Bilkis Bano Gangrape Case: 11 दोषियों की रिहाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं बिलकिस बानो, पुनर्विचार की मांग
Bilkis Bano Gangrape Case: बिलकिस बानो गैंगरेप मामले के 11 दोषियों को गुजरात सरकार ने माफी दे दी थी। जिसके बाद इसी साल 15 अगस्त को उन्हें गोधरा जेल से रिहा कर दिया गया था।
Bilkis Bano Gangrape Case: गैंगरेप पीड़िता बिलकिस बानो एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट की शरण में हैं। बिलकिस बानो ने शीर्ष अदालत में पुनर्विचार याचिका दायर की है। उन्होंने 13 मई के आदेश पर पुनर्विचार की मांग की है। ज्ञात हो, पिछले आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि गैंगरेप के दोषियों की रिहाई मामले में 1992 में बने नियम लागू होंगे। जिसके बाद इस केस के 11 दोषियों की रिहाई हो गई थी। आज यह मामला सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ के सामने रखा गया। सीजेआई ने कहा, कि वह विचार करेंगे कि Review Petition को उसी बेंच के सामने लगाया जाए।
इसी साल 13 मई को सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस बानो मामले में एक दोषी की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि, सजा 2008 में मिली। इसलिए रिहाई के लिए 2014 में गुजरात में बने कड़े नियम लागू नहीं होंगे।शीर्ष अदालत ने तब 1992 के नियम का हवाला दिया था। जिसके बाद गुजरात सरकार ने इसी आधार पर 14 साल की सजा काट चुके लोगों को रिहा कर दिया था। अब एक बार फिर बिलकिस बानो सर्वोच्च न्यायालय के 13 मई के आदेश पर पुनर्विचार की मांग कर रही हैं। पीड़िता का कहना है कि यह केस जब महाराष्ट्र में चला, तो नियम भी वहां के लागू होंगे। गुजरात के नहीं।
क्या था मामला?
बिलकिस बानो गुजरात की रहने वाली हैं। साल 2002 के गोधरा दंगों (Godhra Riots 2002) के दौरान बिलकिस के साथ गैंगरेप हुआ था, साथ ही उसके परिवार के 7 सदस्यों की हत्या कर दी गई थी। इस जघन्य कांड के 11 दोषियों की समय से पहले रिहाई को चुनौती देते हुए बुधवार (30 नवंबर) को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। लाइव लॉ (live law) की रिपोर्ट की मानें तो बिलकिस बानो ने सुप्रीम कोर्ट के मई के आदेश को चुनौती देते हुए रिव्यु पिटीशन दायर की। इस याचिका में गुजरात सरकार को दोषियों की सजा पर निर्णय लेने की अनुमति दी गई थी।
CJI ने ये कहा
बिलकिस बानो गैंगरेप मामले को सूचीबद्ध करने के लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ (Chief Justice DY Chandrachud) के समक्ष उल्लेख किया गया था। सीजेआई ने कहा है कि वो तय करेंगे कि क्या दोनों याचिकाओं को एक साथ और एक ही पीठ के सामने सुना जा सकता है।
स्वतंत्रता दिवस को हुई थी रिहाई
बिलकिस बानो गैंगरेप मामले के 11 दोषियों को गुजरात सरकार ने सजा से माफी दे दी थी। जिसके बाद सभी को 15 अगस्त को जेल से रिहा कर दिया गया था। ये सभी गोधरा उप-कारागार में बंद थे। दोषियों की रिहाई के बाद से ही इस मामले को लेकर राज्य और केंद्र सरकार पर लगातार सवाल खड़े होने लगे थे। विपक्षी पार्टियों ने भी इसे लेकर सरकार को घेरा था।