संजय गांधी ने छोड़ दी थी पढ़ाई, जानिए कैसे बने थे पायलट
गांधी परिवार और कांग्रेस के दिवंगत नेता संजय गांधी का आज 14 दिसंबर को 73वीं जयंती है। कांग्रेस परिवार के सबसे छोटे शहजादे संजय गांधी का जन्म 14 दिसंबर 1946 को हुआ था और वह भारतीय राजनीतिक में अपना एक अहम प्रभाव रखते थे।
नई दिल्ली: गांधी परिवार और कांग्रेस के दिवंगत नेता संजय गांधी का आज 14 दिसंबर को 73वीं जयंती है। कांग्रेस परिवार के सबसे छोटे शहजादे संजय गांधी का जन्म 14 दिसंबर 1946 को हुआ था और वह भारतीय राजनीतिक में अपना एक अहम प्रभाव रखते थे। लेकिन 23 जून 1980 को एक प्लेन दुर्घटना में उनकी मौत हो गई।
संजय गांधी की प्लेन दुर्घटना में मौत होने के बाद केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी और 3 साल के वरुण गांधी ने तब इंदिरा गांधी परिवार को छोड़ दिया था। तो आइए आज हम आपको बताते हैं उनकी जिंदगी से जुड़ी कुछ रोचक बातें...
ये भी देखें:शिरडी में गायब हो रहे हैं साईंबाबा के भक्त! सबसे ज्यादा लापता हो रही महिलाएं
संजय गांधी के बारे में कुछ खास बातें....
उन्होंने देहरादून के दून स्कूल से पढ़ाई की लेकिन उसके बाद उनका मन पढ़ाई नहीं लगा इसलिए वो कॉलेज नहीं गए। कॉलेज गए बिना ही वह पायलट बन गए थे। उन्होंने ऑटोमोटिव इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और रोल्स-रॉयस के साथ इंग्लैंड में ट्रेनिंग की, उन्हें प्लेन उड़ाने के साथ-साथ स्पोर्ट्स कारों में भी बहुत दिलचस्पी थी।
देश में मारुति कारों का दौर संजय गांधी की देन थी। उन्होंने देश में मारुति उद्योग की स्थापना की।
एक दशक था जब कांग्रेस में संजय गांधी के सबसे करीबियों में कमलनाथ और जगदीश टाइटलर को माना जाता था। जब भी कभी संजय के बयानों को बचाव करना होता था तो जगदीश टाइटलर हमेशा सामने आ जाते। मारुति की स्थापना के दौरान टाइटलर ने खूब समर्थन किया था।
संजय गांधी युवा कांग्रेस को फिर से संगठित करने के लिए काफी हद तक जिम्मेदार थे। आपातकाल के दौरान संजय गांधी ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
ये भी देखें:आज आधी रात से लागू होगा FastTag, ये खास बातें जान लीजिए कोई नहीं बतायेगा
ऐसा कहा जाता है कि संजय इतने होशियार थे कि इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री काल के दौरान कांग्रेस के सबसे लोकप्रिय नेताओं में वो सबसे कम उम्र में ऊपर पहुंच गए थे। वो जन्मजात नेता थे। लेकिन युवा कांग्रेस के लिए संजय गांधी अंतिम चेहरा भी थे।