश्विनी वैष्णव के समर्थन का ऐलान करके भाजपा की मुश्किलें कम कर दी हैं।

बीजू जनता दल की ओर से किए गए समर्थन के इस ऐलान को राज्य में नए सियासी समीकरण का संकेत माना जा रहा है। वैसे मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान कई अन्य महत्वपूर्ण मौकों पर भी बीजू जनता दल की ओर से भाजपा को समर्थन दिया जा चुका है। अब राज्यसभा चुनाव के दौरान भी राज्य के समीकरण बदले हुए नजर आ रहे हैं।

बीजू जनता दल के समर्थन से खत्म हुईं मुश्किलें

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को भाजपा ने ओडिशा से दूसरी बार राज्यसभा भेजने का फैसला किया है। आज भाजपा की ओर से राज्यसभा के पांच उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया गया। इस सूची में मध्य प्रदेश में होने वाले राज्यसभा चुनाव के लिए भाजपा के चार उम्मीदवारों के नाम हैं जबकि ओडिशा से अश्विनी वैष्णव का नाम घोषित किया गया है।

ओडिशा विधानसभा में भाजपा के पास सिर्फ 22 विधायक हैं जबकि सत्तारूढ़ बीजू जनता दल के पास 109 विधायक हैं। कांग्रेस के पास राज्य में सिर्फ नौ विधायक हैं। ओडिशा में चुनाव जीतने के लिए उम्मीदवार को पहली प्राथमिकता के 38 वोटों की जरूरत है। भाजपा को अपने उम्मीदवार को जिताने के लिए 16 अतिरिक्त मतों की जरूरत थी मगर अब बीजू जनता दल ने भाजपा की मुश्किलें खत्म कर दी हैं।

अश्विनी वैष्णव की राह हुई आसान

ओडिशा में बीजू जनता दल की ओर से इस बार के राज्यसभा चुनाव में पूर्व विधायक देवाशीष और यूथ विंग के उपाध्यक्ष सुभाशीष खूंटिया को उम्मीदवार बनाया गया है। बीजू जनता दल के दोनों उम्मीदवार अपना नामांकन दाखिल कर चुके हैं। ऐसे में तीसरा उम्मीदवार कौन होगा,इस बात को लेकर राज्य के सियासी हल्कों में काफी चर्चाएं सुनी जा रही थीं।

अब बीजू जनता दल की ओर से जारी बयान के बाद इन चर्चाओं पर विराम लग गया है। बीजू जनता दल ने राज्य की तीसरी सीट पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को समर्थन देने का ऐलान कर दिया है। बीजू जनता दल ने पिछले राज्यसभा चुनाव के दौरान भी वैष्णव को समर्थन दिया था। बीजू जनता दल के समर्थन से अश्विनी वैष्णव की सियासी राह काफी आसान हो गई है क्योंकि उन्हें बीजू जनता दल के बचे हुए वोटो के साथ भाजपा के 22 विधायकों का भी समर्थन हासिल होगा।

नए सियासी समीकरण का संकेत

बीजू जनता दल की ओर से किए गए ऐलान को राज्य में नए समीकरण का संकेत माना जा रहा है। सियासी जानकारों का मानना है कि इससे संकेत मिलता है कि 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद जरूरत पड़ने पर दोनों दल एक साथ आ सकते हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी भाजपा और बीजू जनता दल के एक होने का आरोप पहले से ही लगाते रहे हैं।

बीजू जनता दल का यह ऐलान इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योकि जहां एक ओर विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया में बिखराव की स्थिति दिख रही है तो दूसरी ओर भाजपा नए साथियों को साधने की कोशिश में जुटी हुई है। पार्टी को इस काम में कामयाबी भी मिल रही है। हाल के दिनों में नीतीश कुमार के एनडीए में शामिल होने के बाद राष्ट्रीय लोकदल के मुखिया जयंत चौधरी ने भी हाल में एनडीए में शामिल होने का ऐलान किया था। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने भी मंगलवार को भाजपा की सदस्यता ग्रहण की है। 

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