West Bengal Politics: ‘5-6 महीने में गिर जाएगी ममता सरकार’ मोदी कैबिनेट में शामिल मंत्री का बड़ा दावा

West Bengal Politics: उत्तर 24 परगना जिले के बनगांव लोकसभा सीट से सांसद शांतनु ठाकुर केंद्र में बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग राज्यमंत्री हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी के एक प्रोग्राम में कहा, मैं गारंटी दे सकता हूं कि वर्तमान राज्य सरकार 5-6 महीने से अधिक नहीं चलेगी।

Update: 2023-07-17 05:45 GMT
West Bengal Politics (photo: social media )

West Bengal Politics: पंचायत चुनाव के दौरान हुई भारी हिंसा को लेकर पश्चिम बंगाल का सियासी पारा इन दिनों चढ़ा हुआ है। इन चुनावों में सत्ताधारी तृणमुल कांग्रेस ने विराट जीत हासिल की है। हालांकि, विपक्षी पार्टियां जिसमें बीजेपी से लेकर लेफ्ट और कांग्रेस तक शामिल हैं, का कहना है कि टीएमसी ने सत्ता का दुरूपयोग कर यह जीत हासिल की है। इन सबके बीच पश्चिम बंगाल से बीजेपी के लोकसभा सांसद और मोदी सरकार में मंत्री शांतनु ठाकुर ने ममता सरकार को लेकर बड़ा दावा किया है।

उत्तर 24 परगना जिले के बनगांव लोकसभा सीट से सांसद ठाकुर केंद्र में बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग राज्यमंत्री हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी के एक प्रोग्राम में कहा, मैं गारंटी दे सकता हूं कि वर्तमान राज्य सरकार 5-6 महीने से अधिक नहीं चलेगी। अगर टीएमसी ने हाल ही में संपन्न हुए पंचायत चुनावों में बड़े पैमाने पर धांधली न की होती तो बीजेपी को हजारों सीटें और मिलतीं।

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने भी किया दावा

ममता सरकार पर खतरे की भविष्यावाणी करने वाले केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर अकेले भाजपा नेता नहीं हैं। उनके बयान के कुछ ही समय बाद बंगाल बीजेपी अध्यक्ष और लोकसभा सांसद सुकांत मजूमदार ने भी उनकी बातों को रिपीट करते हुए कहा कि पांच-छह महीने में ममता सरकार गिर सकती है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार निर्वाचित विधायकों के समर्थन से काम करती है। यह संभव है कि कभी भी विधायकों का एक समूह सरकार से अपना समर्थन वापस ले ले, जिसके बाद सरकार खतरे में आ सकती है। मजूमदार ने कहा कि यह एक संभावना है और राजनीति में कोई भी संभावना कभी भी सामने आ सकती है।

बंगाला में आर्टिकल 355 लगाने की मांग

पश्चिम बंगाल के बालुरघाट लोकसभा सीट से सांसद सुकांत मजूमदार ने पंचायत चुनाव में हुई हिंसा का हवाला देते हुए केंद्र से राज्य में आर्टिकल 355 लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि बंगाल में वर्तमान में जो स्थिति है, उसके लिए केंद्र के दखल की जरूरत है। बता दें कि संविधान में आर्टिकल 355 के जरिए केंद्र सरकार को यह शक्ति दी गई है कि वो किसी भी राज्य की कानून व्यवस्था अपने हाथों में ले सकती है। राज्य में सरकार का अस्तित्व बना रहेगा लेकिन लॉ एंड ऑर्डर से जुड़े फैसले केंद्र लेगा। जैसी कि फिलहाल उत्तर-पूर्वी राज्य मणिपुर में हो रहा है।

टीएमसी ने बीजेपी पर किया पलटवार

पश्चिम बंगाल में बीते 12 सालों से सत्ता पर काबिज टीएमसी ने बीजेपी नेताओं के दावे पर पलटवार किया है। तृणमुल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेन्दु अधिकारी भी पहले इस तरह के अनुमान लगाते थे। अब बीजेपी के नेता समय बताकर भविष्यवाणी कर रहे हैं। उनके सपने कभी पूरे नहीं होंगे। घोष ने कहा कि बंगाल में बीजेपी का कोई जनाधार नहीं है।

बता दें कि हाल ही में संपन्न हुए पंचायत चुनाव में व्यापक हिंसा देखने को मिली थी, जिसमें दर्जनों राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता मारे गए थे। हिंसा को लेकर ममता सरकार की तीखी आलोचना जारी है। पंचायत चुनावों के जब नतीजे आए तो एकबार फिर टीएमसी सबसे बड़ी पार्टी बनी। वहीं बीजेपी दूसरे, लेफ्ट-कांग्रेस गठबंधन तीसरे स्थान पर रही।

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